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मीना कुमारी का बयान व्यक्तिगत राय, मैं इसका समर्थन नहीं करती: सुषमा सिंह

महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह शुक्रवार को बागपत पहुंची. उन्होंने वहां पर महिलाओं की समस्याओं को लेकर निरीक्षण किया. उन्होंने वहां पर मीना कुमारी के बयान पर पलटवार भी किया.

महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह.
महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह.
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Published : Jun 11, 2021, 5:55 PM IST

बागपत: यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह शुक्रवार को जिले के जन स्वास्थ्य केंद्रों में साफ-सफाई, महिलाओं और लड़कियों के टीकारण और उनकी समस्याओं को लेकर निरीक्षण किया. इस दौरान PWD रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी के बयान कहा कि जो टेक्नोलॉजी महिलाओं को रोकने के लिए हो, मैं उसका समर्थन नहीं करती हूं. आयोग भी इस प्रकार के बयान का समर्थन नहीं करता है. आयोग और मैं खुद महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि मीना कुमारी का बयान उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है. इस पर मैं कोई टिप्पणी नही करूंगी, लेकिन इस बयान को मैं समर्थन नहीं देती हूं.

यह भी पढे़ं: राज्य महिला आयोग की सदस्य बोलीं- न दें बेटियों को मोबाइल, रखें उन पर निगरानी

लड़कियों को हैं सारे अधिकार

सुषमा सिंह ने कहा कि अगर बच्चा 18 साल से छोटा है, तो घर में माता-पिता की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों पर थोड़ी सी नजर रखे. मोबाइल हो या कोई एप्लिकेशन, किसी भी चीज का यूज पॉजटिव वे में करेंगे तो वो एक अच्छा रिजल्ट देगा. उसको नेगटिव वे में यूज करेंगे तो वो नेगटिव रिजल्ट देता है. हम लोगों को ये बात सुचारू रूप से देखनी है कि हम उनको सुरक्षा प्रदान करें. उन्होंने कहा कि लड़कियों को पूरा अधिकार है कि वो अपने निर्णय लें, वो क्या बनना चाहती हैं, क्या नौकरी चाहती हैं, क्या काम करना चाहती हैं. समाज में किस तरह से अपना नाम रोशन करना चाहती हैं, लड़कियों को पुरुषों के बराबर पूरा अधिकार है.

बागपत: यूपी राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह शुक्रवार को जिले के जन स्वास्थ्य केंद्रों में साफ-सफाई, महिलाओं और लड़कियों के टीकारण और उनकी समस्याओं को लेकर निरीक्षण किया. इस दौरान PWD रेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महिला आयोग की सदस्य मीना कुमारी के बयान कहा कि जो टेक्नोलॉजी महिलाओं को रोकने के लिए हो, मैं उसका समर्थन नहीं करती हूं. आयोग भी इस प्रकार के बयान का समर्थन नहीं करता है. आयोग और मैं खुद महिलाओं को पुरुषों के समान अधिकार देने के पक्षधर हैं. उन्होंने कहा कि मीना कुमारी का बयान उनकी व्यक्तिगत राय हो सकती है. इस पर मैं कोई टिप्पणी नही करूंगी, लेकिन इस बयान को मैं समर्थन नहीं देती हूं.

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लड़कियों को हैं सारे अधिकार

सुषमा सिंह ने कहा कि अगर बच्चा 18 साल से छोटा है, तो घर में माता-पिता की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों पर थोड़ी सी नजर रखे. मोबाइल हो या कोई एप्लिकेशन, किसी भी चीज का यूज पॉजटिव वे में करेंगे तो वो एक अच्छा रिजल्ट देगा. उसको नेगटिव वे में यूज करेंगे तो वो नेगटिव रिजल्ट देता है. हम लोगों को ये बात सुचारू रूप से देखनी है कि हम उनको सुरक्षा प्रदान करें. उन्होंने कहा कि लड़कियों को पूरा अधिकार है कि वो अपने निर्णय लें, वो क्या बनना चाहती हैं, क्या नौकरी चाहती हैं, क्या काम करना चाहती हैं. समाज में किस तरह से अपना नाम रोशन करना चाहती हैं, लड़कियों को पुरुषों के बराबर पूरा अधिकार है.

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