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लखनऊ: रमजान आते ही सज गया नवाबों की नगरी में खजूर का बाजार, जानें खजूर के फायदे

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Published : May 13, 2019, 8:15 AM IST

रमजान के मुबारक महीने के दौरान तरह-तरह की खाने-पीने की चीजों से बाजार गुलजार है. वहीं राजधानी के बाजारों में इन दिनों मक्का, मदीना, ईरान और अन्य कई देशों से खजूर बड़े पैमाने पर मिल रहे हैं. जिसमें अजवा खजूर सबसे महंगी, तो सूक्कूरी खजूर सबसे सस्ती मिल रही है.

रमजान आते ही सज गई नवाबों की नगरी में खजूर का बाजार

लखनऊ: रमजान के मुबारक महीने के दौरान तरह-तरह की खाने-पीने की चीजों से बाजार इन दिनों गुलजार हैं, लेकिन खजूर की रमजान में काफी अहमियत मानी जाती है. खजूर एक ऐसी चीज है जिससे हर रोजेदार अपना रोजा खोलना चाहता है. राजधानी में भी मक्का, मदीना, ईरान और अन्य कई देशों से खजूर बड़े पैमाने पर आते हैं और शहर के बाजारों में भी खूब बिकते हैं, क्योंकि खजूर रोजा खोलने के लिए बहुत ही अफजल माना जाता है, इसके साथ ही खजूर से रोजा खोलना इस्लाम में सुन्नत में शुमार है.

काजी मुफ्ती अबुल इरफान मियां संवाददाता से की बातचीत.

रमजान आते ही खजूर ने दी राजधानी के बाजारों में दस्तक

  • नवाबों की नगरी लखनऊ के बाजार में इन दिनों खजूर का बड़े पैमाने पर व्यापार शुरू हो गया है.
  • वहीं विभिन प्रकार की खजूर इन दिनों राजधानी के बाजार में मिल रहे हैं.
  • जिसमें अजवा खजूर सबसे महंगी, तो सूक्कूरी खजूर सबसे सस्ती मिल रही है.
  • वहीं व्यपारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले जहां खजूर इस बार महंगी हो गई है, तो वहीं जीएसटी की मार लगातार माल पर पड़ रही है.

खजूर का शरई एतबार से भी काफी अहम मुकाम माना जाता है, जिस तरीके से जमजम के पानी में अल्लाह ने बहुत सी बरकते रखी हैं. वैसे ही खजूर में भी तमाम बरकते छुपी हैं. नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने खाने के दौरान खजूर का इस्तेमाल किया करते थे और उन्होंने फरमाया है कि अगर किसी ने खजूर से भी किसी रोजेदार को इफ्तार करा दिया तो पूरा खाना खिला देने का सवाब उस शख्स को हासिल होता है.

काजी मुफ्ती अबुल इरफान मियां, काजी-ए-शहर

लखनऊ: रमजान के मुबारक महीने के दौरान तरह-तरह की खाने-पीने की चीजों से बाजार इन दिनों गुलजार हैं, लेकिन खजूर की रमजान में काफी अहमियत मानी जाती है. खजूर एक ऐसी चीज है जिससे हर रोजेदार अपना रोजा खोलना चाहता है. राजधानी में भी मक्का, मदीना, ईरान और अन्य कई देशों से खजूर बड़े पैमाने पर आते हैं और शहर के बाजारों में भी खूब बिकते हैं, क्योंकि खजूर रोजा खोलने के लिए बहुत ही अफजल माना जाता है, इसके साथ ही खजूर से रोजा खोलना इस्लाम में सुन्नत में शुमार है.

काजी मुफ्ती अबुल इरफान मियां संवाददाता से की बातचीत.

रमजान आते ही खजूर ने दी राजधानी के बाजारों में दस्तक

  • नवाबों की नगरी लखनऊ के बाजार में इन दिनों खजूर का बड़े पैमाने पर व्यापार शुरू हो गया है.
  • वहीं विभिन प्रकार की खजूर इन दिनों राजधानी के बाजार में मिल रहे हैं.
  • जिसमें अजवा खजूर सबसे महंगी, तो सूक्कूरी खजूर सबसे सस्ती मिल रही है.
  • वहीं व्यपारियों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले जहां खजूर इस बार महंगी हो गई है, तो वहीं जीएसटी की मार लगातार माल पर पड़ रही है.

खजूर का शरई एतबार से भी काफी अहम मुकाम माना जाता है, जिस तरीके से जमजम के पानी में अल्लाह ने बहुत सी बरकते रखी हैं. वैसे ही खजूर में भी तमाम बरकते छुपी हैं. नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने खाने के दौरान खजूर का इस्तेमाल किया करते थे और उन्होंने फरमाया है कि अगर किसी ने खजूर से भी किसी रोजेदार को इफ्तार करा दिया तो पूरा खाना खिला देने का सवाब उस शख्स को हासिल होता है.

काजी मुफ्ती अबुल इरफान मियां, काजी-ए-शहर

Intro:रमजान के मुबारक महीने के दौरान तरह-तरह की खाने पीने की चीजों से बाज़ारे इन दिनों गुलजार हैं लेकिन खजूर की रमजान में काफी अहमियत मानी जाती है, खजूर एक ऐसी चीज है जिससे हर रोज़ेदार अपना रोज़ा खोलना चाहता है। लखनऊ में भी मक्का, मदीना, ईरान और अन्य कई देशों से खजूर बड़े पैमाने पर आती है और लखनऊ की बाजारों में भी खूब बिकती है क्योंकि खजूर रोजा खोलने के लिए बहुत ही अफजल माना जाता है , इसके साथ ही खजूर से रोजा खोलना इस्लाम में सुन्नत में शुमार है।


Body:नवाबों की नगरी लखनऊ की बाज़ारो में इन दिनों खजूर का बड़े पैमाने पर व्यापार शुरू होगया है वहीं विभिन प्रकार की खजूरें इन दिनों लखनऊ की बाज़ारो में मिल रही है जिसमें अजवा खजूर सबसे महंगी तो सूक्क़री खजूर सबसे सस्ती मिल रही है। हालांकि व्यपारियो का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले जहाँ खजूर इस बार महँगी होगई है तो वहीं जीएसटी की मार लगातार माल पर पड़ रही है। क़ाज़ी ए शहर मुफ़्ती अबुल इरफान मियां बताते है कि खजूर का शरई एतबार से भी काफी अहम मुकाम माना जाता है जिस तरीके से जमजम के पानी में अल्लाह ने बहुत सी बरकते रखी है वैसे ही खजूर में भी तमाम बरकते छुपी हैं नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने खाने के दौरान खजूर का इस्तेमाल किया करते थे और उन्होंने फरमाया है कि अगर किसी ने खजूर से भी किसी रोजेदार को एक तार करा दिया तो पूरा खाना खिला देने का सवाब उस शख्स को हासिल होता है।

बाइट- मुफ़्ती अबुल इरफान मियां, क़ाज़ी ए शहर




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