नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में कल बजट तैयार करने में शामिल अधिकारियों की लॉक-इन प्रक्रिया से पहले एक प्रथागत हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाएगा. समारोह केंद्रीय बजट तैयार करने के अंतिम चरण को चिह्नित करता है. वित्त मंत्री कढ़ाही में हलवे को हिलाकर समारोह की शुरुआत करेंगी. फिर इसे दिल्ली में मंत्रालय के मुख्यालय में अपने सहयोगियों को परोसते हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी 2023 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट पेश करेंगी. ये बजट कई मायनों में खास है क्योंकि 2023 और 2024 चुनावी साल है. नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं. वहीं, अगले वर्ष लोकसभा चुनाव निर्धारित है. इन सब से इतर महंगाई चरम पर है. लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. ऐसे में लोगों को बजट से खास उम्मीद हैं. आम लोगों को सरकार से बड़ी उम्मीदें हैं.
क्यों किया जाता है हलवा सेरेमनी का आयोजन: भारतीय परंपरा में कोई भी शुभ अवसर पर पहले मीठा खाना अच्छा माना जाता है. वित्त मंत्रालय के कर्मचारी कई दिनों से बजट बनाने के काम में लगे होते हैं. बजट तैयार करने के लिए काफी लंबी तैयारी की जाती है. आंकड़ों को बहुत बारिकी से खंगाला जाता है. फिर बजट की छपाई और पैकिंग का काम होता है.
इस बीच इसकी गोपनियता बनाकर रखनी होती है. इन सबमें काफी समय और मेंहनत लगती है. बजट बनने पर उनकी मेहनत को सराहा जाता है. इसके लिए हलवा खिलाकर उनका मुंह मीठा किया जाता है. यह परंपरा दशकों से चली आ रही है. वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बजट की गोपनीयता को कायम रखने के लिए बजट दस्तावेज तैयार करने वाले अधिकारियों को दफ्तर में ही अपने परिवार से अलग रहना पड़ता है. छपाई से जुड़े कर्मचारियों को भी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में प्रिंटिंग प्रेस के अंदर कम से कम कुछ सप्ताह के लिए अलग रहना पड़ता है.