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फोन करके ठगी करने वाले गिरोह को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट सख्त - prayagraj news in hindi

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाटरी के नाम पर फोन काल करके ठगी करने वाले गिरोह पर अंकुश लगाने का निर्देश पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट का समाचार
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Published : Apr 26, 2022, 10:15 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाटरी के नाम पर फोन काल करके ठगी करने वाले गिरोह पर अंकुश लगाने का निर्देश पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.

धोखाधड़ी गैंग आम लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने के लिए लॉटरी और पुरस्कार के फर्जी ऑफर बताने के लिए फोन करते हैं. कुलदीप की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जे जे मुनीर ने 30 जून, 2021 के आदेश पर दाखिल हलफनामे पर असंतोष प्रकट किया और नये सिरे से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

न्यायालय ने कहा था कि पुलिस महानिदेशक, ऐसे अपराधियों के देश व्यापी रैकेट का पता लगाने के लिए तत्काल कदम उठाएं. ये धोखाधड़ी के जरिए निर्दोष नागरिकों को लोन का लालच देकर या लकी ड्रा के बारे में आकर्षक ऑफर से लुभा रहे हैं, ताकि कोरोना के इस कठिन समय में उनकी जेब से मेहनत की कमाई निकाली जा सके.

कोर्ट ने कहा था कि पुलिस महानिदेशक के व्यक्तिगत हलफनामे को पढ़ने से पता चलता है कि यह किसी सरकारी एजेंसी या शैक्षणिक निकाय को दी गई रिपोर्ट है, जो आम तौर पर कानून और व्यवस्था की समस्या के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में है.

ये भी पढ़ें- आजम खान को रिझाने में लगे प्रसपा और कांग्रेस, जानिए अखिलेश से वो क्यों हैं खफा

अदालत ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने इस न्यायालय के दिनांक 30 जून 2021 के आदेशों के अनुपालन में जो कुछ किया है, उसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है. दूसरा ऐसी गतिविधियों पर अंकुश कैसे लगेगी, उसका कोई उल्लेख नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने अब डीजीपी को एक सप्ताह के भीतर 28 अप्रैल 2022 तक अपेक्षित व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

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प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाटरी के नाम पर फोन काल करके ठगी करने वाले गिरोह पर अंकुश लगाने का निर्देश पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है.

धोखाधड़ी गैंग आम लोगों की गाढ़ी कमाई को लूटने के लिए लॉटरी और पुरस्कार के फर्जी ऑफर बताने के लिए फोन करते हैं. कुलदीप की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस जे जे मुनीर ने 30 जून, 2021 के आदेश पर दाखिल हलफनामे पर असंतोष प्रकट किया और नये सिरे से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया.

न्यायालय ने कहा था कि पुलिस महानिदेशक, ऐसे अपराधियों के देश व्यापी रैकेट का पता लगाने के लिए तत्काल कदम उठाएं. ये धोखाधड़ी के जरिए निर्दोष नागरिकों को लोन का लालच देकर या लकी ड्रा के बारे में आकर्षक ऑफर से लुभा रहे हैं, ताकि कोरोना के इस कठिन समय में उनकी जेब से मेहनत की कमाई निकाली जा सके.

कोर्ट ने कहा था कि पुलिस महानिदेशक के व्यक्तिगत हलफनामे को पढ़ने से पता चलता है कि यह किसी सरकारी एजेंसी या शैक्षणिक निकाय को दी गई रिपोर्ट है, जो आम तौर पर कानून और व्यवस्था की समस्या के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में है.

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अदालत ने कहा कि पुलिस महानिदेशक ने इस न्यायालय के दिनांक 30 जून 2021 के आदेशों के अनुपालन में जो कुछ किया है, उसके बारे में एक शब्द भी नहीं कहा है. दूसरा ऐसी गतिविधियों पर अंकुश कैसे लगेगी, उसका कोई उल्लेख नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने अब डीजीपी को एक सप्ताह के भीतर 28 अप्रैल 2022 तक अपेक्षित व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने को कहा है.

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