इटावा : अपनी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या करने वाले आरोपी सर्राफा कारोबारी मुकेश वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं आरोपी ने पुलिस के सामने कत्ल को लेकर कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. वहीं बुधवार को सभी मृतकों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मामले में कारोबारी की पत्नी के भाई ने मुकदमा दर्ज कराया था.
मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के लालपुरा तिराहे का है. यहीं पर मुकेश वर्मा (50) परिवार समेत रहता है. वह सर्राफा कारोबारी है. पुलिस के अनुसार सोमवार की शाम कारोबारी ने 112 नंंबर पर सूचना दी. बताया कि उसकी पत्नी रेखा वर्मा (45) और तीन बच्चों भव्या (18), काव्या (16) और अभिष्ट (14) ने सुसाइड कर लिया है. वह खुद भी जान देने के लिए जा रहा है. इसके बाद उसने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया.
पुलिस ने उसे रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में उसने कहा कि पत्नी और तीनों बच्चों के गले में फंदा कसकर मार डाला है. मीडिया के सामने भी उसने अपना जुर्म स्वीकार किया. बताया कि वह पिछले आठ साल से पारिवारिक कलह से परेशान चल रहा था. 2 साल से उसे कुछ ज्यादा ही टेंशन थी. इसी की वजह से उसने वारदात को अंजाम दिया. बताया कि हत्या से पहले रात में सभी को नींद की गोलियां खिलाई थीं. पुलिस को व्हाट्सएप पर सुसाइड नोट भेज कर मुकेश वर्मा रेलवे स्टेशन पहुंच गया था. वहां ट्रेन के आने पर पटरी पर लेट गया, लेकिन किसी तरह वह बच गया. जहां से पुलिस ने उसे हिरासत में लिया था.
पत्नी ने कहा सबको साथ लेकर चलना : बकौल मुकेश उसने अपनी पत्नी से कहा कि वह मरना चाहता है. इस पर पत्नी ने कहा कि ऐसा न करना. अगर करना तो हम सब को साथ लेकर चलना. पत्नी ने कहा कि मायके में भी कोई इतना सक्षम नहीं है जो हमारी परेशानी झेल पाए. बच्चे बड़े हो रहे हैं. उनके भी खर्च हैं. मुकेश ने बताया कि करवाचौथ से एक दिन पहले वह यह करने वाला था लेकिन पत्नी के कहने पर टाल दिया. इसके बाद एक रोज वह नींद की कई गोलियां लेकर आया और बच्चों और पत्नी को खिला दिया.
बच्चों ने पूछा-पापा क्या कर रहे हो : मुकेश ने बताया पत्नी ने कई बार फांसी के फंदे पर लटकने की कोशिश की लेकिन असफल रही. पत्नी का भी गला घोंट दिया. नींद में तीनों बच्चों का गला घोंटा. इस दौरान बच्चों की आंख खुल गई और पूछ-'पापा क्या कर रहे हो.' इस पर मुकेश ने कहा कि तुमको अपने साथ ले जा रहे हैं. अकेला नहीं छोड़ सकते. मुकेश ने कहा कि उसे लगा कि जब फांसी नहीं लग पा रही तो वह ट्रेन से कटकर जान दे दे. उसके बाद ट्रेन के आगे लेट गया, लेकिन बच गया. कहा कि सबकी हत्या करने का कोई पछतावा नहीं है. सात डिब्बे ऊपर से गुजर गए, तब भी मैं बच गया. हत्यारे पति ने घटना को अंजाम देने के करीब 15 घंटे बाद क्षेत्राधिकारी नगर अमित कुमार सिंह के सीयूजी व्हाट्सएप नंबर पर पौन पन्ने का सुसाइड नोट भी भेजा था.
हर पहलू की जांच कर रही पुलिस: रेखा वर्मा (मुकेश की पत्नी) के परिवार वालों का कहना है कि परिवार में विवाद की कोई बात उनके सामने नहीं आई थी. लेकिन बताया जाता है कि मुकेश ने आत्महत्या करने से पहले पुलिस को सूचना दी थी, इसके बाद फोन स्विच ऑफ कर लिया था. इसके बाद पुलिस ने मुकेश को रेलवे ट्रैक के पास से पकड़ा. अब ऐसे में कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर क्या ये प्लान्ड मर्डर है या मास सुसाइड केस. पुलिस हर पहलू की जांच कर रही है.
मुकेश की हुई थी दो शादी : मुकेश दिल्ली में सोना खरीदने का काम करता है. वह 8 से 10 दिन में ही घर पर आता-जाता था. उसने 2 शादी की थी. पहली पत्नी की शादी के 2 साल बाद साल 2005 में कैंसर से मौत हो गई थी. भव्या पहली पत्नी की बेटी थी. जबकि काव्या और अभिष्ट दूसरी पत्नी के बच्चे थे. भव्या दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम कर रही थी. वह दिवाली पर घर आई थी. छोटी बेटी काव्या 12वीं क्लास में पढ़ती थी.
पत्नी और बच्चों का अंतिम संस्कार: सभी चारों मृतकों का एक साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सुसाइड नोट के आधार पर सर्राफा कारोबारी के परिवार के नामजद सदस्य भी अब पुलिस की रडार पर आ गए हैं. इस हत्याकांड को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी मुकेश वर्मा को पुलिस ने जेल भेज दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि इस हत्याकांड के पीछे जो लोग वजह हैं, पुलिस अब उन पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है. पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड में पारिवारिक कलह, आर्थिक तंगी, परिवार के लोगों के ताने भी मुख्य वजह हैं.