हाथरस: ब्रज क्षेत्र में आने वाला हाथरस लोकसभा क्षेत्र सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का क्षेत्र है. इस सीट का मुख्यालय हाथरस प्राचीन नगर है. यह नगर काका हाथरसी और निर्भय हाथरसी की जन्मस्थली रहा है. यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव होना है, जिसके लिए प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं.
हाथरस के 11 लाख वोटर 18 अप्रैल को चुनेंगे अपना नेता, प्रशासन की तैयारियां जोरों पर - uttar pradesh news
लोकसभा सीट के सभी प्रत्याशियों का भाग 18 अप्रैल को ईवीएम में कैद हो जाएगा. उसके बाद उन्हें चुनाव परिणाम के लिए एक माह से अधिक का इंतजार करना होगा.
हाथरस के 11 लाख वोटर 18 अप्रैल को चुनेंगें अपना नेता
हाथरस: ब्रज क्षेत्र में आने वाला हाथरस लोकसभा क्षेत्र सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का क्षेत्र है. इस सीट का मुख्यालय हाथरस प्राचीन नगर है. यह नगर काका हाथरसी और निर्भय हाथरसी की जन्मस्थली रहा है. यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव होना है, जिसके लिए प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं.
हाथरस लोकसभा सीट हाथरस के जिला बनने से पहले अलीगढ़ जिले में हुआ करती थी. इसमें वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की अतरौली विधानसभा सीट शामिल थी. अब हाथरस जिले की हाथरस, सिकंदराराऊ और सादाबाद तथा अलीगढ़ जिले की छर्रा और इगलास विधानसभा सीटें शामिल हैं. जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि हाथरस लोकसभा क्षेत्र में कुल 11 लाख 29 हजार 216 मतदाता हैं. जिनमें से 9 लाख 90 हजार 708 पुरुष मतदाता और 8 लाख 40 हजार 439 महिला मतदाता हैं. हाथरस की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 11 लाख एक हजार 187 है.
हाथरस लोकसभा सीट हाथरस के जिला बनने से पहले अलीगढ़ जिले में हुआ करती थी. इसमें वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की अतरौली विधानसभा सीट शामिल थी. अब हाथरस जिले की हाथरस, सिकंदराराऊ और सादाबाद तथा अलीगढ़ जिले की छर्रा और इगलास विधानसभा सीटें शामिल हैं. जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि हाथरस लोकसभा क्षेत्र में कुल 11 लाख 29 हजार 216 मतदाता हैं. जिनमें से 9 लाख 90 हजार 708 पुरुष मतदाता और 8 लाख 40 हजार 439 महिला मतदाता हैं. हाथरस की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 11 लाख एक हजार 187 है.
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ओपनिंग पीटूसी -ब्रज क्षेत्र में आने वाला हाथरस लोकसभा क्षेत्र सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व का क्षेत्र है ।इस सीट का मुख्यालय हाथरस प्राचीन नगर है ।यह नगर काका हाथरसी व निर्भय हाथरसी की जन्मस्थली रहा है। यहां दूसरे चरण में 18 अप्रैल को चुनाव होना है ,जिसके लिए प्रशासन की तैयारियां जोर-शोर पर हैं।
Body:वीओ1- हाथरस लोकसभा सीट हाथरस के जिला बनने से पहले अलीगढ़ जिले में हुआ करती थी ।इसमें वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की अतरौली विधान सभा सीट शामिल थी ।अब हाथरस जिले की हाथरस, सिकंदराराऊ और सादाबाद तथा अलीगढ़ जिले की छर्रा और इगलास विधानसभा सीटें शामिल है। जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि हाथरस लोकसभा क्षेत्र में कुल 11 लाख29हजार 216 मतदाता हैं ।जिनमें से 9लाख90हजार708 पुरुष मतदाता व 8लाख 40हजार439 महिला मतदाता है ।हाथरस की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 11 लाख एक हजार 187 है
Conclusion:फाइनल पीटूसी- लोकसभा सीट के सभी प्रत्याशियों का भाग 18 अप्रैल को ईवीएम में कैद हो जाएगा ।उसके बाद उन्हें चुनाव परिणाम के लिए एक माह से अधिक का इंतजार करना होगा।
Body:वीओ1- हाथरस लोकसभा सीट हाथरस के जिला बनने से पहले अलीगढ़ जिले में हुआ करती थी ।इसमें वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री की अतरौली विधान सभा सीट शामिल थी ।अब हाथरस जिले की हाथरस, सिकंदराराऊ और सादाबाद तथा अलीगढ़ जिले की छर्रा और इगलास विधानसभा सीटें शामिल है। जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया कि हाथरस लोकसभा क्षेत्र में कुल 11 लाख29हजार 216 मतदाता हैं ।जिनमें से 9लाख90हजार708 पुरुष मतदाता व 8लाख 40हजार439 महिला मतदाता है ।हाथरस की तीनों विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं की कुल संख्या 11 लाख एक हजार 187 है
Conclusion:फाइनल पीटूसी- लोकसभा सीट के सभी प्रत्याशियों का भाग 18 अप्रैल को ईवीएम में कैद हो जाएगा ।उसके बाद उन्हें चुनाव परिणाम के लिए एक माह से अधिक का इंतजार करना होगा।