बलरामपुर : चुनाव प्रचार करने का मुख्य काम वैसे तो राजनीतिक दलों, नेताओं, उनके कार्यकर्ताओं का है. प्रशासनिक अमले को इस काम को करने की मनाही है, लेकिन इसके उलट जिले में मतदान कार्य में लगाए गए कुछ पीठासीन अधिकारी अपने चहेते उम्मीदवार का खूब प्रचार-प्रचार करते नजर आ रहे हैं. इसके लिए वह जमकर सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. इतना ही नहीं वह यदा-कदा अपने समर्थक के साथ जनता के बीच प्रचार करते भी दिखाई पड़ जाते हैं. वहीं जिला निर्वाचन अधिकारी ऐसा होने पर उचित कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.
जिले में 1846 मतदान बूथों हैं और इन बूथों पर एक-एक पीठासीन अधिकारी तैनात किए गए हैं. लेकिन इनमें से कुछ अधिकारी चुनाव आयोग के बनाए गए नियमों का खुलेआम धज्जियां उड़ाते नजर आ रहे हैं. दरअसल, ये अधिकारी अपनी चहेती पार्टी और समर्थक का चुनाव प्रचार करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं. ऐसे में जिले में निष्पक्ष चुनाव होने पर सवाल खड़ा होना लाजिमी है.
क्या है नियम
नियम के अनुसार चुनाव में लगे किसी भी कर्मचारी का राजनीतिक दलों से संबंध नहीं होना चाहिए. इसका निर्देश साफ-साफ चुनाव आयोग ने अपने निर्देशिका में दे रखा है.
सोशल मीडिया ऑब्जरवेशन टीम पर उठ रहे सवाल
जिले में एक सोशल मीडिया ऑब्जरवेशन टीम का गठन भी किया गया है, लेकिन इसके बावजूद कुछ पीठासीन अधिकारियों के सरेआम सोशल मीडिया पर अपने चहेते उम्मीदवार प्रचार-प्रसार करने में लगे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया ऑब्जरवेशन टीम के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं.
यदि इस तरह की क्रियाकलापों में कोई भी व्यक्ति संलिप्त नजर आता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं उसे चुनाव प्रक्रिया से हटाने का काम भी किया जाएगा.
- जिला निर्वाचन अधिकारी कृष्णा करुणेश