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वाराणसी: लोक भारती और कृषि विभाग ऐसी खेती को देगा बढ़ावा, करना होगा ये

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के सेवापुरी विकास खंड में जीरो बजट खेती को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम सेवा भारती और कृषि विभाग ने आयोजित किया था.

seva bharti and agricultural department organized training camp in sewapuri block over zero budget farming
सेवा भारती और कृषि विभाग जीरो बजट खेती को देगा बढ़ावा.
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Published : Nov 8, 2020, 11:02 PM IST

वाराणसी: लोक भारती एवं कृषि विभाग के सेवापुरी विकास खंड में विकसित जीरो बजट गो आधारित प्राकृतिक खेती अभियान के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. ब्लॉक मुख्यालय सभागार में रविवार को बाराडीह न्याय पंचायत के किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख एवं कृषि समृद्धि आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने सम्बोधित किया. उन्होंने बताया कि जीरो बजट खेती कर किसान अपनी लागत को न्यूनतम करते हुए बगैर उत्पादन कम किए अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर किसान इस पद्धति से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

seva bharti and agricultural department organized training camp in sewapuri block
सेवा भारती और कृषि विभाग जीरो बजट खेती को देगा बढ़ावा.

दी गई योजनाओं की जानकारी
संयुक्त कृषि निदेशक अखिलेश चंद्र शर्मा और जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की. रायबरेली से आए प्रगतिशील किसान शेषपाल सिंह व सत्यप्रकाश मिश्रा ने बताया कि, देशी गाय के एक ग्राम गोबर मे 300 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं. .ये खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि कर पौधों को सभी प्रकार के पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं.

seva bharti and agricultural department organized training camp in sewapuri block over zero budget farming
सेवापुरी में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन.

ऐसे होती है सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में वृद्धि

किसानों ने बताया कि, जीवामृत व घन जीवामृत बनाकर खेत में जुताई एवं सिंचाई के समय प्रयोग करने से इन सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाती है. देशी केंचुआ भूमि में विकसित होकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर उसे मुलायम बनाता है. इससे ऐसे किसानों के खेत में वर्षा जल संरक्षित होकर भूगर्भ जल में मिल जाता है.

प्राकृतिक खेती के बारे में भी बताया

बहराइच से आए किसान अनिरुद्ध यादव, अवधराम गिरि एवं मगन विहारी पाठक ने देशी गाय के गोबर ,गोमूत्र और गांवों में उपलब्ध वनस्पतियों का उपयोग करते हुए कीट नियंत्रण के लिए दशपर्णी अर्क, नीमास्त्र, ब्रह्मस्त्र, अग्निअस्त्र बनाने के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती में सफलता के लिए देशी गाय एवं देशी बीज की उपयोगिता और देशी केंचुओं की गतिविधियां, सहफसली खेती, आच्छादन, ह्यूमस के निर्माण, कार्बन की मात्रा में वृद्धि आदि विषयों पर परिचर्चा की गई.

ये लोग रहे उपस्थित

प्रशिक्षण कार्यक्रम में गायत्री परिवार के डॉ. डी. पटेल, राम आसरे सिंह, हरदास मौर्या, देवमणि त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खण्ड कार्यवाह अभिषेक, लोक भारती के रणविजय राय, गंगा समग्र के चंद्रशेखर मिश्र, गो सेवा प्रमुख अरविंद कुमार,अशोक राय सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे. सोमवार को देईपुर न्याय पंचायत के किसानों का प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण शिविर प्राथमिक विद्यालय करधना एवं नेवादा न्याय पंचायत का प्रशिक्षण शिविर प्राथमिक विद्यालय भीषमपुर में पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक आयोजित किया जाएगा.

वाराणसी: लोक भारती एवं कृषि विभाग के सेवापुरी विकास खंड में विकसित जीरो बजट गो आधारित प्राकृतिक खेती अभियान के अंतर्गत चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. ब्लॉक मुख्यालय सभागार में रविवार को बाराडीह न्याय पंचायत के किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को लोक भारती के सम्पर्क प्रमुख एवं कृषि समृद्धि आयोग, उत्तर प्रदेश के सदस्य श्रीकृष्ण चौधरी ने सम्बोधित किया. उन्होंने बताया कि जीरो बजट खेती कर किसान अपनी लागत को न्यूनतम करते हुए बगैर उत्पादन कम किए अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं. भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर किसान इस पद्धति से आत्मनिर्भर बन रहे हैं।

seva bharti and agricultural department organized training camp in sewapuri block
सेवा भारती और कृषि विभाग जीरो बजट खेती को देगा बढ़ावा.

दी गई योजनाओं की जानकारी
संयुक्त कृषि निदेशक अखिलेश चंद्र शर्मा और जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्या ने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने की अपील की. रायबरेली से आए प्रगतिशील किसान शेषपाल सिंह व सत्यप्रकाश मिश्रा ने बताया कि, देशी गाय के एक ग्राम गोबर मे 300 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु पाये जाते हैं. .ये खेत की उर्वरा शक्ति में वृद्धि कर पौधों को सभी प्रकार के पोषक तत्वों को उपलब्ध कराते हैं.

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सेवापुरी में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन.

ऐसे होती है सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में वृद्धि

किसानों ने बताया कि, जीवामृत व घन जीवामृत बनाकर खेत में जुताई एवं सिंचाई के समय प्रयोग करने से इन सूक्ष्म जीवाणुओं की क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाती है. देशी केंचुआ भूमि में विकसित होकर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर उसे मुलायम बनाता है. इससे ऐसे किसानों के खेत में वर्षा जल संरक्षित होकर भूगर्भ जल में मिल जाता है.

प्राकृतिक खेती के बारे में भी बताया

बहराइच से आए किसान अनिरुद्ध यादव, अवधराम गिरि एवं मगन विहारी पाठक ने देशी गाय के गोबर ,गोमूत्र और गांवों में उपलब्ध वनस्पतियों का उपयोग करते हुए कीट नियंत्रण के लिए दशपर्णी अर्क, नीमास्त्र, ब्रह्मस्त्र, अग्निअस्त्र बनाने के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती में सफलता के लिए देशी गाय एवं देशी बीज की उपयोगिता और देशी केंचुओं की गतिविधियां, सहफसली खेती, आच्छादन, ह्यूमस के निर्माण, कार्बन की मात्रा में वृद्धि आदि विषयों पर परिचर्चा की गई.

ये लोग रहे उपस्थित

प्रशिक्षण कार्यक्रम में गायत्री परिवार के डॉ. डी. पटेल, राम आसरे सिंह, हरदास मौर्या, देवमणि त्रिपाठी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के खण्ड कार्यवाह अभिषेक, लोक भारती के रणविजय राय, गंगा समग्र के चंद्रशेखर मिश्र, गो सेवा प्रमुख अरविंद कुमार,अशोक राय सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे. सोमवार को देईपुर न्याय पंचायत के किसानों का प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण शिविर प्राथमिक विद्यालय करधना एवं नेवादा न्याय पंचायत का प्रशिक्षण शिविर प्राथमिक विद्यालय भीषमपुर में पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 3 बजे तक आयोजित किया जाएगा.

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