सीतापुर: गन्ना मूल्य भुगतान के मामले में जिले की चीनी मिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. यहां की दो चीनी मिलें प्रदेश में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं है. इन्होंने क्रमशः 91 और 88 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर यह स्थान हासिल किया है. वहीं इसके चलते गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिली है.
जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया ने बताया कि जिले में किसानों के गन्ना मूल्य का 86 प्रतिशत भुगतान चीनी मिलों की ओर से किया जा चुका है. यहां की अवध शुगर मिल हरगांव ने गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है और कुल गन्ना मूल्य का 91 प्रतिशत अब तक भुगतान किसानों को कर दिया गया है. इसके साथ ही सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां ने 88 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है.
जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी बताया कि गन्ना उत्पादन को बढ़ाने के लिए गन्ने की कई नई प्रजातियां ईजाद की गई हैं, इसमें 118 और 8272 शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस बार गन्ना किसानों को नई प्रजातियों का काफी बीज मिलने की उम्मीद है, जिससे अगली बार गन्ने का उत्पादन काफी बेहतर हो सकेगा.
गन्ना मूल्य भुगतान में दूसरे और तीसरे स्थान पर सीतापुर की चीनी मिलें
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले की दो चीनी मिलें गन्ना मूल्य भुगतान में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं. वहीं इसको लेकर गन्ना अधिकारी ने अगली बार गन्ने का उत्पादन और भी बेहतर होने की बात कही है.
सीतापुर: गन्ना मूल्य भुगतान के मामले में जिले की चीनी मिलों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. यहां की दो चीनी मिलें प्रदेश में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहीं है. इन्होंने क्रमशः 91 और 88 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर यह स्थान हासिल किया है. वहीं इसके चलते गन्ना किसानों को बड़ी राहत मिली है.
जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया ने बताया कि जिले में किसानों के गन्ना मूल्य का 86 प्रतिशत भुगतान चीनी मिलों की ओर से किया जा चुका है. यहां की अवध शुगर मिल हरगांव ने गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल किया है और कुल गन्ना मूल्य का 91 प्रतिशत अब तक भुगतान किसानों को कर दिया गया है. इसके साथ ही सेक्सरिया शुगर मिल बिसवां ने 88 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान कर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है.
जिला गन्ना अधिकारी ने यह भी बताया कि गन्ना उत्पादन को बढ़ाने के लिए गन्ने की कई नई प्रजातियां ईजाद की गई हैं, इसमें 118 और 8272 शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इस बार गन्ना किसानों को नई प्रजातियों का काफी बीज मिलने की उम्मीद है, जिससे अगली बार गन्ने का उत्पादन काफी बेहतर हो सकेगा.