मथुरा: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यमुना किनारे खादर की भूमि पर बने निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है. जिसका वृंदावन के लोगों ने स्वागत किया है. वहीं कोर्ट ने मंडलायुक्त आगरा को ध्वस्तीकरण के खिलाफ दाखिल अपीलों का निस्तारण करने के लिए तीन माह का समय भी दिया है. हाईकोर्ट के फैसले से खादर में रहने वाले लोगों को एक उम्मीद दिखाई दी है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- कुछ महीने पहले एनजीटी के आदेश पर वृंदावन में यमुना की खादर में बने सैकड़ों लोगों के निर्माण को ढहा दिया गया था.
- जिसमें कई मठ ,मंदिर और गरीबों के आशियाने जमींदोज कर दिए गए थे.
- कई परिवार सड़कों पर आ गए तो कुछ परिवार पलायन करने पर मजबूर हो गए.
- ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद लोगों ने सरकार और प्रशासन के विरोध में नारेबाजी भी की थी.
- वहीं तमाम बैठकों और आश्वासन के बाद भी सड़क पर आए लोगों को कुछ भी राहत नहीं मिली.
- लोगों ने इस मामले पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वाद दायर किया.
- जिस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए, आगरा कमिश्नर को तीन माह का समय देकर मामले का हल निकाल कर अपीलें निस्तारित करने का आदेश सुनाया है.
- वहीं स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट से फैसले का स्वागत कर, राहत की सांस ली है