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लखीमपुर खीरी: समर वैकेशन के लिए बेहद खास है यह जगह, जाइए घूमकर आइए

लखीमपुर खीरी स्थित दुधवा टाइगर रिजर्व में बाघों को देखने इन दिनों सैलानियों की भीड़ पहुंच रही है. बाघों के कुनबे को देखकर सैलानी भी खुश नजर आ रहे हैं.

बाघ
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Published : May 9, 2019, 12:22 PM IST

लखीमपुर खीरी: वाइल्ड लाइफ के बारे में जानने का शौक रखने वाले लोगों के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व सबसे बेहतरीन जगह है. सबसे खास हैं यहां पर रहने वाले बाघ. बाघों का पूरा कुनबा यहां आ रहे सैलानियों को देखने को मिल जाता है. खास बात यह है कि बाघ बिना परेशान किए फोटो भी क्लिक करा रहे हैं.

बाघों को देखने पहुंच रहे सैलानी.


दुधवा टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों का आसानी से हो रहा दीदार-

  • दुधवा टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं सैलानी.
  • सैलानी आसानी से बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद कर सकते हैं.
  • सैलानियों को देखकर पोज देते नजर आते हैं बाघ.
  • दुधवा टाइगर रिजर्व में 110 बाघ हैं अनुमानित.
  • हालिया बाघों और जंगलों के नए संरक्षण प्रयोगों से बाघों को सुरक्षित मिला पर्यावास.
  • सुरक्षित पर्यावास से हो रही ब्रीडिंग.

''यह संरक्षण में किए गए नए प्रयोग और बाघों को सुरक्षित जगह मिलने का नतीजा है. चाहे किशनपुर सेंचुरी हो या फिर दुधवा टाइगर रिजर्व का दुधवा रेंज. सैलानियों को बाघ खूब दिखाई पड़ रहे हैं. हाल यह है कि कभी कभी तो बाघों का पूरा कुनबा सैलानियों को रास्तों पर चलता हुआ दिखाई पड़ जाता है.''
-रमेश कुमार पाण्डेय, डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व

लखीमपुर खीरी: वाइल्ड लाइफ के बारे में जानने का शौक रखने वाले लोगों के लिए दुधवा टाइगर रिजर्व सबसे बेहतरीन जगह है. सबसे खास हैं यहां पर रहने वाले बाघ. बाघों का पूरा कुनबा यहां आ रहे सैलानियों को देखने को मिल जाता है. खास बात यह है कि बाघ बिना परेशान किए फोटो भी क्लिक करा रहे हैं.

बाघों को देखने पहुंच रहे सैलानी.


दुधवा टाइगर रिजर्व इन दिनों बाघों का आसानी से हो रहा दीदार-

  • दुधवा टाइगर रिजर्व में इन दिनों बाघों को देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं सैलानी.
  • सैलानी आसानी से बाघ की तस्वीर कैमरे में कैद कर सकते हैं.
  • सैलानियों को देखकर पोज देते नजर आते हैं बाघ.
  • दुधवा टाइगर रिजर्व में 110 बाघ हैं अनुमानित.
  • हालिया बाघों और जंगलों के नए संरक्षण प्रयोगों से बाघों को सुरक्षित मिला पर्यावास.
  • सुरक्षित पर्यावास से हो रही ब्रीडिंग.

''यह संरक्षण में किए गए नए प्रयोग और बाघों को सुरक्षित जगह मिलने का नतीजा है. चाहे किशनपुर सेंचुरी हो या फिर दुधवा टाइगर रिजर्व का दुधवा रेंज. सैलानियों को बाघ खूब दिखाई पड़ रहे हैं. हाल यह है कि कभी कभी तो बाघों का पूरा कुनबा सैलानियों को रास्तों पर चलता हुआ दिखाई पड़ जाता है.''
-रमेश कुमार पाण्डेय, डायरेक्टर, दुधवा टाइगर रिजर्व

