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इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश, अब फिजिकल और वर्चुअल दोनों तरीके से होगी सुनवाई

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Published : Jan 3, 2022, 10:59 PM IST

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुकद्दमों की सुनवाई (Allahabad High Court Hearing) प्रक्रिया में बदलाव किया है. न्यायालय प्रशासन ने हाईब्रिड मोड अपनाने का फैसला किया है.

allahabad high court hearing
allahabad high court hearing

प्रयागराज: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने 3 जनवरी से खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई बंद कर सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही सुनवाई करने का फैसला किया था. लेकिन पहले ही दिन बड़ी संख्या में वकीलों ने इसका विरोध किया. वकीलों के विरोध के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब मंगलवार से फिजिकल और वर्चुअल दोनों ही तरह से मुकदमों की सुनवाई होगी. जो वकील फिजिकल सुनवाई चाहते हैं, वो अदालत में खड़े होकर बहस सकते हैं. वहीं, जो वकील भीड़ से बचना चाहते हैं, वो वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर सकते हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी चीफ जस्टिस से ऐतराज जताया था. वकीलों के एतराज के चलते हाईकोर्ट ने व्यवस्था में एक बार फिर बदलाव किया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमाम पाबंदियां रहेंगी. किसी भी कोर्ट रूम में एक बार में 10 से ज्यादा वकीलों को एंट्री नहीं दी जाएगी. वकीलों के बैठने के लिए फिर छह कुर्सियां ही रहेंगी. उन्हीं वकीलों को एंट्री दी जाएगी, जिनके मुकदमे संबंधित कोर्ट में होंगे. कोर्ट कैंपस और कोर्ट रूम में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा.

वकीलों ने कहा कि इससे उनका जीवन भी सुरक्षित रहेगा और लोगों को न्याय भी मिलता रहेगा. महानिबंधक आशीष गर्ग की अधिसूचना के अनुसार अब केवल नये मामले ही सीमित संख्या में कोर्ट में लगेंगे. इसके अलावा अति आवश्यक व पहले से निर्धारित तिथि वाले केसों की ही सुनवाई होगी. जमानत अर्जियों व बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की नियमित सुनवाई जारी रहेगी.

न्याय कक्षों में सीमित संख्या में अधिवक्ता प्रवेश करेंगे. जिनके केस की सुनवाई होने वाली होगी, वो ही कोर्ट रूम में जायेंगे. शेष कोविड 19 नियमों का पालन करते हुए बाहर इंतजार करेंगे. वकीलों ने भीड़ से बचने के लिए वर्चुअल मोड में बहस को तरजीह देने की सलाह दी गई है. सुनवाई के लिए लगे केसों को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा.

ये भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा में मामले में चार्जशीट दाखिल, गृह राज्यमंत्री का बेटा आशीष मुख्य आरोपी

जिन वकीलों के केस लगे हैं, केवल उन्हीं को ई-पास के जरिए प्रवेश की अनुमति दी गई है. वकीलों को गाउन न पहनने की छूट दी गई है. कंप्यूटराइज नकल विभाग गेट 3ए व 3बी के पास बाहर की तरफ शिफ्ट किया गया है.

वकीलों की परेशानी को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) प्रशासन ने सुनवाई व्यवस्था में सुधार करते हुए हाईब्रिड मोड अपनाया. अब मंगलवार से वर्चुअल सुनवाई के साथ ही कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर बहस भी की जा सकेगी.

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प्रयागराज: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने 3 जनवरी से खुली अदालत में मुकदमों की सुनवाई बंद कर सिर्फ वर्चुअल तरीके से ही सुनवाई करने का फैसला किया था. लेकिन पहले ही दिन बड़ी संख्या में वकीलों ने इसका विरोध किया. वकीलों के विरोध के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया.

इलाहाबाद हाईकोर्ट में अब मंगलवार से फिजिकल और वर्चुअल दोनों ही तरह से मुकदमों की सुनवाई होगी. जो वकील फिजिकल सुनवाई चाहते हैं, वो अदालत में खड़े होकर बहस सकते हैं. वहीं, जो वकील भीड़ से बचना चाहते हैं, वो वर्चुअल तरीके से सुनवाई कर सकते हैं. हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी चीफ जस्टिस से ऐतराज जताया था. वकीलों के एतराज के चलते हाईकोर्ट ने व्यवस्था में एक बार फिर बदलाव किया.

कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमाम पाबंदियां रहेंगी. किसी भी कोर्ट रूम में एक बार में 10 से ज्यादा वकीलों को एंट्री नहीं दी जाएगी. वकीलों के बैठने के लिए फिर छह कुर्सियां ही रहेंगी. उन्हीं वकीलों को एंट्री दी जाएगी, जिनके मुकदमे संबंधित कोर्ट में होंगे. कोर्ट कैंपस और कोर्ट रूम में कोविड प्रोटोकॉल का पूरा पालन करना होगा.

वकीलों ने कहा कि इससे उनका जीवन भी सुरक्षित रहेगा और लोगों को न्याय भी मिलता रहेगा. महानिबंधक आशीष गर्ग की अधिसूचना के अनुसार अब केवल नये मामले ही सीमित संख्या में कोर्ट में लगेंगे. इसके अलावा अति आवश्यक व पहले से निर्धारित तिथि वाले केसों की ही सुनवाई होगी. जमानत अर्जियों व बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की नियमित सुनवाई जारी रहेगी.

न्याय कक्षों में सीमित संख्या में अधिवक्ता प्रवेश करेंगे. जिनके केस की सुनवाई होने वाली होगी, वो ही कोर्ट रूम में जायेंगे. शेष कोविड 19 नियमों का पालन करते हुए बाहर इंतजार करेंगे. वकीलों ने भीड़ से बचने के लिए वर्चुअल मोड में बहस को तरजीह देने की सलाह दी गई है. सुनवाई के लिए लगे केसों को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा.

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जिन वकीलों के केस लगे हैं, केवल उन्हीं को ई-पास के जरिए प्रवेश की अनुमति दी गई है. वकीलों को गाउन न पहनने की छूट दी गई है. कंप्यूटराइज नकल विभाग गेट 3ए व 3बी के पास बाहर की तरफ शिफ्ट किया गया है.

वकीलों की परेशानी को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court) प्रशासन ने सुनवाई व्यवस्था में सुधार करते हुए हाईब्रिड मोड अपनाया. अब मंगलवार से वर्चुअल सुनवाई के साथ ही कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर बहस भी की जा सकेगी.

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