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जीएसटी चोरी मामले में व्यापारी गिरफ्तार, बोगस फर्म के जरिए सरकार को 8 करोड़ रुपये का लगाया था चूना

गैंग बनाकर फर्मों के जरिए टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में छह फर्मों की जांच चल रही थी. यह लोग डॉक्यूमेंट की हेराफेरी करके बोगस आईडी फर्म बनाकर खेल करते थे. वाणिज्य कर विभाग (Department of Commerce ) ने बताया कि करीब 40 करोड़ की इनवाइट बोगस पाई गई जिसके तहत 8 करोड़ के रेवेन्यू का चूना सरकार को लगाया है.

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जीएसटी चोरी मामले में व्यापारी गिरफ्तार
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Published : May 3, 2022, 5:00 PM IST

अलीगढ़ : गैंग बनाकर फर्मों के जरिए टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में छह फर्मों की जांच चल रही थी. यह लोग डॉक्यूमेंट की हेराफेरी करके बोगस आईडी फर्म बनाकर खेल करते थे. यह फर्में माल की जगह तो दिखाती थीं लेकिन यहां से माल नहीं जा रहा था. केवल इनवॉइस इधर से उधर करके टैक्स का लाभ ले रहे थे. जब इनके रजिस्ट्रेशन की जांच हुई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. वाणिज्य कर विभाग (Department of Commerce ) ने बताया कि करीब 40 करोड़ की इनवाइट बोगस पाई गई जिसके तहत 8 करोड़ के रेवेन्यू का चुना सरकार को लगाया है. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 वाणिज्य कर (Additional Commissioner Grade 2 अनूप कुमार

एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय (SIB Deputy Commissioner RPS Kauntey) ने तीन दिन पहले आठ करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी हड़पने वाले मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया था. वाणिज्य कर विभाग एसआईबी ने 28 अप्रैल को पांच फर्मों के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. इसमें रामघाट रोड निरंजनपुरी स्थित ओम ट्रेडर्स के संचालन विष्णु प्रताप को एसआईबी ने गिरफ्तार किया है.

इसे भी पढ़ेंः 50 लाख की GST चोरी की जांच करने 4 सदस्यीय टीम पहुंची कौशाम्बी, फर्म के जांचे दस्तावेज

ओम ट्रेडर्स समेत छह अन्य फर्मों ने वाणिज्य कर विभाग जीएसटी में पंजीयन लेकर फर्जी तरीके से दस्तावेज लगाकर आठ करोड़ रुपये की आईटीसी ली है. इस प्रकरण में अलीगढ़ जीएसटी विभाग (Aligarh GST Department) ने दूसरी गिरफ्तारी की है. पहली गिरफ्तारी तीन साल पहले एक सरिया बनाने वाली फर्म पर छापेमारी के दौरान हुई थी. इसमें भी एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय ने जांच की थी.

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 वाणिज्य कर (Additional Commissioner Grade 2 Commercial Taxes) के अनूप कुमार ने बताया कि ओम ट्रेडर्स से जुड़ी विकास ट्रेडिंग कंपनी (Vikas Trading Company) की स्वामिनी राजकुमारी ने अपने घर जेबीएल कंपनी की स्वामिनी करिश्मा देवी को व्यापार करने की अनुमति दी थी जबकि जेबीएल ट्रेडिंग कंपनी करिश्मा देवी ने विकास ट्रेडिंग को अपने घर पर कारोबार की अनुमति दी है.

दोनों ने एक दूसरे के घर व्यापार करने की अनुमति दर्शाकर गड़बड़ी की. इसमें महत्वपूर्ण बात सामान जांच में यह निकल कर सामने आई है कि विकास ट्रेडिंग कंपनी की स्वामिनी राजकुमारी के अनापत्ति प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर राजकुमार नाम के व्यक्ति का है. करिश्मादेवी के अनापत्ति प्रमाण पत्र पर विकास ट्रेडिंग कंपनी की स्वामिनी राजकुमारी के हस्ताक्षर मिले हैं. वहीं, जेबीएल फर्म के पंजीयन के प्रमाण पत्र पर महिला का फोटो आधार कार्ड से अलग है. इसी तरह से गुप्ता इंटर प्राइजेज की फर्म स्वामिनी कमलेश देवी ने इंपीरियल फर्म के स्वामी राजकुमार द्वारा उनको अपने घर पर कारोबार की अनुमति दस्तावेजों में दी गई है. अनापत्ति प्रमाण पत्र ( no objection certificate) में आधार के पते अलग-अलग हैं. जांच के बाद सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है.

