आगरा: कुबेरपुर लैंडफिल डिपो साइट पर 288 करोड़ रुपए की लागत से कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट लगाया जा रहा है. आगरा महापौर नवीन जैन ने बताया कि इसका शिलान्यास सीएम योगी मंगलवार दोपहर लखनऊ से वर्चुअल रूप से करेंगे. प्लांट की जमीन को समतल करने और बाउंड्रीवाल का काम तेजी से हो रहा है.
कंपनी कूड़े से बिजली बनाकर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन को बेचेगी. इस प्लांट में रोज आगरा के 500 मीट्रिक टन कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनेगी. आगे प्लांट की क्षमता बढ़ाकर 750 मीट्रिक टन की जाएगी. इससे हर दिन 15 मेगावाट बिजली बनेगी. प्लांट की लागत अब 175 करोड़ रुपए से बढ़कर 288 करोड़ हो गई है.

जमीन चिन्हित करके उसे समतल किया जा रहा है. फिर वहां सड़कें बनेंगी. बड़ी-बड़ी मशीनें लगाई जाएंगी. लगभग दो वर्ष में यह प्लांट तैयार हो जाएगा. ये प्लांट एक छोटे बिजली घर की तरह होगा. यहां पर हर दिन शहर के कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनेगी.

नगरायुक्त निखिल टी. फुंडे ने बताया कि आगरा नगर निगम के कुबेरपुर लैंडफिल साइट पर कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट की सुप्रीम कोर्ट से अनुमति 18 फरवरी 2021 को मिली थी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने कूड़े का निपटारा करना पर्यावरण के लिए जरूरी बताया था.
इस मामले में सॉलिसिटर तुषार मेहता ने पैरवी की थी. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि नेशनल एनवायरमेंट एंड इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के साथ ही केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीम ने कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट पर कोई आपत्ति नहीं जतायी है. नीरी के सुझाव के मुताबिक ही ये काम होगा.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप