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रवि किशन ने मोदी और योगी को बताया कृष्ण, खुद को कहा अर्जुन - रवि किशन ने मोदी और योगी को बताया कृष्ण

भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन बीजेपी के टिकट पर गोरखपुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुए हैं. उनकी जीत में सीएम योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा भी मुख्य वजह रही है.

रवि किशन
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Published : May 24, 2019, 7:30 PM IST

गोरखपुर: लोकसभा चुनाव में जीत के बाद रवि किशन ने मोदी और योगी को कृष्ण की उपाधि दी तो खुद को अर्जुन बताया. उन्होंने कहा कि इन्होंने जो रणनीति बनाई उस पर वह जमकर दौड़े.

रवि किशन की जीत में सीएम योगी रहे बड़ा कारण.

क्या रहे रवि किशन की जीत के कारण

  • रवि किशन की जीत में विकास भी बड़ा मुद्दा बना.
  • गोरखपुर में एम्स की ओपीडी की शुरुआत हो या फिर खाद कारखाना की तेज होती निर्माण की गति.
  • शहर में फोर लेन सड़कों का जाल. यह सब रवि किशन की जीत का कारण बना.
  • लोग यह जानते थे कि रवि किशन की हार का मतलब सीएम योगी की सीधे तौर पर हार.
  • गोरखपुर के विकास की हार और दशकों से स्थापित गोरखनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा की हार.
  • यही वजह रही कि मोदी की ललकार और सीएम योगी हुंकार ने रवि किशन को बड़ी जीत दिला दी.

सीएम योगी ने लगाई ताकत

  • रवि किशन की जीत के लिए योगी ने हर जातिवर्ग और समाज के लोगों के साथ बड़ी बैठक कर संवाद स्थापित किया. सभाएं तो एक दर्जन से ज्यादा हुईं.
  • पांच विधानसभा में हर जगह योगी ने तीन-तीन सभाएं की.
  • सिंधी समाज से लेकर पंजाबी समाज को भी नहीं छोड़ा, क्योंकि 2018 के लोकसभा उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी से बड़ी योगी की इमेज को धक्का लगा था.
  • यह सीट उनके नाक का सवाल थी तो बाकी सीटें भी उनके राजनीतिक भविष्य का इम्तिहान थी, जिसमें योगी पास हुए.

गोरखपुर: लोकसभा चुनाव में जीत के बाद रवि किशन ने मोदी और योगी को कृष्ण की उपाधि दी तो खुद को अर्जुन बताया. उन्होंने कहा कि इन्होंने जो रणनीति बनाई उस पर वह जमकर दौड़े.

रवि किशन की जीत में सीएम योगी रहे बड़ा कारण.

क्या रहे रवि किशन की जीत के कारण

  • रवि किशन की जीत में विकास भी बड़ा मुद्दा बना.
  • गोरखपुर में एम्स की ओपीडी की शुरुआत हो या फिर खाद कारखाना की तेज होती निर्माण की गति.
  • शहर में फोर लेन सड़कों का जाल. यह सब रवि किशन की जीत का कारण बना.
  • लोग यह जानते थे कि रवि किशन की हार का मतलब सीएम योगी की सीधे तौर पर हार.
  • गोरखपुर के विकास की हार और दशकों से स्थापित गोरखनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा की हार.
  • यही वजह रही कि मोदी की ललकार और सीएम योगी हुंकार ने रवि किशन को बड़ी जीत दिला दी.

सीएम योगी ने लगाई ताकत

  • रवि किशन की जीत के लिए योगी ने हर जातिवर्ग और समाज के लोगों के साथ बड़ी बैठक कर संवाद स्थापित किया. सभाएं तो एक दर्जन से ज्यादा हुईं.
  • पांच विधानसभा में हर जगह योगी ने तीन-तीन सभाएं की.
  • सिंधी समाज से लेकर पंजाबी समाज को भी नहीं छोड़ा, क्योंकि 2018 के लोकसभा उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी से बड़ी योगी की इमेज को धक्का लगा था.
  • यह सीट उनके नाक का सवाल थी तो बाकी सीटें भी उनके राजनीतिक भविष्य का इम्तिहान थी, जिसमें योगी पास हुए.
Intro:गोरखपुर। मोदी की सुनामी और भाजपा की आंधी में गोरखपुर संसदीय सीट से लोकसभा चुनाव जीतने में कामयाब हुए भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन की जीत में सीएम योगी आदित्यनाथ और गोरखनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा भी मुख्य वजह रही है। इस शहर का अंधाधुंध हो रहा विकास भी बड़ा विषय बना। गोरखपुर में कदम रखते ही रवि किशन ने कहा कि वह योगी महाराज के चेला हैं और गोरखपुर के विकास के लिये उनकी जीत बड़ा मायने रखती है। यही वजह रही कि रवि किशन योगी के नजरो में अपने मजूबत जनसंपर्क और रोड शो से मेहनत करते नजर आए तो योगी ने भी इस जीत के लिए सभाओं की झड़ी लगा दिया।


Body:चुनाव परिणाम आने के बाद रविकिशन मीडिया से बातचीत में जहां मोदी और योगी को कृष्ण की उपाधि दिया तो खुद को अर्जुन कहा। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने जो रणनीति बनाई उसपर वह जमकर दौड़े। रवि किशन की जीत में विकास भी बड़ा मुद्दा बना। गोरखपुर में एम्स की ओपीडी की शुरुआत हो या फिर खाद कारखाना की तेज होती निर्माण की गति, शहर में फोर लेन सड़कों का जाल हो यह सब रवि किशन की जीत का कारण बना। लोग यह जानते थे कि रवि किशन की हार का मतलब सीएम योगी की सीधे तौर पर हार, गोरखपुर के विकास की हार और दशकों से स्थापित गोरखनाथ मंदिर की प्रतिष्ठा की हार, यही वजह रहा कि मोदी की ललकार और सीएम योगी हुंकार ने रवि किशन को बड़ी जीत दिला दी।

बाइट--रवि किशन, बीजेपी सांसद, गोरखपुर
बाइट--रामजियावन मौर्य, लोक सभा संयोजक, गोरखपुर


Conclusion:रवि किशन की जीत के लिए योगी ने हर जातिवर्ग और समाज के लोगों के साथ बड़ी बैठक कर संवाद स्थापित किया। सभाएं तो एक दर्जन से ज्यादा हुई। पांच विधान सभा में हर जगह योगी ने तीन-तीन सभाएं की। सिंधी समाज से लेकर पंजाबी समाज को भी नहीं छोड़ा, क्योंकि 2018 के लोकसभा उपचुनाव में मिली हार से बीजेपी से बड़ी योगी की इमेज को धक्का लगा था। यह सीट उनके नाक का सवाल थी तो बाकी सीटें भी उनके राजनीतिक भविष्य का इम्तिहान थी, जिसमे योगी पास हुए। हालांकि पूरा यूपी उन्हें मथना था लेकिन गोरखपुर क्षेत्र की 13 सीटों को जीतना इनके लिए बड़ी चुनौती थी जिसमें आजमगढ़ फिर इनके हाथ से फिसल गई।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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