लखनऊ: राफेल मामले में याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण शनिवार को लखनऊ पहुंचे. यहां वो गणतंत्र की पुनर्बहाली विषय पर संगोष्ठी संवाद में शामिल हुए. यहां पहुंचकर उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों को लोकतंत्र व जनतंत्र विरोधी बताया.
गणतंत्र की पुनर्बहाली विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए वरिष्ठ वकील और स्वराज अभियान के राष्ट्रीय नेता प्रशांत भूषण शनिवार को लखनऊ पहुंचे. संगोष्ठी में प्रशांत भूषण ने सरकार की नीतियों को लोकतंत्र और जनतंत्र विरोधी बताया है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का असली मतलब लोगों की इच्छा से सरकार और समाज को चलाना है न कि सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को देशद्रोही कहना.
प्रशांत भूषण ने कहा कि मौजूदा सरकार ने जांच एजेंसियों की स्वायत्तता को अपने कब्जे में ले रखा है. इलेक्शन कमेटी के चुनाव पर कटाक्ष करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि मोदी और अमित शाह अपने चुने हुए लोगों को नियुक्त कर रही है. इससे निष्पक्ष चुनाव हो पाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नेतृत्व में करोड़ों रुपया लेकर भगोड़े देश से बाहर जा चुके हैं और आजादी से रह रहे हैं. केंद्र सरकार उन्हें वापस लाने की बात कर रही है.
यही नहीं सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में दिए जाने के खिलाफ उन्होंने अंबानी ग्रुप पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश के हालात बहुत मुश्किल बने हुए हैं. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों को लोकतंत्र विरोधी बताया है. साथ ही सरकार की नीतियों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जनमानस के असली मुद्दों को दरकिनार करते हुए देश में नफरत बंटवारे की राजनीति की जा रही है.