Intro:टाइगर विजुअल एफटीपी पर हैं। दो फाइल्स UP_KHERI_PRASHANT_8MAY_409_DUDWA_TIGER स्लग से लखीमपुर- अगर आप वाइल्ड सफारी और बाघों के दर्शनों के शौकीन हैं तो इन दिनों दुधवा टाइगर रिजर्व जरूर आइए। दुधवा टाइगर रिजर्व इन दोनों भागों का दीदार आसानी से हो रहा है। बाद भी सैलानियों को खूब पोज़ दे रहे हैं। दुधवा टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय कहते हैं। यह संरक्षण में किए गए नए प्रयोग और बाघों को सुरक्षित जगह मिलने का नतीजा है। दुधवा टाइगर रिजर्व में इन दिनों जंगल के राजा बाग के दर्शन सैलानियों को आसानी से हो रहे हैं। चाहे किशनपुर सेंचुरी हो या फिर दुधवा टाइगर रिजर्व का दुधवा रेंज। सैलानियों को बाग़ खूब दिखाई पड़ रहे हैं। हाल यह है कि कभी कभी तो बाघों की पूरा पूरा कुनबा सैलानियों को रास्तों पर चलता हुआ दिखाई पड़ जाता है।


Body:दुधवा के भादी ताल हो या फिर बेलरायां इलाका बाघों के दीदार पार्क घूमने आए सैलानियों को खूब हो रहे हैं। कभी वाटर होल में पानी पीते तो कभी दुधवा की शांत जंगल की खूबसूरत सड़को पर घूमते हुए बाघ के दीदार पर्यटकों को हो जा रहे। ये पहली बार है जो बाघों की साइटिंग अचानक इतनी बढ़ गई है। किशनपुर सेंचुरी में तो बाघों के दर्शन आसानी से सैलानियों को हो जा रहे। दरसल तराई के जंगलों में बाघों का दीदार एक बड़ी घटना माना जाता था। क्योंकि दुधवा में घने जंगल हैं ऐसे में बाघ आसानी से छिप जाते हैं दूसरे टाइगर रिजर्व की अपेक्षा दुधवा के बाघ शर्मीले भी बहुत हैं। और वन्यजीव प्रेमी इसे बाघ का नेचुरल स्वभाव मानते हैं। बाघों के व्यवहार के जानकार डॉ वीपी सिंह कहते हैं तराई के जंगलों के बाघों की ये खूबसूरती है कि ये बहुत शर्मीले होते हैं। ये एक अच्छा साइन है। कि हमारे बाघ अभी भी आदमी से इंटरेक्ट करने में शर्माते हैं।


Conclusion:दुधवा टाइगर रिजर्व में 110 बाघ अनुमानित हैं। पर पिछले कई सालों से और हालिया बाघों और जंगलो के नए संरक्षण प्रयोगों से बाघों ओ सुरक्षित पर्यावास मिला जिसकी वजह से ब्रीडिंग हो रही। दुधवा के फील्ड डायरेक्टर रमेश कुमार पाण्डेय कहते हैं। बाघ इन दिनों आसानी से दिख रहे। सैलानी उनकी तस्वीरें ले रहे। वीडियो बना रहे।खास बात ये हैंकि बाघ नई सन्तति के साथ दिख रहे ये पॉजिटिव साइन है दुधवा के लिए। और तराई के लिए। क्योंकि बाघों की नई सन्तति आ रही। दुधवा के किशनपुर और कतर्निया घाट वाइल्ड लाइफ सफारी इन दिनों बाघो के लिए सुरक्षित आवास बन गई है। हमनें पेट्रोलिंग बढाई है वहीं कुछ साइंटिफिक तरीके भी इंट्रोड्यूस किए। जिससे मॉनिटरिंग बढ़ गई। हो सकता है इसी वजह से बाघों की तादात बढ़ रही हो। बाइट-रमेश कुमार पाण्डेय(फील्ड डायरेक्टर दुधवा) -------------------- प्रशान्त पाण्डेय 9984152598
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