आगरा: जनपद में बहुप्रतीक्षित सिविल एन्कलेव परियोजना को एक बार फिर से झटका लगा. पर्यावरणीय अनुमति नहीं मिलने से 55 एकड़ में निर्माणाधीन 398 करोड़ रुपए की इस योजना को ड्रॉप कर दिया गया. एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (airport authority of india) ने एक आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी.
आगरा में नये सिविल एन्कलेव की योजना को मंजूरी नहीं मिलने से कारोबार और पर्यटन दोनों पर इसका गलत असर पड़ेगा. एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने एक बार फिर पर्यावरणीय मंजूरी के लिए संशोधित प्रार्थनापत्र दिया है, जिस पर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है.
आगरा के वरिष्ठ अधिवक्ता और आगरा डवलपमेन्ट फाउण्डेशन के सचिव केसी जैन ने एअरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से नोटिस में जानकारी मांगी थी. 22 अप्रैल को नोटिस में आरटीआई से सिविल एन्कलेव की निर्माण परियोजना की वर्तमान स्थिति, योजना के लिए कुल बजट की राशि, योजना के प्रारम्भ से लेकर समाप्त तक की समय अवधि और परियोजना के शुरू होने में हुई देरी के बारे में पूछा गया था.
18 मई 2022 को एअरपोर्ट अथॉरिटी ने ऑनलाइन जवाब में बताया था कि, 398 करोड़ की निर्माण लागत पर पीक आवर्स में 700 यात्रियों के लिए 30,000 वर्गमीटर क्षेत्र का एक टर्मिनल भवन की प्लानिंग की गई थी. इस योजना को फिलहाल ड्रॉप कर दिया गया है, क्योंकि कोर्ट केस के कारण पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली है. सूचना पत्र में लिखा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय में संशोधन आवेदन पत्र दायर किया गया है. जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है और चारदीवारी का निर्माण कर दिया गया है. पर्यावरण मंजूरी मिलने के बाद दोबारा काम की योजना बनाई जाएगी.
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आगरा खेरिया एयरपोर्ट (agra kheria airport) के निदेशक एए अंसारी ने बताया कि सिविल एन्कलेव निर्माण में पर्यावणीय मंजूरी नहीं मिलने पर अथॉरिटी ने सर्वोच्च न्यायालय में संशोधन आवेदन पत्र दायर किया है. वहीं, जमीन का अधिग्रहण और चारदीवारी का निर्माण कार्य हो चुका है.
बता दें कि वर्ष 2012 में सिविल एन्कलेव परियोजना को मंजूरी मिली थी. इस योजना के लिए धनौली, बिल्हैरा, अभयपुरा सहित चार गांवों की जमीन को अधिग्रहीत किया जाना था. किसानों से मुश्किल से मंजूरी मिली और जमीन अधिग्रहीत कर ली गई. इस पर चारदीवारी बन चुकी है. वर्ष 2018 में एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया ने 30 एकड़ भूमि पर 325 करोड़ रुपए से टर्मिनल भवन सहित अन्य निर्माण का एस्टीमेट तैयार किया. वर्तमान में यह एस्टीमेट 398 करोड़ रुपए हो गया था. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा सरकार ने जमीन खरीदने के लिये धन आवंटित हुआ था.
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