हाथरस: जिले में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स ने रैपिड रिस्पांस टीम के उन आयुष चिकित्सकों को पीपीई किट दी हैं, जोकि कोविड-19 की जांच में लगे हुए हैं. शुक्रवार को छह चिकित्सकों को पीपीई किट दी गई. किट पाने वाले चिकित्सकों का कहना है कि यह किट निश्चित रूप से उन्हें सुरक्षित करने के काम आएगी.
पीपीई किट का वितरण
जिले में स्वास्थ्यकर्मी बिना सुरक्षा उपकरणों के ही संक्रमितों के बीच आ-जा रहे हैं. ऐसे में उनके खुद संक्रमण की चपेट में आने की पूरी संभावना बनी रहती है. इसी को देखते हुए शुक्रवार को एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स ने जिले की रैपिड रिस्पांस टीम में कार्यरत आयुष चिकित्सकों को कोविड-19 की जांच के लिए पीपीई किट का वितरण किया.
डॉक्टरों को नहीं मिले सुरक्षा उपकरण
एडीएचआर के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण वार्ष्णेय ने बताया कि कोरोना महामारी में स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टरों और अन्य स्टाफ को कोई भी सुविधा अथवा सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए हैं. इन सब विषयों को लेकर बार-बार जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और शासन से मांग की गई. जो स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की जांच और अन्य स्वास्थ्य प्रक्रिया में लगे हुए हैं, उनको पीपीई किट व अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हमारे जिला अस्पताल के एक फार्मेसिस्ट देवेश शर्मा की कोरोना की चपेट में आने से मौत हो गई, इसीलिए सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते हुए एडीएचआर ने रैपिड रेस्पांस टीम के ऐसे आयुष चिकित्सकों को जो कोरोना की जांच और सेंपलिंग करने में लगे हुए हैं, उन्हें पीपीई किट उपलब्ध कराई गई है.