सोनभद्र: जिला प्रशासन ने जनपद की कुछ ग्राम पंचायतों में राशन वितरण की दुकानों को महिला स्वयंसेवी समूहों को देने की कवायद शुरू की है. इसके लिए जिलाधिकारी और डीसी एनआरएलएम को सूचित कर दिया गया है. वहीं इस प्रयोग के सफल होने के बाद जनपद की कुछ और दुकानें स्वयंसेवी सहायता समूह को दी जा सकती हैं.
दो ग्राम पंचायतों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट
- सोनभद्र के जिला पूर्ति विभाग ने जिन गांव में राशन वितरण का कोटा लेने के लिए पिछले 6 महीनों से प्रस्ताव नहीं पारित किया है उन ग्राम पंचायतों के राशन वितरण प्रणाली की जिम्मेदारी महिला स्वयं सहायता समूह को दिए जाने का निर्णय लिया है.
- अभी जनपद दो ग्राम पंचायतें इस दायरे में आती हैं. इन दोनों ग्राम पंचायतों को चयनित कर यहां राशन वितरण प्रणाली की जिम्मेदारी महिला स्वयं सहायता समूह को दी जानी है.
- पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इन दो पंचायतों में यह जिम्मेदारी दी जाएगी.
- अगर यहां सफलतापूर्वक राशन वितरण प्रणाली चलती है तो कई अन्य ग्राम पंचायतों में भी महिला समूहों को यह जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
भारतीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत जिन ग्राम पंचायतों में पिछले 6 महीने से प्रस्ताव नहीं मिले हैं. वहां की दुकानें महिला समूह कोऑपरेटिव को दी जाएंगी. इसके लिए डीसी एनआरलएम को जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजा दिया गया है.
- डॉ. राकेश तिवारी, जिला पूर्ति अधिकारी