आगरा: शुक्रवार देर रात अचानक बारिश का पानी कैस्पर्स होम में घुस गया. यहां दो कर्मचारियों ने 70 बेजुबानों को पानी में आधे डूबे कमरों से बाहर निकाला. कर्मचारी का कहना है कि उसने पास में स्थित नगर निगम की गौशाला से भी मदद मांगी थी. मगर कोई मदद नहीं मिली. कैस्पर्स होम संचालिका कैस्पर्स होम को जलमग्न और कुत्तों की हालत देखकर रोने लगीं. उन्होंने कहा कि पहले डाॅग्स को सुरक्षित दूसरे स्थान पर भेजा जाएगा.
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कैस्पर्स होम की संचालिका विनीता अरोड़ा ने बताया कि नगर निगम की गौशाला पास में हैं. गौशाला का ड्रेनेज सिस्टम सही नहीं है. हमने जो टैंक बनवाए थे, वो भर गए थे. इसके बाद डाॅग्स के लिए बनवाए गए कमरों में पानी भर गया. कर्मचारी प्रबल प्रताप की सूचना पर देर रात मैं भी यहां पहुंच गई. मेरे पास अभी 20 से ज्यादा ऐसे डाॅग्स हैं, जो अपाहिज या बीमार हैं. उन्हें मैं सभी डाॅग्स के साथ नहीं रख सकती हूं. इसलिए नगर निगम में ही ले जाउंगी.
विनीता अरोड़ा का कहना है कि कैस्पर्स होम में मैंने खुद, रिश्तेदार और परिजनों की मदद से 30 लाख रुपए लगाए हैं. कैस्पर्स होम के पास ही नगर निगम की गौशाला है. जिसमें दलदल में फंसकर कई गौवंश दम तोड़ चुके हैं. वे गाय को मरते देखते रहते हैं. इन डाॅग्स में मेरी जान बसती है. मैं इन्हें मरने के लिए नहीं छोड़ सकती हूं, इसलिए यहां से सभी डाॅग्स को अपने पुराने शेल्टर होम पर ले जा रही हूं.