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अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने के लिए कॉफी की खपत बढ़ाएं: वाणिज्य सचिव

वाधवान ने कहा कि दुनिया के कॉफी व्यापार में भारत की छोटी ही सही लेकिन अहम भूमिका है. एक प्राथमिक उत्पाद के चलते यह हमेशा कीमतों के दबाव का सामना करने वाली जिंस है. इससे उत्पादन की विविधता प्रभावित होती है.

अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने के लिए कॉफी की खपत बढ़ाएं: वाणिज्य सचिव
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Published : Oct 15, 2019, 6:10 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 6:17 PM IST

नई दिल्ली: कॉफी की पैदावार ज्यादा होने से इस समय इसकी कीमतों में नरमी का दबाव पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए इसकी खपत बढ़ाने जैसे कदम उठाने होंगे. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने मंगलवार को यह बात कही.

वाधवान ने कहा कि दुनिया के कॉफी व्यापार में भारत की छोटी ही सही लेकिन अहम भूमिका है. एक प्राथमिक उत्पाद के चलते यह हमेशा कीमतों के दबाव का सामना करने वाली जिंस है. इससे उत्पादन की विविधता प्रभावित होती है.

उन्होंने कहा, "आज हम दुनिया में अधिक उत्पादन (कॉफी) की स्थिति का सामना कर रहे हैं. उत्पादन आधिक्य का असर कीमतों में दबाव के रूप में देखने को मिल रहा है. कृषि क्षेत्र के अन्य प्राथमिक उत्पादों की तरह इस क्षेत्र में भी अधिक उत्पादन हमेशा वरदान नहीं होता."

ये भी पढ़ें: इंडियन ओवरसीज बैंक एक नवंबर से ब्याज दरों में संशोधन करेगा

वह यहां कॉफी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू और वैश्विक स्तर की चुनौतियों से वाकिफ है. कॉफी बोर्ड जैसे कई संगठन इससे प्रक्रियाबद्ध तरीके से निपटने का काम कर रहे हैं.

इसी कार्यक्रम में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कॉफी बोर्ड को भारतीय कॉफी को दुनिया में पहचाने जाने वाला ब्रांड बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. सचिव वाधवान ने कहा कि किसान सबसे अधिक दबाव में रहता है. हमें किसान को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत है और इसका एक तरीका यह है कि मूल्यवर्द्धन श्रृंखला को उसके पास ले जाया जाए.

इसके अलावा एक और चीज हमें इसका उपभोग बढ़ाने के बारे में जागरुकता पैदा करने की है. यह अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने में मदद करेगा. भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक और निर्यातक है. भारत बेंगलुरू में विश्व कॉफी सम्मेलन और प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा.

नई दिल्ली: कॉफी की पैदावार ज्यादा होने से इस समय इसकी कीमतों में नरमी का दबाव पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए इसकी खपत बढ़ाने जैसे कदम उठाने होंगे. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने मंगलवार को यह बात कही.

वाधवान ने कहा कि दुनिया के कॉफी व्यापार में भारत की छोटी ही सही लेकिन अहम भूमिका है. एक प्राथमिक उत्पाद के चलते यह हमेशा कीमतों के दबाव का सामना करने वाली जिंस है. इससे उत्पादन की विविधता प्रभावित होती है.

उन्होंने कहा, "आज हम दुनिया में अधिक उत्पादन (कॉफी) की स्थिति का सामना कर रहे हैं. उत्पादन आधिक्य का असर कीमतों में दबाव के रूप में देखने को मिल रहा है. कृषि क्षेत्र के अन्य प्राथमिक उत्पादों की तरह इस क्षेत्र में भी अधिक उत्पादन हमेशा वरदान नहीं होता."

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वह यहां कॉफी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू और वैश्विक स्तर की चुनौतियों से वाकिफ है. कॉफी बोर्ड जैसे कई संगठन इससे प्रक्रियाबद्ध तरीके से निपटने का काम कर रहे हैं.

इसी कार्यक्रम में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कॉफी बोर्ड को भारतीय कॉफी को दुनिया में पहचाने जाने वाला ब्रांड बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. सचिव वाधवान ने कहा कि किसान सबसे अधिक दबाव में रहता है. हमें किसान को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत है और इसका एक तरीका यह है कि मूल्यवर्द्धन श्रृंखला को उसके पास ले जाया जाए.

इसके अलावा एक और चीज हमें इसका उपभोग बढ़ाने के बारे में जागरुकता पैदा करने की है. यह अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने में मदद करेगा. भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक और निर्यातक है. भारत बेंगलुरू में विश्व कॉफी सम्मेलन और प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा.

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नई दिल्ली: कॉफी की पैदावार ज्यादा होने से इस समय इसकी कीमतों में नरमी का दबाव पड़ रहा है. इससे निपटने के लिए इसकी खपत बढ़ाने जैसे कदम उठाने होंगे. वाणिज्य सचिव अनूप वाधवान ने मंगलवार को यह बात कही.

वाधवान ने कहा कि दुनिया के कॉफी व्यापार में भारत की छोटी ही सही लेकिन अहम भूमिका है. एक प्राथमिक उत्पाद के चलते यह हमेशा कीमतों के दबाव का सामना करने वाली जिंस है. इससे उत्पादन की विविधता प्रभावित होती है.

उन्होंने कहा, "आज हम दुनिया में अधिक उत्पादन (कॉफी) की स्थिति का सामना कर रहे हैं. उत्पादन आधिक्य का असर कीमतों में दबाव के रूप में देखने को मिल रहा है. कृषि क्षेत्र के अन्य प्राथमिक उत्पादों की तरह इस क्षेत्र में भी अधिक उत्पादन हमेशा वरदान नहीं होता."

वह यहां कॉफी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार घरेलू और वैश्विक स्तर की चुनौतियों से वाकिफ है. कॉफी बोर्ड जैसे कई संगठन इससे प्रक्रियाबद्ध तरीके से निपटने का काम कर रहे हैं.

इसी कार्यक्रम में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कॉफी बोर्ड को भारतीय कॉफी को दुनिया में पहचाने जाने वाला ब्रांड बनाने की दिशा में काम करना चाहिए. सचिव वाधवान ने कहा कि किसान सबसे अधिक दबाव में रहता है. हमें किसान को आर्थिक तौर पर मजबूत करने की जरूरत है और इसका एक तरीका यह है कि मूल्यवर्द्धन श्रृंखला को उसके पास ले जाया जाए.

इसके अलावा एक और चीज हमें इसका उपभोग बढ़ाने के बारे में जागरुकता पैदा करने की है. यह अधिक उत्पादन की समस्या से निपटने में मदद करेगा. भारत दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक और निर्यातक है. भारत बेंगलुरू में विश्व कॉफी सम्मेलन और प्रदर्शनी की मेजबानी करेगा.

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Last Updated : Oct 15, 2019, 6:17 PM IST
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