बाराबंकी: टीबी जैसी घातक और जानलेवा बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए स्वास्थ्य विभाग गंभीर दिखाई दे रहा है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को घर-घर जाकर खोजा जा रहा है. यही नहीं गंभीर अवस्था के मरीजों के लिए खास तौर पर जिला अस्पताल में चार बेड का वार्ड भी बनाया जा रहा है. जिला अस्पताल सीएमओ ने प्रेस कांन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी.
- टीबी जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य महकमा गंभीर दिख रहा है.
- पीएम मोदी ने इस बीमारी को वर्ष 2025 तक जड़ से उखाड़ फेंकने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
- जिले में इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की खोज के लिए स्वास्थ्य विभाग सघन अभियान चलाने जा रहा है.
- जनवरी माह में जिले में 60 नए मरीज मिलने से विभाग और भी ज्यादा गंभीर हो गया है.
- इससे पहले इस बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल आते थे, तब उनका इलाज होता था. लेकिन अब क्षय रोग विभाग की विशेष टीम गांव-गांव जाकर मरीजों को खोजेगी.
- जो मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) हैं, उनके लिए विभाग एक नया वार्ड खोलने जा रहा है. चार बेड के इस वार्ड को खास तौर पर इन मरीजों के लिए तैयार किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया है, उस दिशा में कदम बढ़ाते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग टीबी के मरीजों की पहचान कर उनके इलाज पर फोकस करेगा. जो टीबी के अति गंभीर पीड़ित हैं, उनके इलाज के लिए एक अलग से चार बेड का वार्ड बनाया जा रहा है. इस वार्ड में इन मरीजों को इलाज के लिए भर्ती रखा जाएगा और ईलाज के बाद ही उन्हें घर भेजा जाएगा.
- डॉ. रमेश चन्द्रा, सीएमओ बाराबंकी