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रिटायरमेंट के एक साल बाद तक नौकरी करता रहा बिजली विभाग का जेई, 100 फीसदी पेंशन कटौती के आदेश - अवर अभियंता सैयद अली अहमद जैदी

प्रयागराज में तैनात बिजली विभाग के अवर अभियंता ने सेवाकाल से एक साल ज्यादा नौकरी की. इस दौरान उसने विभाग से वेतन के तौर पर 11 लाख रुपए भी हासिल किए. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने जेई सैयद अली अहमद जैदी की पेंशन बंद करने का आदेश दिया है.

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अवर अभियंता सैयद अली अहमद जैदी
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Published : Jun 22, 2022, 11:16 AM IST

लखनऊ: प्रयागराज में तैनात बिजली विभाग के अवर अभियंता ने सेवाकाल से एक साल ज्यादा नौकरी कर डाली. इतना ही नहीं इस दौरान उसने विभाग से वेतन के तौर पर 11 लाख रुपए भी हासिल किए. रिटायरमेंट के बाद इसकी जानकारी प्राप्त होने पर अब पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने जेई सैयद अली अहमद जैदी की पेंशन बंद करने का आदेश जारी किया है. इस मामले पर कई और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही है.

प्रयागराज में तैनात रहे अवर अभियंता सैयद अली अहमद जैदी ने रिटायरमेंट के बाद भी एक साल तक अधिकारियों को गुमराह कर नौकरी की. इसके एवज में लगभग 10 लाख 97 हजार रुपए वेतन के रूप में भी हासिल किए. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने इसकी जांच कराई तो मामला सही पाया. इसके बाद उन्होंने जेई की तत्काल पेंशन रोकने के आदेश किए और इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन मुख्य अभियंता पर भी एक्शन लिया.

उनकी पेंशन से तीन फीसदी की कटौती करने के आदेश जारी किए. मामले में एक अधीक्षण अभियंता के साथ ही एक एक्सईएन पर भी एक्शन लिया है. जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड अवर अभियंता अली अहमद जैदी की वर्ष 1976 में प्रयागराज बिजलीघर में नियुक्ति हुई थी. आरोप है कि इस दौरान जूनियर इंजीनियर ने जानबूझकर अभिलेखों में अपनी जन्मतिथि दर्ज नहीं कराई थी. नियुक्ति के समय वे 18 साल के हुए ही नहीं थे. 2006 में जब जेई के प्रमोशन का नम्बर आया तब उन्होंने पहली बार हाईस्कूल का प्रमाण पत्र लगाया.

इसमें उनकी जन्म तिथि 30 जुलाई 1961 थी. इसका सीधा सा मतलब था कि नियुक्ति के समय सिर्फ 14 साल 10 महीने के थे. नौकरी तो 1976 में लग गई लेकिन उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा 1981 में दी. उन्होंने विभाग से कोई अनुमति भी नहीं ली कि हाईस्कूल की परीक्षा दे रहे हैं. जेई को 2018 में ही रिटायर होना था, लेकिन अधिकारियों को अंधेरे में रखते हुए उन्होंने 2019 तक नौकरी की. इस दौरान उन्होंने वेतन के रूप में 10 लाख 97 हजार रुपए हासिल किए. जांच में मामला सही पाए जाने पर अब अली अहमद जैदी की पेंशन में 100% कटौती का आदेश जारी किया गया है.
ये भी पढ़ें-सूचना के अधिकार का उल्लंघन, ललितपुर BSA पर 50 हजार रुपये का जुर्माना



इस पूरे मामले में तत्कालीन मुख्य अभियंता ओम प्रकाश यादव की पेंशन में भी तीन प्रतिशत की कटौती के आदेश किए गए हैं. दोषी पाए गए अधीक्षण अभियंता आनंद पांडेय और अधिशासी अभियंता रामसेवक राम को एडवर्स एंट्री देने के साथ दो वेतन वृद्धि रोके जाने के भी आदेश चेयरमैन की तरफ से दिए गए हैं. कार्यालय सहायक शाहीन बदर की भी परिनिंदा के साथ वेतन बढ़ोतरी रोकी जाएगी. इन सभी पर आरोप है कि जानबूझकर अपने कर्तव्य में इन्होंने लापरवाही बरती. यही वजह है कि जूनियर इंजीनियर अली अहमद जैदी 60 साल में रिटायर होने थे लेकिन उन्होंने एक साल ज्यादा 61 साल तक नौकरी की.

