आगरा: उच्च न्यायालय खंडपीठ की मांग को लेकर आंदोलन में वकीलों के साथ 11 साल पहले ट्रेन रोकी गई थी. इस मामले में बीजेपी सांसद रामशंकर कठेरिया को बरी कर दिया गया.
उच्च न्यायालय की खंडपीठ की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे अधिवक्ताओं के समर्थन में राम शंकर कठेरिया ने 26 सितंबर-2009 को राजामंडी रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया था. अधिवक्ता और भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोक दी थीं. रेलवे ट्रैक जाम करके यातायात को बाधित किया था. इस पर राजामंडी स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन मास्टर ने रामशंकर कठेरिया, विधायक चौधरी बाबूबाल, महिला कांग्रेस नेता इंदिरा वर्मा, उच्च न्यायालय खंडपीठ स्थापना संघर्ष समिति के संयोजक अधिवक्ता केडी शर्मा, अधिवक्ता अरुण सोलंकी व कुंवर शैलराज सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
इस मामले मामले में आरोपियी की पत्रावली पृथक करने के कारण सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई अलग से एमपी/एमएलए कोर्ट में की गई. 13 सितंबर 2021 को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए की अदालत में सांसद रामशंकर कठेरिया के बयान दर्ज हुए थे. इसके बाद सांसद को 23 सितंबर 2021 को अदालत में हाजिर होना था. जब सांसद कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो अदालत ने सासंद का गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया था.
इस मामले में 27 सितंबर 2021 को सांसद कठेरिया कोर्ट में फिर हाजिर नहीं हुए. इस पर अदालत ने दोबारा गैर-जमानती वारंट जारी किया. इसकी सुनवाई 29 सितंबर 2021 को हुई थी. इस पर सांसद कठेरिया 28 सितंबर को ही कोर्ट में हाजिर हुए. शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट के जज नीरज गौतम ने सांसद रामशंकर कठेरिया को इस रेलवे एक्ट के मुकदमे में बरी करने का आदेश दिया है.