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लखनऊ : यूपी का ऊर्जा विभाग निर्बाध बिजली का नारा कर रहा साकार

पूर्व की सरकारों में जहां हर साल साढ़े छह लाख कनेक्शन दिया जाता था, योगी सरकार ने 23 महीने में ही करीब एक करोड़ कनेक्शन दिए. अब सरकार ने एक अप्रैल से अंधेरा मुक्त उत्तर प्रदेश करने का नारा दिया है.

ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल
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Published : Mar 16, 2019, 4:12 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी. भाजपा सरकार ने सबको बिजली निर्बाध बिजली का नारा दिया और उसे साकार रुप देने के लिए पूरा अमला जुट गया. इसका असर यह रहा कि पूर्व की सरकारों में जहां हर साल साढ़े छह लाख कनेक्शन दिया जाता था, योगी सरकार ने 23 महीने में ही करीब एक करोड़ कनेक्शन दिए. अब सरकार ने एक अप्रैल से अंधेरा मुक्त उत्तर प्रदेश करने का नारा दिया है. उसे पूरा करना उसके लिए चुनौती है, हालांकि सरकार का कहना है कि वह इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है.

ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल

योगी सरकार ने इस दौरान प्रदेश की ग्रिड क्षमता भी बढ़ाई है. पहले साढ़े चार हजार मेगा वाट की छमता थी. वहीं अब 24500 मेगा वाट किया गया. सरकार में आयात क्षमता को भी बढ़ाया है. पहले 8 हजार था, जिसे बढ़ाकर 10500 कर दिया. सरकार का दावा है कि उसने हर क्षेत्र में अच्छा काम किया है.

सरकार ने प्रदेश भर में बिजली का एक रोस्टर तय किया. इस के मुताबिक हर गांव को 18 घंटे हर दिन बिजली देने की घोषणा की गई. तहसीलों को 20 घंटे और जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली सप्लाई का सरकार का दावा है. सरकार की अब नीति है कि आगामी एक अप्रैल से प्रदेश भर में गांव हो या शहर रात में बिजली कटौती नहीं की जाएगी. सरकार ने नारा दिया है कि अब उत्तर प्रदेश में सूर्यास्त नहीं होगा.

प्रदेश में अलग कृषि फीडर
योगी सरकार ने किसानों के खेत की सिंचाई के लिए कोई व्यवधान न हो इसके लिए अलग से फीडर बनाया जा रहा है. प्रदेश के 39 जिलों में एक हजार 766 फीडर बनने हैं. अबतक एक हजार 54 कृषि के लिए अलग से फीडर बन चुके हैं. सरकार का दावा है कि इस फीडर पर पावर कट नहीं होगा. निर्धारित समय तक निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई की जाएगी ताकि सिचाई में किसानों को कोई दिक्कत न होने पाए.

किसानों को सस्ती बिजली
सरकार के दावा है कि प्रदेश के किसानों को सस्ते दर पर बिजली दी जा रही है. एक यूनिट बिजली की लागत मूल्य 7.24 रुपये है, लेकिन जिन किसानों ने ट्यूबवेल का कनेक्शन लिया है, उन्हें 1.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है. प्रदेश में डार्क जोन समाप्त कर 172 विकास खंडों में किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए हैं.

ये हैं चुनौतियां
आज भी बिजली चोरी प्रदेश में है बड़ी समस्या है. इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने थानों का गठन करने का फैसला किया है, लेकिन अभी इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका है. जानकार बताते हैं कि हर साल करीब 48 हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जाती है. इसमे से करीब 5 हजार करोड़ की बिजली चोरी हो जाती है. फिजूलखर्ची और महंगी बिजली खरीद पर भी रोक लगाए जाने की जरूरत बताई जा रही है.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कनेक्शन लेने के लिए अब लोगों को बिजली घर नहीं जाना पड़ रहा है. अब वह ऑनलाइन कनेक्शन ले सकते हैं. सरकार ने झटपट कनेक्शन योजना लागू की है. इस योजना के तहत लोग आवेदन करके कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं. उसकी ट्रेकिंग ग्राहक खुद कर सकता है. सात दिन के भीतर उसे बिजली कनेक्शन मिल जाएगा.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी. भाजपा सरकार ने सबको बिजली निर्बाध बिजली का नारा दिया और उसे साकार रुप देने के लिए पूरा अमला जुट गया. इसका असर यह रहा कि पूर्व की सरकारों में जहां हर साल साढ़े छह लाख कनेक्शन दिया जाता था, योगी सरकार ने 23 महीने में ही करीब एक करोड़ कनेक्शन दिए. अब सरकार ने एक अप्रैल से अंधेरा मुक्त उत्तर प्रदेश करने का नारा दिया है. उसे पूरा करना उसके लिए चुनौती है, हालांकि सरकार का कहना है कि वह इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है.

