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'चमकी' की दहशत से फीकी हुई लीची की मांग, फल कारोबारियों पर असर - चमकी बुखार

बिहार में चमकी बुखार के बाद लीची को लेकर उड़ी अफवाह की वजह से सहारनपुर में लोग लीची खरीदने से कतरा रहे हैं. फल मंडियों में अन्य फल तो बिक रहे हैं लेकिन लीची की मांग में भारी कमी आ गई है.

चमकी बुखार से फल मंडी में लीची की मांग में आई कमी.
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Published : Jun 23, 2019, 11:27 PM IST

सहारनपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों में फैले 'चमकी बुखार' का असर इस सीजन के पसंदीदा फल लीची पर भी पड़ने लगा है. बताया जा रहा है कि मार्केट में इस प्रकार की अफवाह फैली है कि इस बुखार का कारण लीची है. इस फल में ही एक प्रकार का वायरस है, जिससे बच्चों को चमकी बुखार हो रहा है.

चमकी बुखार की दहशत से लोगों ने लीची खरीदना बंद कर दिया है. लीची की ब्रिकी न होने से लीची विक्रेता को काफी नुकसान हो रहा है. जिले में लीची की मांग धड़ाम हो गई है. आलम ये है कि बाजार में लीची के दाम 100 से घटकर 50 रुपये पहुंच गए हैं.

चमकी बुखार से फलमंडी में लीची की मांग में आई कमी.

'चमकी बुखार' की दहशत से लीची की मांग में आई गिरावट

  • बिहार के मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' से सैकड़ों बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं.
  • बच्चों की मौत के कारण लीची पर विवाद पैदा हो गया है.
  • सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
  • इस वीडियो में चमकी बुखार की वजह लीची को बताया जा रहा है.
  • वीडियो में बताया जा रहा है कि लीची में कीड़े मिल रहे हैं.
  • इसके कारण लीची के सेवन से बच्चे चमकी बुखार की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं.
  • इसी अफवाह के चलते लोगों ने लीची खरीदनी बंद कर दी है.
  • देवबंद नगर में भी चमकी की दहशत साफ दिखाई दे रही है.
  • सभी लीची विक्रेता इस अफवाह से हैरान हैं.

लीची विक्रेताओं का क्या कहना है

जब से बिहार में चमकी बुखार का कहर आया है, तब से लीची की बिक्री में कमी आ गई है. उनका कहना है कि 10 दिन पहले लीची का भाव 80-100 रूपये प्रति किलो था तब वे एक से डेढ़ कुन्तल लीची आराम से बेच लेते थे, लेकिन अब लीची का भाव भी 50-60 रुपये किलो हो गया है. उन्होंने बताया कि 20-25 किलो लीची भी नहीं बिक पा रही है. सभी लीची विक्रेता इस अफवाह से हैरान हैं.

डॉ. इंद्राज सिंह, सरकारी अस्पताल प्रभारी ने बताया कि जिले में अभी तक कोई भी मरीज चमकी बुखार का नहीं आया है. केवल सामान्य बुखार के जो मरीज पहले आ रहे थे, वही मरीज अस्पताल में आ रहे हैं.

सहारनपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में बच्चों में फैले 'चमकी बुखार' का असर इस सीजन के पसंदीदा फल लीची पर भी पड़ने लगा है. बताया जा रहा है कि मार्केट में इस प्रकार की अफवाह फैली है कि इस बुखार का कारण लीची है. इस फल में ही एक प्रकार का वायरस है, जिससे बच्चों को चमकी बुखार हो रहा है.

चमकी बुखार की दहशत से लोगों ने लीची खरीदना बंद कर दिया है. लीची की ब्रिकी न होने से लीची विक्रेता को काफी नुकसान हो रहा है. जिले में लीची की मांग धड़ाम हो गई है. आलम ये है कि बाजार में लीची के दाम 100 से घटकर 50 रुपये पहुंच गए हैं.

चमकी बुखार से फलमंडी में लीची की मांग में आई कमी.

