कन्नौज: 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा धरातल पर उतरती दिखने लगी है. सस्ती, सटीक और जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए स्वदेशी मशीन ट्रू नेट जनपद समेत सूबे के 55 जिलों को मिलने जा रही है. खास बात यह है कि इस ट्रू नेट मशीन से कोविड-19 संक्रमण की भी जांच होगी. इसमें एक साथ दो सैंपल लगाए जा सकेंगे और महज दो घंटे में रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी.
55 जिलों को मिली ट्रू नेट मशीन
ट्रू नेट मशीन टीबी की जांच में इस्तेमाल की जाने वाली सीवी नॉट मशीन की तरह ही काम करेगी. इसके ऑपरेटिंग के लिए स्थानीय लैब टेक्नीशियन को जल्द प्रशिक्षित किया जाएगा. राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने सूबे को 55 ट्रू नेट मशीनें उपलब्ध कराई हैं. वहीं राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से इन मशीनों को सूबे के 55 जिलों को आवंटित भी कर दिया गया है.
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. जेजे राम ने बताया कि ट्रू नेट मशीन से जल्द ही टीबी और कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग शुरू की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग ने ट्रू नेट मशीन की लैब बनाने के लिए 100 शैय्या चिकित्सालय जांच लैब को चिन्हित किया है. इसमें कोरोना की प्रारंभिक जांच होगी. साथ ही ट्रू नेट मशीन से प्राप्त कोविड-19 संक्रमण की रिपोर्ट को प्रतिदिन प्रदेश पोर्टल और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. वहीं विभिन्न चरणों में भारत सरकार राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को कुल 458 ट्रूनॉट मशीनें उपलब्ध कराएगी.