ऊर्जा को बढ़ावा देने की पहल

योगी सरकार ने इस दौरान प्रदेश की ग्रिड क्षमता भी बढ़ाई है. पहले साढ़े चार हजार मेगा वाट की छमता थी. वहीं अब 24500 मेगा वाट किया गया. सरकार में आयात क्षमता को भी बढ़ाया है. पहले 8 हजार था, जिसे बढ़ाकर 10500 कर दिया. सरकार का दावा है कि उसने हर क्षेत्र में अच्छा काम किया है.

सरकार ने प्रदेश भर में बिजली का एक रोस्टर तय किया. इस के मुताबिक हर गांव को 18 घंटे हर दिन बिजली देने की घोषणा की गई. तहसीलों को 20 घंटे और जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली सप्लाई का सरकार का दावा है. सरकार की अब नीति है कि आगामी एक अप्रैल से प्रदेश भर में गांव हो या शहर रात में बिजली कटौती नहीं की जाएगी. सरकार ने नारा दिया है कि अब उत्तर प्रदेश में सूर्यास्त नहीं होगा.

प्रदेश में अलग कृषि फीडर
योगी सरकार ने किसानों के खेत की सिंचाई के लिए कोई व्यवधान न हो इसके लिए अलग से फीडर बनाया जा रहा है. प्रदेश के 39 जिलों में एक हजार 766 फीडर बनने हैं. अबतक एक हजार 54 कृषि के लिए अलग से फीडर बन चुके हैं. सरकार का दावा है कि इस फीडर पर पावर कट नहीं होगा. निर्धारित समय तक निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई की जाएगी ताकि सिचाई में किसानों को कोई दिक्कत न होने पाए.

किसानों को सस्ती बिजली
सरकार के दावा है कि प्रदेश के किसानों को सस्ते दर पर बिजली दी जा रही है. एक यूनिट बिजली की लागत मूल्य 7.24 रुपये है, लेकिन जिन किसानों ने ट्यूबवेल का कनेक्शन लिया है, उन्हें 1.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है. प्रदेश में डार्क जोन समाप्त कर 172 विकास खंडों में किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए हैं.

ये हैं चुनौतियां
आज भी बिजली चोरी प्रदेश में है बड़ी समस्या है. इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने थानों का गठन करने का फैसला किया है, लेकिन अभी इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका है. जानकार बताते हैं कि हर साल करीब 48 हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जाती है. इसमे से करीब 5 हजार करोड़ की बिजली चोरी हो जाती है. फिजूलखर्ची और महंगी बिजली खरीद पर भी रोक लगाए जाने की जरूरत बताई जा रही है.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कनेक्शन लेने के लिए अब लोगों को बिजली घर नहीं जाना पड़ रहा है. अब वह ऑनलाइन कनेक्शन ले सकते हैं. सरकार ने झटपट कनेक्शन योजना लागू की है. इस योजना के तहत लोग आवेदन करके कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं. उसकी ट्रेकिंग ग्राहक खुद कर सकता है. सात दिन के भीतर उसे बिजली कनेक्शन मिल जाएगा.

Intro:नोट-योगी सरकार के दो साल पूरे होने पर प्लान की खबर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2070 को योगी आदित्यनाथ की सरकार बनी। भाजपा सरकार ने सबको बिजली निर्बाध बिजली का नारा दिया और उसे साकार रुप देने के लिए पूरा अमला जुट गया। इसका असर यह रहा कि पूर्व की सरकारों में जहाँ हर साल साढ़े छह लाख कनेक्शन दिया जाता था, योगी सरकार ने 23 महीने में ही करीब एक करोड़ कनेक्शन दिए। अब सरकार ने एक अप्रैल से अंधेरा मुक्त उत्तर प्रदेश करने का नारा दिया है। उसे पूरा करना उसके लिए चुनौती है। हालांकि सरकार का कहना है कि वह इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है।


