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बलरामपुर: कैसे सुधरेगी ग्रामीणों की सेहत, जब खुद बीमार हैं अस्पताल - balrampur latest news

जिले में 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर डेवलप किया गया है, लेकिन इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भवनों की हालात बहुत ही जर्जर है. भवनों के अंदर बहुत ही गंदगी फैली हुई है.

कैसे सुधरेगी ग्रामीणों की सेहत, जब खुद अस्वस्थ हैं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर
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Published : Jun 14, 2019, 7:40 PM IST

बलरामपुर : जिले की कुल आबादी तकरीबन 25 लाख है. इनमें से महज तीन लाख की आबादी ही नगरीय क्षेत्र में रहती है. बाकी 22 लाख लोग जिले के ग्रामीण इलाकों में ही रहते हैं. इनको स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के जिले में नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 206 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित है. इनमें से 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर डेवलप किया गया है, लेकिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के भवनों की हालात बहुत खराब है.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के भवनों की हलात बेहद खराब.

जानिए क्या है मामला

  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व 60 उपकेंद्रों का रिनोवेशट करवाकर, उन्हें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में डिवेलप किए जाने की योजना है.
  • अधिकांश जगहों पर कार्यदाई संस्था ने काम भी पूरे कर लिए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी बदतर ही नजर आती है.
  • भवनों के निर्माण में इस तरह की कोताही बरती गई है कि कहीं फर्स टूटी दिख रही है तो कहीं दीवार, कहीं खिड़कियों के शीशे मुंह चिढ़ाते दिख रहे हैं.
  • इतना ही नहीं जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत स्थापित होने वाले इन हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में तमाम रोगों की मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान की जानी है.
  • इसके लिए भारी-भरकम लागत के साथ मशीनों को मंगवाया गया है, समुचित रखरखाव की व्यवस्था ना होने के कारण वह मशीन अब धूल फांक रही हैं.
  • असल में, एक उपकेंद्र के रिनोवेशन की लागत तकरीबन 7 लाख रुपए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई जा रही है. जिसमें कंप्यूटर, रोगों के स्क्रीनिंग के लिए तमाम साजो-सामान की व्यवस्था के अतिरिक्त कक्ष सीएचओ के लिए बनना है.
  • इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का रिनोवेशन, रंगाई पुताई, सीएचओ के लिए कक्ष का निर्माण, दो अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था व अन्य साजो सामान सम्मिलित है.

कार्यदाई संस्था द्वारा कई जगहों पर काम अधूरा छोड़ा गया है. प्रारंभिक जांच के लिए मैं भी एक-दो उपकेंद्र पर गया था. जहां पर मुझे खामियां नजर आई हैं. कार्यदाई संस्था को इस बात के लिए फटकार लगाई गई है और पूरी व्यवस्था को समुचित करने को कहा गया है. अगर कार्यदाई संस्था तय समय पर बेहतरीन गुणवत्ता के साथ काम नहीं किया गया तो किसी भी सूरत में पैसे का भुगतान नहीं किया जाएगा.
डॉ. घनश्याम सिंह,.मुख्य चिकित्सा अधिकारी

बलरामपुर : जिले की कुल आबादी तकरीबन 25 लाख है. इनमें से महज तीन लाख की आबादी ही नगरीय क्षेत्र में रहती है. बाकी 22 लाख लोग जिले के ग्रामीण इलाकों में ही रहते हैं. इनको स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के जिले में नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 206 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित है. इनमें से 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर डेवलप किया गया है, लेकिन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के भवनों की हालात बहुत खराब है.

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के भवनों की हलात बेहद खराब.

जानिए क्या है मामला

  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व 60 उपकेंद्रों का रिनोवेशट करवाकर, उन्हें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में डिवेलप किए जाने की योजना है.
  • अधिकांश जगहों पर कार्यदाई संस्था ने काम भी पूरे कर लिए हैं, लेकिन स्थिति अभी भी बदतर ही नजर आती है.
  • भवनों के निर्माण में इस तरह की कोताही बरती गई है कि कहीं फर्स टूटी दिख रही है तो कहीं दीवार, कहीं खिड़कियों के शीशे मुंह चिढ़ाते दिख रहे हैं.
  • इतना ही नहीं जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत स्थापित होने वाले इन हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में तमाम रोगों की मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान की जानी है.
  • इसके लिए भारी-भरकम लागत के साथ मशीनों को मंगवाया गया है, समुचित रखरखाव की व्यवस्था ना होने के कारण वह मशीन अब धूल फांक रही हैं.
  • असल में, एक उपकेंद्र के रिनोवेशन की लागत तकरीबन 7 लाख रुपए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई जा रही है. जिसमें कंप्यूटर, रोगों के स्क्रीनिंग के लिए तमाम साजो-सामान की व्यवस्था के अतिरिक्त कक्ष सीएचओ के लिए बनना है.
  • इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का रिनोवेशन, रंगाई पुताई, सीएचओ के लिए कक्ष का निर्माण, दो अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था व अन्य साजो सामान सम्मिलित है.

