चंडीगढ़ : 2,000 रुपये के नोट बंद करने की घोषणा से पहले, देश भर में पेट्रोल पंप मालिकों को इस मूल्य के दैनिक नकद का सिर्फ 10 प्रतिशत प्राप्त होता था. वहीं नोटबदली की घोषणा के बाद से अचानाक से पेट्रोल पंप पर 2,000 रुपये के नोटों लेकर खरीदारी करने वालों की संख्या अचानक से बढ़ गई है.
पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने गुरुवार को कहा कि नोट वापस लेने के फैसले के बाद, प्राप्त नकदी का लगभग 90 प्रतिशत 2,000 रुपये के नोट हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (आबीआई) से बैंकों को पर्याप्त छोटे मूल्यवर्ग के नोट उपलब्ध कराने के लिए दिशानिर्देश जारी करने के लिए कहते हुए, एसोसिएशन ने कहा कि 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने के फैसले ने फिर से पेट्रोल पंपों पर वैसी ही मुश्किल स्थिति पैदा कर दी है, जैसी 2016 की नोटबंदी के दौरान थी.
एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने कहा, 'ज्यादातर ग्राहक 100-200 रुपये की छोटी खरीदारी के लिए भी 2,000 रुपये के नोट दे रहे हैं और हमें छुट्टे की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.' कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक उपभोक्ता पेट्रोल और डीजल खरीदने के लिए नोटों का उपयोग कर रहे हैं. उपभोक्ता नोटों को वापस लेने के फैसले के मद्देनजर फ्यूल बंकों पर कैश पेमेंट्स में वृद्धि हुई है.
कुमार ने कहा कि अधिकांश पेट्रोल पंप मालिकों को डर है कि हमें फिर से समस्याओं का सामना करना पड़ेगा. 2016 में नोटबंदी के बाद अधिकांश डीलरों को कर अधिकारियों द्वारा परेशान किया गया. उन्होंने कहा कि दैनिक डिजिटल भुगतान जो लगभग 40 प्रतिशत हुआ करता था, घटकर केवल 10 प्रतिशत रह गया है और नकद बिक्री में नाटकीय रूप से वृद्धि हुई है. (आईएएनएस)
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