'चमकी बुखार' की दहशत से लीची की मांग में आई गिरावट

  • बिहार के मुजफ्फरपुर में 'चमकी बुखार' से सैकड़ों बच्चे अपनी जान गंवा चुके हैं.
  • बच्चों की मौत के कारण लीची पर विवाद पैदा हो गया है.
  • सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है.
  • इस वीडियो में चमकी बुखार की वजह लीची को बताया जा रहा है.
  • वीडियो में बताया जा रहा है कि लीची में कीड़े मिल रहे हैं.
  • इसके कारण लीची के सेवन से बच्चे चमकी बुखार की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं.
  • इसी अफवाह के चलते लोगों ने लीची खरीदनी बंद कर दी है.
  • देवबंद नगर में भी चमकी की दहशत साफ दिखाई दे रही है.
  • सभी लीची विक्रेता इस अफवाह से हैरान हैं.

लीची विक्रेताओं का क्या कहना है

जब से बिहार में चमकी बुखार का कहर आया है, तब से लीची की बिक्री में कमी आ गई है. उनका कहना है कि 10 दिन पहले लीची का भाव 80-100 रूपये प्रति किलो था तब वे एक से डेढ़ कुन्तल लीची आराम से बेच लेते थे, लेकिन अब लीची का भाव भी 50-60 रुपये किलो हो गया है. उन्होंने बताया कि 20-25 किलो लीची भी नहीं बिक पा रही है. सभी लीची विक्रेता इस अफवाह से हैरान हैं.

डॉ. इंद्राज सिंह, सरकारी अस्पताल प्रभारी ने बताया कि जिले में अभी तक कोई भी मरीज चमकी बुखार का नहीं आया है. केवल सामान्य बुखार के जो मरीज पहले आ रहे थे, वही मरीज अस्पताल में आ रहे हैं.

Intro:चमकी बुखार की दहशत से लीची बाजार हुआ धड़ाम, लोगो ने लीची को खरीदारी से किया परहेज । लीची विक्रेता व बाग वाले किसान भूखे मरने की कगार पर । लीची की लागत भी निकालनी हुई टेढ़ी खीर



Body:चमकी बुखार की दहशत से लीची बाजार हुआ धड़ाम, लोगो ने लीची को खरीदारी से किया परहेज । लीची विक्रेता व बाग वाले किसान भूखे मरने की कगार पर । लीची की लागत भी निकालनी हुई टेढ़ी खीर

बिहार में जहां चमकी बुखार तेज़ी से अपने पैर पसार चुका है,वंहा बुखार के चलतें सैकड़ों बच्चे अपनी जान गवां चुके है।आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे चमकी बुखार की वजह लीची को बताया जा रहा है। उस वीडियो में बताया जा रहा है कि लीची में कोई कीड़ा आ रहा है जिसके सेवन से बच्चे चमकी बुखार की चपेट में आकर दम तोड़ रहे है। 

इसी अफवाह के चलते लोगो ने लीची खरीदनी बन्द कर दी है। देवबन्द नगर में भी चमकी की दहशत साफ दिखाई दे रही है। लीची विक्रेताओं का कहना है कि जब से बिहार में चमकी बुखार का कहर आया है तब से लीची की बिक्री में कमी आ गई है।उनका कहना है कि 10 दिन पहले लीची का भाव 80-100 रूपए प्रति किलो था तब वे एक से डेढ़ कुन्तल लीची आराम से बेच लेते थे। लेकिन अब लीची का भाव भी 50-60 रुपए किलो हो गया है फिर भी 20-25 किलो लीची भी नहीं बिक पा रही है। सभी लीची विक्रेता इस अफवाह से हैरान है। नगर के सरकारी अस्पताल के प्रभारी डॉ इंद्राज सिंह का कहना है कि जिले में अभी तक कोई भी मरीज चमकी बुखार का नही आया है। केवल सामान्य बुखारों के जो मरीज़ पहले आ रहे थे , लगभग उतने ही मरीज अब आ रहे है।





Conclusion:बलवीर सैनी
देवबन्द , सहारनपुर
मोबाइल 9319488130
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