आगरा: पिनाहट और जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र में संदिग्ध बुखार का कहर जारी है. यहां चौबीस घंटे में तीन और बच्चों की मौत हो गयी है. अब संदिग्ध बुखार से मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया है. पिनाहट और जैतपुर ब्लॉक के गांवों में संदिग्ध बुखार तेजी से फैल रहा है.
गांव हुसैनपुरा निवासी रिंकू की एक वर्षीय बेटी खुशी को पिछले तीन दिन से बुखार आ रहा था. परिजन निजी डॉक्टर से उपचार करा रहे थे. मंगलवार की देर शाम बच्ची की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. इसके बाद परिवार के लोग उसको इलाज के लिए आगरा लेकर जा रहे थे. रास्ते में बुखार के चलते बच्ची ने दम तोड़ दिया. वहीं कस्बा पिनाहट के डॉ. दिग्विजय सिंह के 8 माह के पुत्र समर को भी पिछले करीब 10 दिन से बुखार आ रहा था.
दो दिन तक घर में इलाज के बाद जब बुखार ठीक नहीं हुआ. तो परिवार के लोगों ने उसको आगरा के राम रघु अस्पताल में भर्ती कराया. यहां करीब एक सप्ताह से उसका इलाज चल रहा था. उपचार होने के बाद भी उसके प्लेटलेट्स में ज्यादा सुधार नहीं हुआ. मंगलवार शाम को बेटे समर ने दम तोड़ दिया.
तीसरा मामला जैतपुर ब्लॉक क्षेत्र के गांव गुमान सिंह का पुरा का है. यहां रहने वाले रूप सिंह दूधिया के सात वर्षीय बेटे प्रमोद उर्फ भोला को तीन दिन से बुखार आ रहा था. परिजनों ने उसको आगरा के निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया. जांच में डेंगू की पुष्टि हुई. बुधवार सुबह इलाज के दौरान ही बच्चे की मौत हो गयी. इस गांव में और भी बच्चे बुखार से पीड़ित बताए जा रहे हैं. बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ने से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है.
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पिनाहट ब्लॉक में ग्राम पंचायतों में जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने मंगलवार को पिनाहट पहुंचे. उन्होंने सीएचसी केंद्र सहित ब्लॉक परिसर का निरीक्षण किया. उन्होंने कर्मचारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए. बीमारी की रोकथाम के लिए ब्लॉक के कई गांवों में एंटी लारवा दवा का छिड़काव नहीं किया गया और ना ही गांव में कोई सफाई व्यवस्था की जा रही है. इससे डेंगू के मच्छर पनप रहे हैं और बीमारी लगातार फैलती जा रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि कई गांव में स्वास्थ्य कैंप भी नहीं लगाए गए हैं.