ETV Bharat / briefs

लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी - lucknow hospital news

कृष्णानगर में गोली से घायल हुए राजीव गुप्ता और रायबरेली में गोली लगने से घायल हुए डॉ.अंशुमान शामिल थे तो वहीं शहीद पथ पर एक एक्सीडेंट में लोहे की ग्रिल सीने के आर-पार हो जाने से गंभीर रूप से घायल होने वाले गोपाल भी थे. जब इन तीनों को ट्रामा सेंटर लाया गया था तब इनकी हालत बेहद नाजुक थी लेकिन ट्रॉमा सर्जरी टीम ने अपनी मेहनत और हर संभव प्रयास से इस काम को कर दिखाया.

लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी
author img

By

Published : Mar 14, 2019, 3:07 PM IST

लखनऊ:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से अक्सर ही मरीजों को इलाज न मिलने और मरीजों के साथ संवेदनहीनता की शिकायतें सामने आती रहती हैं लेकिन मार्च में आए 3 मरीजों के मामलों में ट्रामा सेंटर की ट्रामा सर्जरी टीम ने कमाल करके दिखा दियाहै. उन्हें न केवल समय पर इलाज मिला बल्कि उनकी हर संभव मदद कर उन्हें नया जीवन दिया गया है.

ट्रॉमा सेंटर में आए गोपाल के लोहे का एंगल बाएं फेफड़े के आर-पार हो गया था. खून काफी बह चुका था. मरीज के बचने की संभावना कम थी. इन हालात में मरीज को सीधा लिटाकर बेहोशी देना और सर्जरी करना भी मुश्किल था. इसके बावजूद केजीएमयू के डॉक्टरों ने सूझबूझ से मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया और चार घंटे की सर्जरी कर फेफड़े के आर-पार लोहे का एंगल निकाल दिया. फिलहाल मरीज स्वस्थ है और डॉक्टरों का कहना है कि उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी



ट्रॉमा सेंटर में आए मरीज गोपाल,अंशुमान और राजीव गुप्ता तीन ऐसे मरीज आएथे जिनकी जान बचाना न केवल मुश्किलथा बल्कि समय पर इलाज मिलने पर मौतभी हो सकती थी. ट्रामा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी,प्रोफेसर डॉक्टर समीर मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर यादवेंद्र धीर और डॉक्टर नरेंद्र के साथ उनकी पूरी टीम ने मिलकर इन तीनों मरीजों का त्वरित इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया.

etv bharat
लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी

12 घंटे एंबुबैग पर रखा

डॉ. यादवेंद्र ने बताया कि सर्जरी से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देना आसान नहीं था. एनेस्थेटिस्ट डॉ. विपिन ने मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया. इसके बाद डॉ. समीर मिश्रा और डॉ. संदीप तिवारी की निगरानी में डॉ. यादवेंद्र देव, डॉ. नरेंद्र कुमार और डॉ. विपिन सहित कई डॉक्टरों की टीम ने करीब चार घंटे की जटिल सर्जरी कर लोहे का एंगल नकाला. डॉक्टरों ने मरीज का फेफड़ा भी सिल दिया. इस दौरान उसे सांस लेने में दिक्कत हुई, लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं था. ऐसे में डॉक्टरों ने उसे 12 घंटे एंबुबैग के सहारे रखा. 12 घंटे बाद उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.

केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. यादवेंद्र देव ने बताया कि कानपुर देहात के मंगलपुर निवासी 23 वर्षीय गोपाल हाफ डाले का क्लीनर है. वह सात मार्च को लखनऊ आया था और शाम को हॉफ डाला में मिर्च लादकर लौट रहा था. रास्ते में रात करीब नौ बजे सामने से आ रहे ट्रक को बचाने की कोशिश में हाफ डाला डिवाइडर से टकराकर पलट गया.

इस दौरान ड्राइवर और क्लीनर गोपाल बुरी तरह घायल हो गए. इस हादसे में लोहे का एंगल गोपाल के सीने को चीरते हुए बाएं फेफड़े के रास्ते पार हो गया था. इस हादसे में उसका खून भी काफी बह गया था. जानकारी के मुताबिक, हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीजीआई फायर स्टेशन से दमकल कर्मियों को बुलाया. इसके बाद दमकल कर्मियों ने गैस कटर से सरिया को दोनों तरफ से काटा गया. फिर उसे ट्रॉमा सेंटर लाया गया था.

लखनऊ:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से अक्सर ही मरीजों को इलाज न मिलने और मरीजों के साथ संवेदनहीनता की शिकायतें सामने आती रहती हैं लेकिन मार्च में आए 3 मरीजों के मामलों में ट्रामा सेंटर की ट्रामा सर्जरी टीम ने कमाल करके दिखा दियाहै. उन्हें न केवल समय पर इलाज मिला बल्कि उनकी हर संभव मदद कर उन्हें नया जीवन दिया गया है.

ट्रॉमा सेंटर में आए गोपाल के लोहे का एंगल बाएं फेफड़े के आर-पार हो गया था. खून काफी बह चुका था. मरीज के बचने की संभावना कम थी. इन हालात में मरीज को सीधा लिटाकर बेहोशी देना और सर्जरी करना भी मुश्किल था. इसके बावजूद केजीएमयू के डॉक्टरों ने सूझबूझ से मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया और चार घंटे की सर्जरी कर फेफड़े के आर-पार लोहे का एंगल निकाल दिया. फिलहाल मरीज स्वस्थ है और डॉक्टरों का कहना है कि उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.

लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी



ट्रॉमा सेंटर में आए मरीज गोपाल,अंशुमान और राजीव गुप्ता तीन ऐसे मरीज आएथे जिनकी जान बचाना न केवल मुश्किलथा बल्कि समय पर इलाज मिलने पर मौतभी हो सकती थी. ट्रामा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी,प्रोफेसर डॉक्टर समीर मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर यादवेंद्र धीर और डॉक्टर नरेंद्र के साथ उनकी पूरी टीम ने मिलकर इन तीनों मरीजों का त्वरित इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया.

etv bharat
लखनऊ में तीन अलग-अलग मामलों में ट्रॉमा सर्जरी टीम ने मरीजों को दी नई जिंदगी

12 घंटे एंबुबैग पर रखा

डॉ. यादवेंद्र ने बताया कि सर्जरी से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देना आसान नहीं था. एनेस्थेटिस्ट डॉ. विपिन ने मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया. इसके बाद डॉ. समीर मिश्रा और डॉ. संदीप तिवारी की निगरानी में डॉ. यादवेंद्र देव, डॉ. नरेंद्र कुमार और डॉ. विपिन सहित कई डॉक्टरों की टीम ने करीब चार घंटे की जटिल सर्जरी कर लोहे का एंगल नकाला. डॉक्टरों ने मरीज का फेफड़ा भी सिल दिया. इस दौरान उसे सांस लेने में दिक्कत हुई, लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं था. ऐसे में डॉक्टरों ने उसे 12 घंटे एंबुबैग के सहारे रखा. 12 घंटे बाद उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.

केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. यादवेंद्र देव ने बताया कि कानपुर देहात के मंगलपुर निवासी 23 वर्षीय गोपाल हाफ डाले का क्लीनर है. वह सात मार्च को लखनऊ आया था और शाम को हॉफ डाला में मिर्च लादकर लौट रहा था. रास्ते में रात करीब नौ बजे सामने से आ रहे ट्रक को बचाने की कोशिश में हाफ डाला डिवाइडर से टकराकर पलट गया.

इस दौरान ड्राइवर और क्लीनर गोपाल बुरी तरह घायल हो गए. इस हादसे में लोहे का एंगल गोपाल के सीने को चीरते हुए बाएं फेफड़े के रास्ते पार हो गया था. इस हादसे में उसका खून भी काफी बह गया था. जानकारी के मुताबिक, हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीजीआई फायर स्टेशन से दमकल कर्मियों को बुलाया. इसके बाद दमकल कर्मियों ने गैस कटर से सरिया को दोनों तरफ से काटा गया. फिर उसे ट्रॉमा सेंटर लाया गया था.

Intro:लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अक्सर ही मरीजों को इलाज न मिलने और मरीजों के साथ संवेदनहीनता के मामले सामने आते रहते हैं लेकिन मार्च में आए कुछ 3 मरीजों के मामलों में ट्रामा सेंटर की ट्रामा सर्जरी टीम ने कमाल कर दिखाया है। उन्हें ना केवल समय पर इलाज मिला है बल्कि साथ ही उनकी हर संभव मदद कर उन्हें नया जीवन दिया गया है।


Body:वीओ1 ट्रॉमा सेंटर में आए मरीज गोपाल डॉ अंशुमान और राजीव गुप्ता तीन ऐसे मरीज थे जिनकी जान बचाना न केवल जरूरी था बल्कि समय पर इलाज मिलना भी एक कठिन काम था। ट्रामा सेंटर में ट्रामा सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी प्रोफेसर डॉक्टर समीर मिश्रा असिस्टेंट प्रोफेसर यादवेंद्र धीर और डॉक्टर नरेंद्र के साथ उनकी पूरी टीम ने मिलकर इन तीनों मामलों में मरीज का त्वरित इलाज कर उन्हें नया जीवन दिया। इस पूरे मामले में डॉक्टर समीर ने बताया कि खास बात यह रही कि तीनों ही मामलों में हमारे जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों के इलाज को रीड किया और बेहद अच्छी तरह तरह से उनकी सर्जरी कर उन्हें ठीक कर दिया। इन तीनों मामलों में 2 मार्च को कृष्णानगर में गोली से घायल हुए राजीव गुप्ता, 7 मार्च को शहीद पथ पर एक एक्सीडेंट में लोहे की ग्रिल सीने के आर पार हो जाने से गंभीर रूप से घायल हुए गोपाल और 10 मार्च को रायबरेली में गोली लगने से घायल हुए डॉ अंशुमान शामिल थे। इन तीनों को ट्रामा सेंटर लाया गया था तो इनकी हालत बेहद नाजुक थी लेकिन ट्रॉमा सर्जरी टीम ने अपनी मेहनत और हर संभव प्रयास से इस काम को कर दिखाया।


Conclusion:लोहे की ग्रिल पार हुए मरीज गोपाल को सर्जरी के बाद जब अंडे लेटर की जरूरत थी तो ट्रामा सेंटर में वेंटिलेटर खाली नहीं था इस दौरान 12 घंटे तक मरीज एंबु बैग पर रहा खास बात यह है कि अंबु बाग को अस्पताल के ही डॉक्टर प्रोफेसर और कर्मचारियों ने संचालित किया तकरीबन 12 घंटे बाद मरीज को वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया जा सका। बाइट- डॉ नरेंद्र, डॉ समीर, डॉ यादवेंद्र
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.