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वाराणसी: अस्सी नदी के किनारे बने भवनों का दो जोनल अधिकारी करेंगे सर्वे - banks of river assi in varanasi

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में विकास प्राधिकरण ने अस्सी नदी व उसकेे किनारे बने भवनों के सर्वे के लिए दो जोनल अधिकारियों की तैनाती की है. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रोजाना इसकी समीक्षा करेंगे.

अस्सी नदी  के किनारे बने भवनों का होगा  सर्वे.
अस्सी नदी के किनारे बने भवनों का होगा सर्वे.
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Published : Oct 27, 2020, 10:28 PM IST

वाराणसी: जिले में अस्सी नदी व उसके किनारे बने भवनों के सर्वे के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने दो जोनल अधिकारियों की तैनाती कर दी है. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने सर्वे की जिम्मेदारी नगवा और भेलूपुर के जोनल अधिकारी को सौंपी है. साथ ही राहुल पांडेय रोजाना सर्वे की समीक्षा भी कर रहे हैं.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने सर्वे की जिम्मेदारी संयुक्त सचिव व नगवा जोनल अधिकारी परमानंद यादव के साथ-साथ भेलूपुर जोनल अधिकारी वीपी मिश्रा को सौंपी है. बता दें कि अब तक इन दोनों ही जोनल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रो में करीब 100-100 भवनों को चिन्हित भी किया है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के 2031 के योजना में अस्सी नदी के दोनों ओर 25-25 मीटर की हरित पट्टी दर्शायी गई है. वहीं राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में यह नदी नाले के रूप में भले ही दर्ज है, लेकिन प्राधिकरण नेे अपनी योजना में इसे काफी चौड़ी दर्शाया है. जबकि मौके पर इसका स्वरूप दूसरा है. यही नहीं अस्सी नदी के कुछ स्थानों पर अतिक्रमण व गंदगी के चलते नदी का स्वरूप ही नहीं दिखता.

जानकारों के अनुसार अस्सी नदी की शुरुआत कंदवा तालाब से माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह नदी कंदवा तालाब से निकलकर कर्मजीतपुर, सुंदरपुर, कौशलेश नगर, रोहित नगर, साकेत नगर, संकट मोचन से नगवा होते हुए संत रविदास पार्क के पास गंगा नदी में मिलती है.

वाराणसी: जिले में अस्सी नदी व उसके किनारे बने भवनों के सर्वे के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने दो जोनल अधिकारियों की तैनाती कर दी है. विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने सर्वे की जिम्मेदारी नगवा और भेलूपुर के जोनल अधिकारी को सौंपी है. साथ ही राहुल पांडेय रोजाना सर्वे की समीक्षा भी कर रहे हैं.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राहुल पांडेय ने सर्वे की जिम्मेदारी संयुक्त सचिव व नगवा जोनल अधिकारी परमानंद यादव के साथ-साथ भेलूपुर जोनल अधिकारी वीपी मिश्रा को सौंपी है. बता दें कि अब तक इन दोनों ही जोनल अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्रो में करीब 100-100 भवनों को चिन्हित भी किया है.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के 2031 के योजना में अस्सी नदी के दोनों ओर 25-25 मीटर की हरित पट्टी दर्शायी गई है. वहीं राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में यह नदी नाले के रूप में भले ही दर्ज है, लेकिन प्राधिकरण नेे अपनी योजना में इसे काफी चौड़ी दर्शाया है. जबकि मौके पर इसका स्वरूप दूसरा है. यही नहीं अस्सी नदी के कुछ स्थानों पर अतिक्रमण व गंदगी के चलते नदी का स्वरूप ही नहीं दिखता.

जानकारों के अनुसार अस्सी नदी की शुरुआत कंदवा तालाब से माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह नदी कंदवा तालाब से निकलकर कर्मजीतपुर, सुंदरपुर, कौशलेश नगर, रोहित नगर, साकेत नगर, संकट मोचन से नगवा होते हुए संत रविदास पार्क के पास गंगा नदी में मिलती है.

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