गोरखपुर: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय संस्कृति परंपरा और रंगारंग आयोजनो के साथ शुभारंभ हो गया. तीन दिनों तक चलने वाले अधिवेशन में देश के सभी राज्यों से करीब ढाई हजार कार्यकर्ता शामिल हुए हैं. जिसमें नेपाल से भी कार्यकर्ता आए हैं. गोरखपुर के लिए यह अधिवेशन बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही गोरखपुर से ताल्लुक रखते हैं. क्रांतिकारी अलख जगाने वाले पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का भी यह बलिदान स्थल है. जिस पंडाल में अतिथियों ने राष्ट्र को आगे ले जाने के अपने विचार प्रस्तुत किए, उसका नाम ही पंडित राम प्रसाद बिस्मिल सभागार रखा गया है. परिसर का नाम पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होलकर के नाम पर है. इस अधिवेशन का जो थीम सॉन्ग रिलीज किया गया है, वह भी देशभक्ति की भावना से ओत प्रोत है.
पहले दिन देशभर के विभिन्न हिस्सों से गोरखपुर पहुंचे विद्यार्थियों से गोरखपुर का यह परिसर विविधता के रंग में रंग गया. एकसाथ सभी प्रतिनिधियों ने वंदे मातरम गायन किया. उत्तर प्रदेश के पारंपरिक वाद्य यंत्रों नगाड़े, ढोल, मंजीरा आदि द्वारा विद्यार्थी प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया. इसका उद्घाटन भी देश के प्रमुख बिजनेस लीडर श्रीधर वेम्बु के हाथों से हुआ. उन्होंने अपने संबोधन में विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि संकल्पित भाव से जिस ओर भी प्रयास किया जाएगा, सफलता उसमें मिलनी तय है. आज टेक्नोलॉजी के युग में सॉफ्टवेयर से लेकर AI और कई आधुनिक तकनीकी विकसित हो चुकी है, लेकिन गांव का भी विकास हो, इस ओर भी ध्यान देने की जरूरत है.
वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही ने इस दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि गोरखपुर शौर्य की भूमि है. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गोरखपुर के शूरवीरों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. गोरखपुर का राजनैतिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है. नाथ पंथ का देश में सामाजिक समरसता के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान है. भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सस्ती व सुलभ बनाने के लिए प्रभावी प्रयास की आवश्यकता है. शिक्षा को सर्वसमावेशी व सुलभ होगी तो देश का सामान्य से सामान्य विद्यार्थी बेहतर कर सकेगा. अभाविप की यह केंद्रीय कार्यसमिति बैठक सकारात्मक बदलाव को दिशा दिखाने वाली है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता देश के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए कार्य कर रहे हैं. देश की युवा शक्ति आशाओं से युक्त है. यह युवा शक्ति भारत में सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेगी. मणिपुर राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार को संयुक्त रूप से शीघ्रता से प्रयास करने होंगे. गोरखपुर वैचारिक केन्द्र के रूप में अनेक अवसरों पर देश का मार्ग प्रशस्त करने वाला रहा है, विद्यार्थी परिषद का गोरखपुर राष्ट्रीय अधिवेशन देश के विद्यार्थियों के नेतृत्व में भारत केन्द्रित वैचारिकी द्वारा बदलाव का वाहक बनेगा.
वहीं एक दिवसीय केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में शिक्षा, समाज से जुड़े विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई. साथ ही अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत किए जाने वाले कुल पांच प्रस्तावों पर विमर्श हुआ. शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता व शुल्क वृद्धि, मिलावटी खाद्य पदार्थों की समस्या, अन्तरराष्ट्रीय मंच पर भारत का बढ़ता प्रभाव, मणिपुर हिंसा जैसे विषयों सहित कुल पांच प्रस्तावों पर केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में संवाद हुआ. ये पांच प्रस्ताव 22-24 नवंबर के मध्य राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित किए जाएंगे.