नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने सार्वजानिक क्षेत्र की कंपनी नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड (NINL) को 12,100 करोड़ रुपये में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड को बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एनआईएनएल सार्वजनिक क्षेत्र की चार कंपनियों- एमएमटीसी लिमिटेड, राष्ट्रीय खनिज विकास निगम, भेल और मेकॉन लिमिटेड समेत ओडिशा सरकार की दो कंपनियों का संयुक्त उद्यम है.
एनआईएनएल (Neelachal ispat nigam limited) का ओडिशा के कलिंगनगर में 11 लाख टन की क्षमता वाला एकीकृत इस्पात संयंत्र है. कंपनी भारी घाटे में चल रही है और यह संयंत्र 30 मार्च, 2020 से बंद है. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के गठजोड़ और नलवा स्टील एंड पावर लिमिटेड, जेएसडब्ल्यू स्टील लिमिटेड और टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीएसएलपी) ने एनआईएनएल को खरीदने के लिए वित्तीय बोली लगाई थी. इसमें टीएसएलपी सबसे बड़ी बोलीदाता बनकर उभरी थी. टीएसएलपी को आशय पत्र (एलओआई) जारी किया जा रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट भाषण में भी नीलाचल इस्पात निगम सौदे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एअर इंडिया के मालिकाना हक का रणनीतिक हस्तांतरण पूरा हुआ. एनआईएनएल (नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड) के रणनीतिक खरीदारों को चुन लिया गया है. एअर इंडिया के बाद नरेंद्र मोदी सरकार का यह दूसरा सफल निजीकरण समझौता होगा. इसे पूरे होने में हालांकि दो महीने लगेंगे. टाटा समूह ने हाल ही में एअर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में खरीदा है.
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सरकार की कंपनी में कोई हिस्सेदारी नहीं है, इसलिए बिक्री से होने वाली आय राजकोष में जमा नहीं होगी और इसके बजाय यह चार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों समेत ओडिशा सरकार की दो कंपनियों के पास जायेगी. निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने कहा, 'सरकार ने ओडिशा में स्थित नीलाचल इस्पात निगम लिमिटेड के लिए रणनीतिक खरीदार को मंजूरी दे दी है. टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट्स द्वारा 12,100 करोड़ रुपये की उच्चतम बोली स्वीकार की जाती है.'
गौरतलब है कि एनआईएनएल पर 31 मार्च, 2021 तक 6,600 करोड़ रुपये का कर्ज और देनदारियां हैं. इसमें प्रवर्तकों दिए जाने वाले 4,116 करोड़ रुपये और बैंकों की 1,741 करोड़ रुपये की देनदारी शामिल है.