नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कपड़ा क्षेत्र के लिए ₹10,683 करोड़ की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है. ये जानकारी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना को मंजूरी दी गई. ठाकुर ने कहा कि इस योजना से घरेलू विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.
ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमएमएफ (कृत्रिम रेशे) परिधान, एमएमएफ फैब्रिक्स तथा टेक्निकल टेक्सटाइल के 10 खंडों/उत्पादों के लिए ₹10,683 करोड़ की पीएलआई योजना को मंजूरी दी है. कपड़ा क्षेत्र के लिए पीएलआई योजना बजट 2021-22 में 13 क्षेत्रों के लिए की गई घोषणाओं का हिस्सा है. बता दें कि बजट में 13 क्षेत्रों के लिए ₹1.97 लाख करोड़ की योजनाओं की घोषणा की गई थी.
अमित शाह ने ट्वीट में कहा कि पिछले सात वर्षों में टेक्सटाइल क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई सार्थक कदम उठाए हैं और आज उसी दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कपड़ा क्षेत्र के लिए ₹10,683 करोड़ की पीएलआई योजना की मंजूरी दी है.
उन्होंने कहा, इस दूरदर्शी निर्णय से वैश्विक कपड़ा बाजार में भारत का प्रभुत्व बढ़ेगा साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 7.5 लाख रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे जिससे विशेषकर महिलाएं और सशक्त होंगी. इस कल्याणकारी निर्णय के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं.
टेक्सटाइल क्षेत्र को मिलेगा लाभ
टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई) स्कीम की घोषणा की गई है. सरकार ने कहा कि 10 अलग-अलग उत्पादों के लिए अगले 5 साल तक ₹10683 करोड़ से अधिक का पैकेज दिया जाएगा. सरकार ने धीमी पड़ी टेक्सटाइल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने या पुनर्जीवित करने के लिए जुलाई में यह राशि आवंटित की थी.
पीयूष गोयल ने कहा कि इस स्कीम से मुख्य रूप से गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा जैसे राज्यों को लाभ मिल पाएगा. कपड़ा मंत्रालय ने उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन या पीएलआई योजना के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी थी. सरकार इन पैसों से परिधान को बढ़ावा देने, रोजगार और निर्यात क्षमता को मजबूत करने का लक्ष्य रखा है.
(पीटीआई-भाषा)