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अलीगढ़ : गैंग बनाकर फर्मों के जरिए टैक्स चोरी करने का मामला सामने आया है. इस मामले में छह फर्मों की जांच चल रही थी. यह लोग डॉक्यूमेंट की हेराफेरी करके बोगस आईडी फर्म बनाकर खेल करते थे. यह फर्में माल की जगह तो दिखाती थीं लेकिन यहां से माल नहीं जा रहा था. केवल इनवॉइस इधर से उधर करके टैक्स का लाभ ले रहे थे. जब इनके रजिस्ट्रेशन की जांच हुई तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. वाणिज्य कर विभाग (Department of Commerce ) ने बताया कि करीब 40 करोड़ की इनवाइट बोगस पाई गई जिसके तहत 8 करोड़ के रेवेन्यू का चुना सरकार को लगाया है. इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है.

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 वाणिज्य कर (Additional Commissioner Grade 2 अनूप कुमार

एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय (SIB Deputy Commissioner RPS Kauntey) ने तीन दिन पहले आठ करोड़ रुपये की फर्जी आईटीसी हड़पने वाले मास्टर माइंड को गिरफ्तार किया था. वाणिज्य कर विभाग एसआईबी ने 28 अप्रैल को पांच फर्मों के सात ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी. इसमें रामघाट रोड निरंजनपुरी स्थित ओम ट्रेडर्स के संचालन विष्णु प्रताप को एसआईबी ने गिरफ्तार किया है.

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ओम ट्रेडर्स समेत छह अन्य फर्मों ने वाणिज्य कर विभाग जीएसटी में पंजीयन लेकर फर्जी तरीके से दस्तावेज लगाकर आठ करोड़ रुपये की आईटीसी ली है. इस प्रकरण में अलीगढ़ जीएसटी विभाग (Aligarh GST Department) ने दूसरी गिरफ्तारी की है. पहली गिरफ्तारी तीन साल पहले एक सरिया बनाने वाली फर्म पर छापेमारी के दौरान हुई थी. इसमें भी एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय ने जांच की थी.

एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-2 वाणिज्य कर (Additional Commissioner Grade 2 Commercial Taxes) के अनूप कुमार ने बताया कि ओम ट्रेडर्स से जुड़ी विकास ट्रेडिंग कंपनी (Vikas Trading Company) की स्वामिनी राजकुमारी ने अपने घर जेबीएल कंपनी की स्वामिनी करिश्मा देवी को व्यापार करने की अनुमति दी थी जबकि जेबीएल ट्रेडिंग कंपनी करिश्मा देवी ने विकास ट्रेडिंग को अपने घर पर कारोबार की अनुमति दी है.

दोनों ने एक दूसरे के घर व्यापार करने की अनुमति दर्शाकर गड़बड़ी की. इसमें महत्वपूर्ण बात सामान जांच में यह निकल कर सामने आई है कि विकास ट्रेडिंग कंपनी की स्वामिनी राजकुमारी के अनापत्ति प्रमाण पत्र में हस्ताक्षर राजकुमार नाम के व्यक्ति का है. करिश्मादेवी के अनापत्ति प्रमाण पत्र पर विकास ट्रेडिंग कंपनी की स्वामिनी राजकुमारी के हस्ताक्षर मिले हैं. वहीं, जेबीएल फर्म के पंजीयन के प्रमाण पत्र पर महिला का फोटो आधार कार्ड से अलग है. इसी तरह से गुप्ता इंटर प्राइजेज की फर्म स्वामिनी कमलेश देवी ने इंपीरियल फर्म के स्वामी राजकुमार द्वारा उनको अपने घर पर कारोबार की अनुमति दस्तावेजों में दी गई है. अनापत्ति प्रमाण पत्र ( no objection certificate) में आधार के पते अलग-अलग हैं. जांच के बाद सिंडिकेट का भंडाफोड़ हुआ है.

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