अलीगढ़: यहां 22-23 जनवरी को होने वाली धर्म संसद के विरोध में AIMIM ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. अलीगढ़ AIMIM जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने कहा है कि हम अल्लाह के फॉलोवर हैं, राम के नहीं है.
गुफरान नूर ने कहा है कि 17 से 19 दिसंबर तक हरिद्वार के वेद निकेतन में धर्म संसद धार्मिक नेताओं ने कराई थी.
इसमें विशेष समुदाय के विरुद्ध कथित नफरत भरे भाषण दिए गए. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने सीजेआई एनवी रमन को चिट्ठी लिखी थी और इन नफरत से भरे भाषणों का संज्ञान लेने का अनुरोध किया था.
उन्होंने धार्मिक नेताओं के नरसंहार की बात को गंभीर खतरा बताया था. हरिद्वार में हुई धर्म संसद में न केवल नफरत भरे भाषण दिए गए, बल्कि एक समुदाय के खिलाफ खुलकर नरसंहार का आह्वान किया गया. इस तरह के बयान भारत की एकता और अखंडता के लिए खतरा हैं. साथ ही देश के अल्पसंख्यक मुस्लिमों की जिंदगी को खतरे में भी डालने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि उसी तरह की धर्म संसद अलीगढ़ में 22 व 23 जनवरी को होने जा रही है. इसका एआईएमआईएम (AIMIM) विरोध कर रहा है. हम अल्लाह के फॉलोअर हैं, राम के नहीं! जिस तरह से राम के नाम पर इस तरह की ताकतें हिंदुस्तान के 20 लाख मुसलमानों का नरसंहार करने की बातें कर रही हैं. यह लोग राम के नाम पर हिंदुस्तान में मॉब लिंचिंग कर रहे हैं.
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अलीगढ़ AIMIM जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने कहा कि अल्लाह का शुक्र है कि हम उन्हें मानते हैं, राम को नहीं. अगर 20 लाख मुस्लिमों का कत्ल होना है, तो मरने के लिए हम लोग तैयार हैं. एक दिन वजूद खत्म हो जाएगा, इसीलिए मुस्लिमों के अधिक बच्चे होने जरूरी हैं.
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