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लखनऊ: राजनाथ सिंह कर चुके हैं शिलान्यास, अभी भी ट्रामा सेंटर का इंतजार

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Published : Jun 20, 2019, 3:27 PM IST

केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने राजधानी लखनऊ में तीसरे ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया था. इसे अब तीन महीने गुजर चुके हैं लेकिन अधिग्रहित जमीन पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जबकि शासन की ओर से निर्माण की पहली किस्त भी जारी की जा चुकी है.

ट्रामा सेंटर की जमीन पर हो चुका है अतिक्रमण.

लखनऊ: बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राजधानी के जानकीपुरम विस्तार में ट्रामा सेंटर की नींव रखी गई थी. लोकसभा चुनाव से पूर्व तत्कालीन गृहमंत्री और सांसद राजनाथ सिंह ने इस ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया था. आचार संहिता खत्म होने के बाद इसके लिए लागत निर्माण की पहली किस्त भी जारी कर दी गई लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं रखी गई है. इसके विपरीत ट्रामा सेंटर की जमीन पर अवैध रूप से झुग्गी-झोंपड़ियां बना ली गई हैं.

ट्रामा सेंटर की जमीन पर हो चुका है अतिक्रमण.
स्वास्थय विभाग उदासीन
  • राजधानी में 3 मार्च को 100 बेड के ट्रामा सेंटर बनाने की आधारशिला रखी गई थी.
  • शासन ने संबंधित कार्यदायी संस्था को ट्रामा सेंटर निर्माण की पहली किस्त भी दे दी है.
  • लगभग 3 माह बीत चुके हैं लेकिन इस जमीन पर अभी तक ट्रामा सेंटर के नाम पर सिर्फ खाली मैदान मौजूद है.
  • आलम यह है कि आसपास के कब्जेदार इस जमीन पर कब्जा भी कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य भाग की नींद नहीं खुल रही है.

पहले भी जमीन खाली कराई जा चुकी है जमीन

  • इस खाली जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी वालों ने अपने घर बनाने शुरू कर दिए हैं.
  • एलडीए से जमीन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने यहां पहले भी झुग्गी-झोंपड़ी व अन्य अतिक्रमण को साफ कराया था.
  • स्वास्थ्य विभाग की नजरअंदाजी की वजह से एक बार फिर यहां झुग्गी-झोपड़ी व अन्य अतिक्रमण प्रभावी दिख रहा है.
  • ट्रामा सेंटर के बनने में अतिक्रमण काफी समय से रोड़ा बना हुआ था जो फिर से स्वास्थ्य विभाग के सामने मुंह बाए खड़ा है.

20 लाख लोगों को मिलेगी राहत

  • राजधानी में यह तीसरा ट्रामा सेंटर होगा. इससे पहले केजीएमयू एवं पीजीआई में ट्रामा सेंटर पहले से मौजूद है.
  • केजीएमयू ट्रामा सेंटर में अधिक लोड होने की वजह से इस ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है.
  • ट्रामा सेंटर से इलाके की करीब 20 लाख से अधिक आबादी को राहत मिलेगी.

निर्माण के लिए 2 करोड़ 53 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है. इस बारे में निर्माण संस्था को निर्देश दिए जा चुके हैं. जल्द ही दोबारा निर्देश जारी किए जाएंगे. इसके बाद ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
- डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

लखनऊ: बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए राजधानी के जानकीपुरम विस्तार में ट्रामा सेंटर की नींव रखी गई थी. लोकसभा चुनाव से पूर्व तत्कालीन गृहमंत्री और सांसद राजनाथ सिंह ने इस ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया था. आचार संहिता खत्म होने के बाद इसके लिए लागत निर्माण की पहली किस्त भी जारी कर दी गई लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं रखी गई है. इसके विपरीत ट्रामा सेंटर की जमीन पर अवैध रूप से झुग्गी-झोंपड़ियां बना ली गई हैं.

ट्रामा सेंटर की जमीन पर हो चुका है अतिक्रमण.
स्वास्थय विभाग उदासीन
  • राजधानी में 3 मार्च को 100 बेड के ट्रामा सेंटर बनाने की आधारशिला रखी गई थी.
  • शासन ने संबंधित कार्यदायी संस्था को ट्रामा सेंटर निर्माण की पहली किस्त भी दे दी है.
  • लगभग 3 माह बीत चुके हैं लेकिन इस जमीन पर अभी तक ट्रामा सेंटर के नाम पर सिर्फ खाली मैदान मौजूद है.
  • आलम यह है कि आसपास के कब्जेदार इस जमीन पर कब्जा भी कर रहे हैं लेकिन स्वास्थ्य भाग की नींद नहीं खुल रही है.

