लखनऊ:किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी से अक्सर ही मरीजों को इलाज न मिलने और मरीजों के साथ संवेदनहीनता की शिकायतें सामने आती रहती हैं लेकिन मार्च में आए 3 मरीजों के मामलों में ट्रामा सेंटर की ट्रामा सर्जरी टीम ने कमाल करके दिखा दियाहै. उन्हें न केवल समय पर इलाज मिला बल्कि उनकी हर संभव मदद कर उन्हें नया जीवन दिया गया है.
ट्रॉमा सेंटर में आए गोपाल के लोहे का एंगल बाएं फेफड़े के आर-पार हो गया था. खून काफी बह चुका था. मरीज के बचने की संभावना कम थी. इन हालात में मरीज को सीधा लिटाकर बेहोशी देना और सर्जरी करना भी मुश्किल था. इसके बावजूद केजीएमयू के डॉक्टरों ने सूझबूझ से मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया और चार घंटे की सर्जरी कर फेफड़े के आर-पार लोहे का एंगल निकाल दिया. फिलहाल मरीज स्वस्थ है और डॉक्टरों का कहना है कि उसे जल्द ही डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
12 घंटे एंबुबैग पर रखा
डॉ. यादवेंद्र ने बताया कि सर्जरी से पहले मरीज को एनेस्थीसिया देना आसान नहीं था. एनेस्थेटिस्ट डॉ. विपिन ने मरीज को करवट के बल लिटाकर एनेस्थीसिया दिया. इसके बाद डॉ. समीर मिश्रा और डॉ. संदीप तिवारी की निगरानी में डॉ. यादवेंद्र देव, डॉ. नरेंद्र कुमार और डॉ. विपिन सहित कई डॉक्टरों की टीम ने करीब चार घंटे की जटिल सर्जरी कर लोहे का एंगल नकाला. डॉक्टरों ने मरीज का फेफड़ा भी सिल दिया. इस दौरान उसे सांस लेने में दिक्कत हुई, लेकिन वेंटिलेटर खाली नहीं था. ऐसे में डॉक्टरों ने उसे 12 घंटे एंबुबैग के सहारे रखा. 12 घंटे बाद उसे वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया.
केजीएमयू के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. यादवेंद्र देव ने बताया कि कानपुर देहात के मंगलपुर निवासी 23 वर्षीय गोपाल हाफ डाले का क्लीनर है. वह सात मार्च को लखनऊ आया था और शाम को हॉफ डाला में मिर्च लादकर लौट रहा था. रास्ते में रात करीब नौ बजे सामने से आ रहे ट्रक को बचाने की कोशिश में हाफ डाला डिवाइडर से टकराकर पलट गया.
इस दौरान ड्राइवर और क्लीनर गोपाल बुरी तरह घायल हो गए. इस हादसे में लोहे का एंगल गोपाल के सीने को चीरते हुए बाएं फेफड़े के रास्ते पार हो गया था. इस हादसे में उसका खून भी काफी बह गया था. जानकारी के मुताबिक, हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीजीआई फायर स्टेशन से दमकल कर्मियों को बुलाया. इसके बाद दमकल कर्मियों ने गैस कटर से सरिया को दोनों तरफ से काटा गया. फिर उसे ट्रॉमा सेंटर लाया गया था.