मुंबई : सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) में गैर-निïष्पादित परिसंपत्ति (NPA) यानी फंसा कर्ज मार्च तिमाही में बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गया है. इससे पहले दिसंबर तिमाही के अंत में यह 12 प्रतिशत था. बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी साझा की गई.
सार्वजनिक क्षेत्र की सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) और कर्ज से जुड़ी सूचना देने वाली कंपनी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज के मामले में दबाव पाया गया है. एक साल पहले की तुलना में परिणाम मिले-जुले हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र में कर्ज की मांग बढ़ी है. इसका श्रेय आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसी योजनाओं को जाता है. महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में एमसएएमई को 9.5 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिए गए, जो एक साल पहले 6.8 लाख करोड़ रुपये था.
रिपोर्ट के मुताबिक, कर्ज बढ़ने से एक साल पहले के 12.5 प्रतिशत के मुकाबले एनपीए स्तर स्थिर हुआ है.
(पीटीआई-भाषा)