सुल्तानपुर: आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह आचार संहिता उल्लंघन मामले में कोर्ट में पेश हुए. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली तारीख 3 मार्च तय की है. सोमवार को इस मामले में सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के कारण सांसद की डिस्चार्ज एप्लिकेशन पर बहस नहीं हो सकी.
सांसद संजय सिंह ने कोर्ट में आरोपों से मुक्त करने की अर्जी दी थी, लेकिन बार एसोसिएशन की हड़ताल के कारण कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई. अब अदालत ने 3 मार्च की तारीख तय की है.
क्या था पूरा मामला : 13 अप्रैल 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान बंधुआकला थाने के हसनपुर गांव में संजय सिंह ने बिना अनुमति जनसभा की थी. इस पर पुलिस ने संजय सिंह समेत 13 नामजद और 45 अज्ञात लोगों पर आचार संहिता उल्लंघन का केस दर्ज किया था.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को व्यक्तिगत रूप से तलब किया था. पिछली सुनवाई में संजय सिंह के वकील ने संसद सत्र के कारण मोहलत मांगी थी, जिसे कोर्ट ने अंतिम अवसर के रूप में मंजूर किया था.
संजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए इस केस को फर्जी और बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों से न्यायालयों पर अनावश्यक बोझ बढ़ रहा है. अब डिस्चार्ज एप्लीकेशन पर आगे सुनवाई होगी.
संजय सिंह ने भाजपा-कांग्रेस पर साधा निशाना: संजय सिंह ने भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए. उन्होंने दावा किया कि प्रदेश में पिछले आठ महीनों में 7.84 लाख बच्चे सरकारी स्कूलों से बाहर हो गए हैं.
संजय सिंह ने इसे सरकार की नाकामी करार देते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति के कारण अभिभावक अपने बच्चों को इनमें भेजने से हिचक रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की कमी, शिक्षकों की अनुपलब्धता और शिक्षानीति में खामियों के कारण लाखों बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है.
उन्होंने दिल्ली के शिक्षा मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि आम आदमी पार्टी को उत्तर प्रदेश में सेवा का अवसर मिलता है, तो दिल्ली की तरह यहां भी सरकारी स्कूलों में बेहतरीन सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.
संजय सिंह ने जनता से अपील की कि वे शिक्षा को चुनावी मुद्दा बनाएं और सरकार से जवाब मांगें. उन्होंने कहा कि शिक्षा ही प्रदेश के भविष्य को संवार सकती है, इसलिए सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए.