अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के भाषा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. एमजे वारसी उनके विभाग से पीएचडी करने वाले डॉ. दानिश रहीम पर मानहानि का केस करेंगे. डॉ. दानिश ने आरोप लगाया था कि पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ करने पर उनसे भाषा विज्ञान की पीएचडी डिग्री वापस मांगी जा रही है.
एमजे वारसी ने कहा कि वो पीएचडी डिग्री को लेकर ध्यान भटकाने का प्रयास कर रहे हैं. जब उनसे मुलाकात ही नहीं हुई तो उन्हें परेशान करने का सवाल ही पैदा नहीं होता. प्रो. वारसी ने कहा कि वह इस संबंध में कानूनी राय ले रहे हैं और जल्द ही कानूनी कार्रवाई करेंगे. दानिश रहीम को कानूनी नोटिस भेजी जा रही है. डॉ. दानिश के खिलाफ मानहानि का मुकदमा करेंगे.
एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय के मेंबर इंचार्ज प्रो. शाफे किदवई ने बताया कि डॉ. दानिश रहीम ने लैंग्वेज फॉर एडवरटाइजिंग मार्केंटिंग एंड मीडिया कोर्स में पीएचडी के लिए सत्र 2016-17 में आवेदन किया था. जमा आवेदन पत्र पर दानिश रहीम के हस्ताक्षर और अंगूठे का निशान है, लेकिन टाइपिंग कि गलती और चूक के कारण उन्हें गलती से भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री जारी कर कर दी गई. डॉ. दानिश रहीम ने लैंग्वेज फॉर एडवरटाइजिंग मार्केंटिंग एंड मीडिया कोर्स में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की थी और इस प्रकार वह भाषा विज्ञान में पीएचडी के लिए पात्र नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि चूक हुई है और इस मामले कि गहनता से छानबीन करने और डॉ. दानिश रहीम की शिकायत कि जांच करने के लिए प्रो. मेहंदी अब्बास रिजवी पूर्व डीन इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संकाय और प्रो. आरके तिवारी प्राचार्य, डॉ. जेडए डेंटल कॉलेज की जांच समिति गठित की गई है. यह समिति जल्द रिपोर्ट देगी.
उन्होंने कहा कि डॉ. दानिश रहीम को अपनी पीएचडी डिग्री में आवश्यक सुधार कराने के लिए कहा गया है, ताकि उनकी डिग्री में त्रुटियों को सुधारा जा सके. इस संबंध में डॉ. दानिश रहीम ने बताया कि विभागाध्यक्ष ने जो मानहानि मुकदमा करने की बात कह रहे हैं, वो करें लेकिन उसका जवाब वह भी देंगे.
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