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लखनऊ: प्रयागराज में तैनात बिजली विभाग के अवर अभियंता ने सेवाकाल से एक साल ज्यादा नौकरी कर डाली. इतना ही नहीं इस दौरान उसने विभाग से वेतन के तौर पर 11 लाख रुपए भी हासिल किए. रिटायरमेंट के बाद इसकी जानकारी प्राप्त होने पर अब पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने जेई सैयद अली अहमद जैदी की पेंशन बंद करने का आदेश जारी किया है. इस मामले पर कई और अधिकारियों पर भी कार्रवाई की बात कही है.

प्रयागराज में तैनात रहे अवर अभियंता सैयद अली अहमद जैदी ने रिटायरमेंट के बाद भी एक साल तक अधिकारियों को गुमराह कर नौकरी की. इसके एवज में लगभग 10 लाख 97 हजार रुपए वेतन के रूप में भी हासिल किए. पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने इसकी जांच कराई तो मामला सही पाया. इसके बाद उन्होंने जेई की तत्काल पेंशन रोकने के आदेश किए और इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन मुख्य अभियंता पर भी एक्शन लिया.

उनकी पेंशन से तीन फीसदी की कटौती करने के आदेश जारी किए. मामले में एक अधीक्षण अभियंता के साथ ही एक एक्सईएन पर भी एक्शन लिया है. जानकारी के मुताबिक रिटायर्ड अवर अभियंता अली अहमद जैदी की वर्ष 1976 में प्रयागराज बिजलीघर में नियुक्ति हुई थी. आरोप है कि इस दौरान जूनियर इंजीनियर ने जानबूझकर अभिलेखों में अपनी जन्मतिथि दर्ज नहीं कराई थी. नियुक्ति के समय वे 18 साल के हुए ही नहीं थे. 2006 में जब जेई के प्रमोशन का नम्बर आया तब उन्होंने पहली बार हाईस्कूल का प्रमाण पत्र लगाया.

इसमें उनकी जन्म तिथि 30 जुलाई 1961 थी. इसका सीधा सा मतलब था कि नियुक्ति के समय सिर्फ 14 साल 10 महीने के थे. नौकरी तो 1976 में लग गई लेकिन उन्होंने हाईस्कूल की परीक्षा 1981 में दी. उन्होंने विभाग से कोई अनुमति भी नहीं ली कि हाईस्कूल की परीक्षा दे रहे हैं. जेई को 2018 में ही रिटायर होना था, लेकिन अधिकारियों को अंधेरे में रखते हुए उन्होंने 2019 तक नौकरी की. इस दौरान उन्होंने वेतन के रूप में 10 लाख 97 हजार रुपए हासिल किए. जांच में मामला सही पाए जाने पर अब अली अहमद जैदी की पेंशन में 100% कटौती का आदेश जारी किया गया है.
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इस पूरे मामले में तत्कालीन मुख्य अभियंता ओम प्रकाश यादव की पेंशन में भी तीन प्रतिशत की कटौती के आदेश किए गए हैं. दोषी पाए गए अधीक्षण अभियंता आनंद पांडेय और अधिशासी अभियंता रामसेवक राम को एडवर्स एंट्री देने के साथ दो वेतन वृद्धि रोके जाने के भी आदेश चेयरमैन की तरफ से दिए गए हैं. कार्यालय सहायक शाहीन बदर की भी परिनिंदा के साथ वेतन बढ़ोतरी रोकी जाएगी. इन सभी पर आरोप है कि जानबूझकर अपने कर्तव्य में इन्होंने लापरवाही बरती. यही वजह है कि जूनियर इंजीनियर अली अहमद जैदी 60 साल में रिटायर होने थे लेकिन उन्होंने एक साल ज्यादा 61 साल तक नौकरी की.

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