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वृंदावन में खादर पर बने निर्माण का मामला, हाईकोर्ट ने ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना किनारे खादर की भूमि पर बने निर्मान के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है, जिससे खादर में रहने वाले लोगों को एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है. वहीं हाईकोर्ट ने आगरा कमिश्नर को तीन महीने के अंदर मामले का हल निकाल कर अपीलें निस्तारित करने का आदेश भी सुनाया है.

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Published : Apr 28, 2019, 10:38 AM IST

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद लोगों में जागी उम्मीद

मथुरा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना किनारे खादर की भूमि पर बने निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जिसका वृंदावन के लोगों ने स्वागत किया है. वहीं कोर्ट ने मंडलायुक्त आगरा को ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल अपीलों का निस्तारण करने के लिए तीन माह का समय भी दिया है. हाईकोर्ट के फैसले से खादर में रहने वाले लोगों को एक उम्मीद दिखाई दी है.

स्थानीय लोगों ने मीडिया से की बातचीत.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • कुछ महीने पहले एनजीटी के आदेश पर वृंदावन में यमुना की खादर में बने सैकड़ों लोगों के निर्माण को ढहा दिया गया था.
  • जिसमें कई मठ ,मंदिर और गरीबों के आशियाने जमींदोज कर दिए गए थे.
  • कई परिवार सड़कों पर आ गए तो कुछ परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए.
  • ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद लोगों ने सरकार और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी भी की थी.
  • वहीं तमाम बैठकों और आश्वासन के बाद भी सड़क पर आए लोगों को कुछ भी राहत नहीं मिली.
  • लोगों ने इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया.
  • जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए, आगरा कमिश्नर को तीन माह का समय देकर मामले का हल निकाल कर अपीलें निस्तारित करने का आदेश सुनाया है.
  • वहीं स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट से फैसले का स्वागत कर, राहत की सांस ली है

मथुरा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना किनारे खादर की भूमि पर बने निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जिसका वृंदावन के लोगों ने स्वागत किया है. वहीं कोर्ट ने मंडलायुक्त आगरा को ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल अपीलों का निस्तारण करने के लिए तीन माह का समय भी दिया है. हाईकोर्ट के फैसले से खादर में रहने वाले लोगों को एक उम्मीद दिखाई दी है.

स्थानीय लोगों ने मीडिया से की बातचीत.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • कुछ महीने पहले एनजीटी के आदेश पर वृंदावन में यमुना की खादर में बने सैकड़ों लोगों के निर्माण को ढहा दिया गया था.
  • जिसमें कई मठ ,मंदिर और गरीबों के आशियाने जमींदोज कर दिए गए थे.
  • कई परिवार सड़कों पर आ गए तो कुछ परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए.
  • ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद लोगों ने सरकार और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी भी की थी.
  • वहीं तमाम बैठकों और आश्वासन के बाद भी सड़क पर आए लोगों को कुछ भी राहत नहीं मिली.
  • लोगों ने इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया.
  • जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए, आगरा कमिश्नर को तीन माह का समय देकर मामले का हल निकाल कर अपीलें निस्तारित करने का आदेश सुनाया है.
  • वहीं स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट से फैसले का स्वागत कर, राहत की सांस ली है
Intro:इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा यमुना किनारे खादर की भूमि पर बने निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने के फैसले का वृंदावन के लोगों ने स्वागत किया ।कोर्ट द्वारा भले ही मंडलायुक्त आगरा को ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल अपीलों का निस्तारण करने के लिए 3 माह का समय दिया है, लेकिन लोगों में अभी से उम्मीद जग रही है। हाई कोर्ट के इस फैसले ने लोगों में अब उम्मीद जगह दी हैं। खादर में बसे लोगों को उम्मीद है कि शायद अब हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन उन्हें निराश नहीं करेगा। इस बारे में खादर में बसे कई लोगों से बात की तो सभी ने उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रसन्नता व्यक्त कर इस आदेश को गरीबों के हित में बताया।


Body:हम आपको बता दें कि विगत कुछ माह पूर्व एनजीटी के आदेश पर वृंदावन में यमुना की खादर में बने सैकड़ों लोगों के निर्माण को ढहा दिया गया था ।जिसमें कई मठ ,मंदिर और गरीबों के आशियाने जमींदोज कर दिए गए। लोग सड़कों पर आ गए तो कुछ लोग यहां से पलायन कर गए । ध्वस्तीकरण की कार्यवाही के बाद खूब हल्ला हुआ यहां तक कि सरकार की भी खूब फजीहत हुई ।तमाम बैठकों और आश्वासन के बाद भी सड़क पर आए लोगों को कुछ भी राहत नहीं मिली ।इस मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया। जिस पर सुनवाई कर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आगरा कमिश्नर को 3 माह का समय देकर मामले का हल निकाल कर अपीलें निस्तारित करने का आदेश सुनाया है।


Conclusion:कई माह बाद खादर में बसे लोगों के लिए हाई कोर्ट का यह आदेश किसी संजीवनी से कम नहीं है। अब देखना होगा कि गरीब को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा क्या कदम उठाए जाते हैं। क्या सड़कों पर आए लोगों को छत मिल पाएगी क्या ध्वस्तीकरण के बाद बेरोजगारी के कगार पर आए लोगों को कुछ राहत मिल सकेगी। सवाल बहुत हैं जिनका जवाब 3 माह बाद ही मिलेगा फिलहाल खादर के लोगों में कोर्ट के निर्णय से हर्ष की लहर है।
बाइट- अश्वनी मिश्र
काउंटर बाइट- पूनम
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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