कार्यदाई संस्था द्वारा कई जगहों पर काम अधूरा छोड़ा गया है. प्रारंभिक जांच के लिए मैं भी एक-दो उपकेंद्र पर गया था. जहां पर मुझे खामियां नजर आई हैं. कार्यदाई संस्था को इस बात के लिए फटकार लगाई गई है और पूरी व्यवस्था को समुचित करने को कहा गया है. अगर कार्यदाई संस्था तय समय पर बेहतरीन गुणवत्ता के साथ काम नहीं किया गया तो किसी भी सूरत में पैसे का भुगतान नहीं किया जाएगा.
डॉ. घनश्याम सिंह,.मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:बलरामपुर जिले की कुल आबादी तकरीबन 25 लाख है। इनमें से महज तीन लाख की आबादी ही नगरीय क्षेत्र में रहती है। बाकी 22 लाख लोग जिले के ग्रामीण इलाकों में ही रहते हैं। इनको स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के जिले में 9 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व 206 स्वास्थ्य उपकेंद्र स्थापित है। इनमें से 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 60 स्वास्थ्य उपकेंद्रों को आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के तौर पर डेवलप किया गया है।


Body:प्रधानमंत्री जन आरोग्य कार्यक्रम आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के 24 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व 60 उपकेंद्रों का रिनोवेशट करवाकर, उन्हें हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में डिवेलप किए जाने की योजना है। अधिकांश जगहों पर कार्यदाई संस्था ने काम भी पूरे कर लिए हैं। लेकिन स्थिति अभी भी बदतर ही नजर आती है। भवनों के निर्माण में इस तरह की कोताही बरती गई है कि कहीं फर्स टूटी दिख रही है तो कहीं दीवाल, कहीं खिड़कियों के शीशे मुंह चिढ़ाते दिख रहे हैं तो कहीं दरवाजे नहीं बदले गए हैं। इतना ही नहीं जन आरोग्य कार्यक्रम के तहत स्थापित होने वाले इन हेल्थ एंड वैलनेस केंद्रों में तमाम रोगों की मॉनिटरिंग की सुविधा प्रदान की जानी है। जिसके लिए भारी-भरकम लागत के साथ मशीनों को मंगवाया गया है। समुचित रखरखाव की व्यवस्था ना होने के कारण वह मशीन अब धूल फांक रहे हैं और सड़ रहे हैं।
असल में, एक उपकेंद्र के रिनोवेशन की लागत तकरीबन 7 लाख रुपए स्वास्थ्य विभाग द्वारा बताई जा रही है, जिसमें कंप्यूटर, रोगों के स्क्रीनिंग के लिए तमाम साजो-सामान की व्यवस्था के अतिरिक्त कक्ष सीएचओ के लिए बनना है।
वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के रिनोवेशन की लागत तकरीबन ₹200000 बताई जा रही है। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का रिनोवेशन, रंगाई पुताई, सीएचओ के लिए कक्ष का निर्माण, दो अतिरिक्त बेडों की व्यवस्था व अन्य साजो सामान सम्मिलित है।


Conclusion:बाईट : इस मामले पर हमने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ घनश्याम सिंह से बात की। उन्होंने कहा कि कार्यदाई संस्था द्वारा कई जगहों पर काम अधूरा छोड़ा गया है। प्रारंभिक जांच के लिए मैं भी एक-दो उपकेंद्र पर गया था। जहां पर मुझे खामियां नजर आई हैं। कार्यदाई संस्था को इस बात के लिए फटकार लगाई गई है और पूरी व्यवस्था को समुचित करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि अगर कार्यदाई संस्था तय समय पर बेहतरीन गुणवत्ता के साथ काम नहीं किया गया तो किसी भी सूरत में पैसे का भुगतान नहीं किया जाएगा।
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