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चित्रकूट: युवक की मौत, परिजनों ने किया अस्पताल में हंगामा - इलाज के अभाव में युवक की मौत

यूपी के चित्रकूट जिला अस्पताल में एक युवक की मौत से आक्रोशित परिजनों ने हंगामा कर दिया. युवक को परिजन बेसुध हालत में जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे. परिजनों ने इलाज के अभाव में मौत होने का आरोप लगाकर जमकर बवाल काटा.

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युवक की मौत पर परिजनों का बवाल.
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Published : May 28, 2020, 8:59 AM IST

चित्रकूट: जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में एक युवक की मौत होने पर परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर किया. युवक की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों की डॉक्टर की डॉक्टरों से नोकझोंक भी हुई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिससे युवक की मौत हो गई. हालांकि डॉक्टर इस बात से इंकार कर रहे हैं.

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युवक की मौत के बाद परिजनों का हंगामा.

दरअसल, युवक की तबीयत बिगड़ गयी थी. इसके बाद परिजन युवक को बेसुध हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. युवक की मां मंगला देवी का आरोप है कि जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ऋषि कुमार ने उसके बेटे को नहीं देखा और एक स्वास्थ्यकर्मी से इलाज करने को कह दिया. वह खुद एसी में लेटे आराम फरमाते रहे. वहीं बाद में हालत गंभीर होने पर कहीं और ले जाने की बात कह दी. इस पर परिजन उसे लेकर जानकी कुंड अस्पताल लेकर जा रहे थे. तभी रास्ते में युवक ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. युवक कस्बे में शेर-ए-पंजाब नाम से ढाबा का संचालन करता था.

सीएमएस ने परिजनों के आरोप को नकारा

सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि चिकित्सक पर इलाज न करने का आरोप गलत है. ड्यूटी पर डॉक्टर ऋषि ने बाकायदा मरीज का इलाज किया था. सीएमएस का कहना था कि परिजनों ने डॉक्टर को बताया था कि उसने चूहेमार दवा खाई है. सुबह परिजन मरीज को बिना बताए वापस लेकर चले गए थे. वहीं शिवरामपुर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है.

चित्रकूट: जिला अस्पताल में इलाज के अभाव में एक युवक की मौत होने पर परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर किया. युवक की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों की डॉक्टर की डॉक्टरों से नोकझोंक भी हुई. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने समय पर इलाज नहीं किया, जिससे युवक की मौत हो गई. हालांकि डॉक्टर इस बात से इंकार कर रहे हैं.

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युवक की मौत के बाद परिजनों का हंगामा.

दरअसल, युवक की तबीयत बिगड़ गयी थी. इसके बाद परिजन युवक को बेसुध हालत में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे. युवक की मां मंगला देवी का आरोप है कि जिला अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ऋषि कुमार ने उसके बेटे को नहीं देखा और एक स्वास्थ्यकर्मी से इलाज करने को कह दिया. वह खुद एसी में लेटे आराम फरमाते रहे. वहीं बाद में हालत गंभीर होने पर कहीं और ले जाने की बात कह दी. इस पर परिजन उसे लेकर जानकी कुंड अस्पताल लेकर जा रहे थे. तभी रास्ते में युवक ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. युवक कस्बे में शेर-ए-पंजाब नाम से ढाबा का संचालन करता था.

सीएमएस ने परिजनों के आरोप को नकारा

सीएमएस डॉ. आरके गुप्ता का कहना है कि चिकित्सक पर इलाज न करने का आरोप गलत है. ड्यूटी पर डॉक्टर ऋषि ने बाकायदा मरीज का इलाज किया था. सीएमएस का कहना था कि परिजनों ने डॉक्टर को बताया था कि उसने चूहेमार दवा खाई है. सुबह परिजन मरीज को बिना बताए वापस लेकर चले गए थे. वहीं शिवरामपुर थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया है.

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