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चूड़ी कारखानों में आज से काम हुआ शुरू, श्रमिकों की 20 दिन पुरानी हड़ताल खत्म

फिरोजाबाद में चूड़ी जुड़ाई मजदूरों की 20 दिन पुरानी हड़ताल बुधवार की रात में जिलाधिकारी के आश्वासन देने के बाद समाप्त हो गयी. आज से चूड़ी निर्माण का काम फिर शुरू हो गया.

firozabad  bangle industry work resumes
firozabad bangle industry work resumes
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Published : Jul 22, 2021, 8:43 AM IST

फिरोजाबाद: चूड़ी जुड़ाई मजदूरों ने बुधवार को अपनी हड़ताल खत्म कर दी. ये हड़ताल पिछले 20 दिन से चल रही थी. गुरुवार को चूड़ी उत्पादन का काम शुरू हो गया. कोविड काल के बाद त्योहारी सीजन में श्रमिकों की हड़ताल के कारण चूड़ी कारोबारी काफी परेशान थे. बुधवार की रात को जिलाधिकारी और मजदूर नेताओं के बीच समझौता वार्ता हुई. जिलाधिकारी ने श्रमिकों को लिखित में उनकी मांगों को मानने का भरोसा दिया.

पूरे देश में सुहाग नगरी के नाम से पहचान रखने वाले फिरोजाबाद के चूड़ी उद्योग के तारे काफी समय से गर्दिश में चल रहे थे. दो साल से जहां यह कारोबार कोविड के चलते आर्थिक मंदी की मार झेल रहा था. वहीं दो जुलाई से इस उद्योग से जुड़े श्रमिकों की हड़ताल के कारण काम लगभग ठप हो गया था. श्रमिक मानेदय बढ़ाने और अन्य कई मांगो को लेकर हड़ताल पर थे. श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद मजदूर यूनियन और कारखाना मालिकों के बीच कई दौर की वार्ता हुई. लेकिन कोई हल नहीं निकला. मजदूर यूनियन मानदेय बढ़ाने का आश्वासन लिखित में देने की मांग रही थी.

चूड़ी की जुड़ाई करने वाले श्रमिकों को प्रति सैकड़ा तोड़ा के हिसाब से मजदूरी मिलती है. अभी तक यह मजदूरी 2400 रुपये प्रति सैकड़ा तोड़ा मिलती थी लेकिन श्रमिक इसे नाकाफी बता रहे थे. वो इसे बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर थे. सदर विधायक मनीष असीजा की दखल के बाद कमेटी गठित की गयी थी.

श्रम उपयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सेवायोजक कारखानेदारों के साथ-साथ श्रमिकों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी, जिसके बाद शासन ने पारिश्रमिक को 2400 से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया. इसका बाकायदा शासनादेश भी जारी हुआ था, लेकिन श्रमिक इसे जिलाधिकारी से लिखित में मांग रहे थे. बुधवार की रात में डीएम विजय किरण आनंद ने श्रमिक संगठनों को लिखित में आश्वासन देकर हड़ताल खत्म करा दी.

फिरोजाबाद: चूड़ी जुड़ाई मजदूरों ने बुधवार को अपनी हड़ताल खत्म कर दी. ये हड़ताल पिछले 20 दिन से चल रही थी. गुरुवार को चूड़ी उत्पादन का काम शुरू हो गया. कोविड काल के बाद त्योहारी सीजन में श्रमिकों की हड़ताल के कारण चूड़ी कारोबारी काफी परेशान थे. बुधवार की रात को जिलाधिकारी और मजदूर नेताओं के बीच समझौता वार्ता हुई. जिलाधिकारी ने श्रमिकों को लिखित में उनकी मांगों को मानने का भरोसा दिया.

पूरे देश में सुहाग नगरी के नाम से पहचान रखने वाले फिरोजाबाद के चूड़ी उद्योग के तारे काफी समय से गर्दिश में चल रहे थे. दो साल से जहां यह कारोबार कोविड के चलते आर्थिक मंदी की मार झेल रहा था. वहीं दो जुलाई से इस उद्योग से जुड़े श्रमिकों की हड़ताल के कारण काम लगभग ठप हो गया था. श्रमिक मानेदय बढ़ाने और अन्य कई मांगो को लेकर हड़ताल पर थे. श्रम विभाग के हस्तक्षेप के बाद मजदूर यूनियन और कारखाना मालिकों के बीच कई दौर की वार्ता हुई. लेकिन कोई हल नहीं निकला. मजदूर यूनियन मानदेय बढ़ाने का आश्वासन लिखित में देने की मांग रही थी.

चूड़ी की जुड़ाई करने वाले श्रमिकों को प्रति सैकड़ा तोड़ा के हिसाब से मजदूरी मिलती है. अभी तक यह मजदूरी 2400 रुपये प्रति सैकड़ा तोड़ा मिलती थी लेकिन श्रमिक इसे नाकाफी बता रहे थे. वो इसे बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर थे. सदर विधायक मनीष असीजा की दखल के बाद कमेटी गठित की गयी थी.

श्रम उपयुक्त की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी में सेवायोजक कारखानेदारों के साथ-साथ श्रमिकों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी, जिसके बाद शासन ने पारिश्रमिक को 2400 से बढ़ाकर तीन हजार कर दिया. इसका बाकायदा शासनादेश भी जारी हुआ था, लेकिन श्रमिक इसे जिलाधिकारी से लिखित में मांग रहे थे. बुधवार की रात में डीएम विजय किरण आनंद ने श्रमिक संगठनों को लिखित में आश्वासन देकर हड़ताल खत्म करा दी.

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