Body:सरकार का दावा है कि पहले की सरकारों में 18000 से 19000 मजरों के विद्युतीकरण का हर साल का औसत था। योगी सरकार ने 21 महीने में एक लाख 30,000 मजरों को ऊर्जीकृत किया है।

योगी सरकार ने इस दौरान प्रदेश की ग्रिड क्षमता भी बढ़ाई है। पहले साढ़े चार हजार मेगा वाट की छमता थी। 24500 मेगा वाट किया गया। सरकार में आयात क्षमता को भी बढ़ाया है। पहले 8000 था जिसे बढ़ाकर 10500 कर दिया। सरकार का दावा है कि उसने हर क्षेत्र में अच्छा काम किया है।

सरकार ने प्रदेश भर में बिजली का एक रोस्टर तय किया। इस के मुताबिक हर गांव को 18 घंटे हर दिन बिजली देने की घोषणा की गई। तहसीलों को 20 घंटे और जिला मुख्यालय को 24 घंटे बिजली सप्लाई का सरकार का दावा है। सरकार की अब नीति है कि आगामी एक अप्रैल से प्रदेश भर में गांव हो या शहर रात में बिजली कटौती नहीं की जाएगी। सरकार ने नारा दिया है कि अब उत्तर प्रदेश में सूर्यास्त नहीं होगा।

प्रदेश में अलग कृषि फीडर

योगी सरकार ने किसानों के खेत की सिंचाई के लिए कोई व्यवधान न हो इसके लिए अलग से फीडर बनाया जा रहा है। प्रदेश के 39 जिलों में एक हजार 766 फीडर बनने हैं। अबतक एक हजार 54 कृषि के लिए अलग से फीडर बन चुके हैं। सरकार का दावा है कि इस फीडर पर पावर कट नहीं होगा। निर्धारित समय तक निर्बाध रूप से बिजली की सप्लाई की जाएगी ताकि सिचाई में किसानो को कोई दिक्कत न होने पाए।

किसानों को सस्ती बिजली

सरकार के दावा है कि प्रदेश के किसानों को सस्ते दर पर बिजली दी जा रही है। एक यूनिट बिजली की लागत मूल्य 7.24 रुपये है। लेकिन जिन किसानों ने ट्यूबवेल का कनेक्शन लिया है, उन्हें 1.10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली दी जा रही है। प्रदेश में डार्क जोन समाप्त कर 172 विकास खंडों में किसानों को ट्यूबवेल कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए हैं।

ये हैं चुनौतियां

आज भी बिजली चोरी प्रदेश में है बड़ी समस्या है। इस समस्या से निपटने के लिए विभाग ने थानों का गठन करने का फैसला किया है। लेकिन अभी इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका है। जानकार बताते हैं कि हर साल करीब 48000 करोड़ रुपये की बिजली खरीदी जाती है। इसमे से करीब 5000 करोड़ की बिजली चोरी हो जाती है। फिजूलखर्ची और महंगी बिजली खरीद पर भी रोक लगाए जाने की जरूरत बताई जा रही है।

बाईट- ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि यूपी में 19 मार्च 2017 को भाजपा जी सरकार बनी। उस समय ऊर्जा विभाग आईसीयू में था। हमने सबसे पहले विभाग को आईसीयू से बाहर निकाला। पटरी पर लेकर आए। अब ऊर्जा विभाग सरपट दौड़ रहा है।

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली कनेक्शन लेने के लिए अब लोगों को बिजली घर नहीं जाना पड़ रहा। अब वह ऑनलाइन कनेक्शन ले सकते हैं। सरकार ने झटपट कनेक्शन योजना लागू की है। इस योजना के तहत लोग आवेदन करके कनेक्शन प्राप्त कर सकते हैं। उसकी ट्रेकिंग ग्राहक खुद कर सकता है। सात दिन के भीतर उसे बिजली कनेक्शन मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश में बिजली की कहीं से कोई कमी नहीं है। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में बिजली है। पिछली गर्मियों में हमने 20500 मेगा वाट बिजली की डिमांड थी, उसे पूरा किया था। इस बार हमारी और तैयारी है। लाइन से लेकर ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत की जा चुकी है। सबको बिजली निर्वाध बिजली का नारा सरकार का है। उसी हिसाब से हम काम कर रहे हैं। उसे पूरा करने के लिए हमने पूरी तैयारी कर ली है। ताकि आने वाली गर्मी में किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े।


Conclusion:रिपोर्ट-दिलीप शुक्ला, 9450663213
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