पहले भी जमीन खाली कराई जा चुकी है जमीन

  • इस खाली जमीन पर झुग्गी-झोपड़ी वालों ने अपने घर बनाने शुरू कर दिए हैं.
  • एलडीए से जमीन मिलने के बाद जिला प्रशासन ने यहां पहले भी झुग्गी-झोंपड़ी व अन्य अतिक्रमण को साफ कराया था.
  • स्वास्थ्य विभाग की नजरअंदाजी की वजह से एक बार फिर यहां झुग्गी-झोपड़ी व अन्य अतिक्रमण प्रभावी दिख रहा है.
  • ट्रामा सेंटर के बनने में अतिक्रमण काफी समय से रोड़ा बना हुआ था जो फिर से स्वास्थ्य विभाग के सामने मुंह बाए खड़ा है.

20 लाख लोगों को मिलेगी राहत

  • राजधानी में यह तीसरा ट्रामा सेंटर होगा. इससे पहले केजीएमयू एवं पीजीआई में ट्रामा सेंटर पहले से मौजूद है.
  • केजीएमयू ट्रामा सेंटर में अधिक लोड होने की वजह से इस ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है.
  • ट्रामा सेंटर से इलाके की करीब 20 लाख से अधिक आबादी को राहत मिलेगी.

निर्माण के लिए 2 करोड़ 53 लाख रुपये की पहली किस्त जारी की जा चुकी है. इस बारे में निर्माण संस्था को निर्देश दिए जा चुके हैं. जल्द ही दोबारा निर्देश जारी किए जाएंगे. इसके बाद ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा.
- डॉ. नरेंद्र अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

Intro:जानकीपुरम विस्तार में पिछले दिनों बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जानकीपुरम विस्तार में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास किया गया। लागत निर्माण के पहली किस्त भी मिल गई। लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं रखी गई है। ट्रामा सेंटर से क्षेत्र के करीब 20 लाख लोगों को लाभ देने की बात कही जा रही थी। लेकिन जमीनी हालात इन दावों से बिल्कुल इतर साबित हो रहे हैं।


Body:जानकीपुरम विस्तार में ट्रामा सेंटर का शिलान्यास तत्कालीन गृहमंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा किया गया था। राजधानी में 3 मार्च को 100 बेड का ट्रामा सेंटर बनाने की न्यू रखी गई थी। इसके लिए तमाम तैयारियां भी हो चुकी हैं यहां तक कि शासन ने ट्रामा सेंटर में निर्माण की पहली किस्त तक संबंधित कार्यदायी संस्था को दे दी है। लेकिन यह जमीन अभी भी खाली पड़ी हुई है। लगभग 3 माह बीत चुके हैं। लेकिन इस जमीन पर अभी तक ट्रामा सेंटर के नाम पर सिर्फ खाली मैदान मौजूद है और अगल-बगल के कब्जे दार इस जमीन पर कब्जा भी कर रहे हैं। लेकिन स्वास्थ्य भाग की नींद नहीं खुल रही हो।

पहले भी जमीन खाली कराई जा चुकी

इस खाली जमीन पर अब वापस से झुग्गी झोपड़ी वालों ने इस जमीन पर वापस से अपने घर बनाने शुरू कर दिए हालात ऐसे चलें कि इस जमीन पर लगभग आधी बस्ती खड़ी हो चुकी है। राजधानी में यह तीसरा ट्रामा सेंटर बनाने की बात हो रही थी। केजीएमयू,पीजीआई में अभी तक ट्रामा सेंटर चल रहे थे। इस क्षेत्र में स्थापित केजीएमयू ट्रामा सेंटर में सबसे अधिक लोड होने की वजह से ट्रामा सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है। एल डी ए से जमीन मिलने के बाद जिला प्रशासन से इस पर पहले भी झुग्गी झोपड़ी अन्य अतिक्रमण को पूरी तरह से साफ कराया गया था। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नजरअंदाज जी की वजह से एक बार फिर से यहां पर झुग्गी झोपड़ी अन्य अतिक्रमण प्रभावी रूप में दिख रहा है। ट्रामा सेंटर के बनने में अतिक्रमण काफी समय से रोड़ा बना हुआ था। जो कि एक समस्या के रूप में फिर से स्वास्थ्य विभाग के सामने मुंह बाए खड़ा है।

20 लाख लोगों को मिलनी थी राहत

ट्रामा सेंटर से इलाके में पढ़ने वाले जानकीपुरम विस्तार में समय ट्रामा सेंटर खोलने से करीब 20 लख से अधिक आबादी को राहत मिलेगी। लेकिन 20 लाख लोगों को आखिर कब राहत मिल पाएगी। यह एक बड़ा सवाल है क्योंकि स्वास्थ विभाग इस पूरे मामले में अपनी आंखें मूंदे बैठा है। निर्माण के लिए 2 करोड़ 53 लाख रुपये के रूप पहली किस्त के रूप में दिए जा चुके हैं। लेकिन अभी भी यह जमीन खाली पड़ी हुई है।

बाइट- डॉ नरेंद्र अग्रवाल, मुख्यचिकित्साधिकारी, लखनऊ


Conclusion:एन्ड पीटीसी
शुभम पाण्डेय
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