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बाराबंकी: जिला अस्पताल में टीबी के मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड

पीएम मोदी ने टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया था, जिसका असर दिखाई देने लगा है. जिले का स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में लगातार कदम उठा रहा है.

बारांबकी जिला अस्पताल में टीबी मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड.
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Published : Jun 9, 2019, 10:07 AM IST

बाराबंकी: टीबी जैसी घातक और जानलेवा बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर दिखाई दे रहा है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को घर-घर जाकर खोजा जा रहा है. यही नहीं गंभीर अवस्था के मरीजों के लिए खास तौर पर जिला अस्पताल में चार बेड का वार्ड भी बनाया जा रहा है. जिला अस्पताल सीएमओ ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी.

बारांबकी जिला अस्पताल में टीबी मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड.
स्वास्थ्य विभाग गंभीर
  • टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य महकमा गंभीर दिख रहा है.
  • पीएम मोदी ने इस बीमारी को वर्ष 2025 तक जड़ से उखाड़ फेंकने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
  • जिले में इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की खोज के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन अभियान चलाने जा रहा है.
  • जनवरी माह में जिले में 60 नए मरीज मिलने से विभाग और भी ज्यादा गंभीर हो गया है.
  • इससे पहले इस बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल आते थे, तब उनका इलाज होता था. लेकिन अब क्षय रोग विभाग की विशेष टीम गांव-गांव जाकर मरीजों को खोजेगी.
  • जो मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) हैं, उनके लिए विभाग एक नया वार्ड खोलने जा रहा है. चार बेड के इस वार्ड को खास तौर पर इन मरीजों के लिए तैयार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उस दिशा में कदम बढ़ाते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग टीबी के मरीजों की पहचान कर उनके इलाज पर फोकस करेगा. जो टीबी के अति गंभीर पीड़ित हैं, उनके इलाज के लिए एक अलग से चार बेड का वार्ड बनाया जा रहा है. इस वार्ड में इन मरीजों को इलाज के लिए भर्ती रखा जाएगा और ईलाज के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा.
- डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ बाराबंकी

बाराबंकी: टीबी जैसी घातक और जानलेवा बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर दिखाई दे रहा है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को घर-घर जाकर खोजा जा रहा है. यही नहीं गंभीर अवस्था के मरीजों के लिए खास तौर पर जिला अस्पताल में चार बेड का वार्ड भी बनाया जा रहा है. जिला अस्पताल सीएमओ ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी.

बारांबकी जिला अस्पताल में टीबी मरीजों के लिए बनेगा अलग वार्ड.
स्वास्थ्य विभाग गंभीर
  • टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य महकमा गंभीर दिख रहा है.
  • पीएम मोदी ने इस बीमारी को वर्ष 2025 तक जड़ से उखाड़ फेंकने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
  • जिले में इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की खोज के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन अभियान चलाने जा रहा है.
  • जनवरी माह में जिले में 60 नए मरीज मिलने से विभाग और भी ज्यादा गंभीर हो गया है.
  • इससे पहले इस बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल आते थे, तब उनका इलाज होता था. लेकिन अब क्षय रोग विभाग की विशेष टीम गांव-गांव जाकर मरीजों को खोजेगी.
  • जो मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) हैं, उनके लिए विभाग एक नया वार्ड खोलने जा रहा है. चार बेड के इस वार्ड को खास तौर पर इन मरीजों के लिए तैयार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री ने टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उस दिशा में कदम बढ़ाते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग टीबी के मरीजों की पहचान कर उनके इलाज पर फोकस करेगा. जो टीबी के अति गंभीर पीड़ित हैं, उनके इलाज के लिए एक अलग से चार बेड का वार्ड बनाया जा रहा है. इस वार्ड में इन मरीजों को इलाज के लिए भर्ती रखा जाएगा और ईलाज के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा.
- डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ बाराबंकी

Intro:बाराबंकी ,09 जून । ट्यूबर कुलोसिस यानी टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को वर्ष 2034 की बजाय 2025 तक ही जड़ से खत्म करने के लिए पीएम मोदी के लक्ष्य का असर दिखाई देने लगा है । इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को घर-घर जाकर खोजा जा रहा है । यही नही गम्भीर रूप से इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए खास तौर पर जिला अस्पताल में चार बेड का वार्ड भी बनाया जा रहा है ।


Body:वीओ - टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य महकमा गम्भीर है । पीएम मोदी द्वारा इस बीमारी को वर्ष 2025 तक जड़ से उखाड़ फेंकने के लक्ष्य से विभाग गम्भीर हो गया है । एक बार फिर जिले में इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की खोज के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन अभियान चलाने जा रहा है । जनवरी माह में जिले में 60 नए मरीज मिलने से विभाग और भी ज्यादा गम्भीर हो गया है । पहले इस बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल आते थे तब उनका इलाज होता था लेकिन अब क्षय रोग विभाग की विशेष टीम गांव गांव जाकर मरीजों को खोजेगी । यही नही अब गम्भीर रूप से बीमार मरीज जो मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) हैं उनके लिए विभाग एक नया वार्ड खोलने जा रहा है । चार बेड के इस वार्ड को खास तौर पर तैयार किया जाएगा ।
बाईट- डॉ रमेश चन्द्रा , सीएमओ बाराबंकी


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9839421515
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