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उन्नाव: फ्लोराइड युक्त पानी बना मुसीबत, गांव में नहीं हो रहीं लोगों की शादियां

उन्नाव के हैबतपुर गांव का पानी फ्लोराइल युक्त होने की वजह से ग्रामाणों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. गांव का पानी पीला होने से लोगों की शादी तक नहीं हो पा रही है और न ही गांव में कोई रिश्तेदार आता है.

फ्लोराइड युक्त पानी बना मुसीबत.
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Published : Mar 11, 2019, 9:42 PM IST

उन्नाव: जल ही जीवन है. जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है, लेकिन उन्नाव के हैबतपुर गांव का यही जल स्थानीय लोगों की मुसीबत का सबब बन गया है. पूरे गांव में फ्लोराइड युक्त पानी होने की वजह से लोग परेशान हैं. आलम यह कि हैंडपंप से निकलने वाले पीले पानी को पीकर ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है.

फ्लोराइड युक्त पानी बना मुसीबत.

ग्रामीणों की मानें तो गांव में फ्लोराइड युक्त पानी होने से लोगों की शादी तक नहीं हो पा रही है. गांव में लोग रिश्ते लेकर तो आते हैं, लेकिन जैसे ही उनके सामने पीने का पानी आता है. वह पानी का पीलापन देख फौरन उठकर चले जाते हैं. ऐसे में गांव में शहनाई बजना तो दूर यहां रिश्तेदारों का आना भी सपने जैसा हो गया है.

वहीं इस मामले में जल निगम के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. कई सालों से बनी इस समस्या से छुटकारा दिलाने की बजाय अधिकारी सिर्फ कार्य योजना तैयार करने का हवाला दे रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इतने अरसे से जहरीला पानी पीने को मजबूर लोगों के लिए विभाग ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया.

उन्नाव: जल ही जीवन है. जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है, लेकिन उन्नाव के हैबतपुर गांव का यही जल स्थानीय लोगों की मुसीबत का सबब बन गया है. पूरे गांव में फ्लोराइड युक्त पानी होने की वजह से लोग परेशान हैं. आलम यह कि हैंडपंप से निकलने वाले पीले पानी को पीकर ग्रामीणों को गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है.

फ्लोराइड युक्त पानी बना मुसीबत.

ग्रामीणों की मानें तो गांव में फ्लोराइड युक्त पानी होने से लोगों की शादी तक नहीं हो पा रही है. गांव में लोग रिश्ते लेकर तो आते हैं, लेकिन जैसे ही उनके सामने पीने का पानी आता है. वह पानी का पीलापन देख फौरन उठकर चले जाते हैं. ऐसे में गांव में शहनाई बजना तो दूर यहां रिश्तेदारों का आना भी सपने जैसा हो गया है.

वहीं इस मामले में जल निगम के अधिकारी आंखें मूंदे हुए हैं. कई सालों से बनी इस समस्या से छुटकारा दिलाने की बजाय अधिकारी सिर्फ कार्य योजना तैयार करने का हवाला दे रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर इतने अरसे से जहरीला पानी पीने को मजबूर लोगों के लिए विभाग ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया.

Intro:उन्नाव:-- कहते हैं जल ही जीवन है लेकिन उन्नाव के हैबतपुर के गांव के लोगों के लिए यही जल मुसीबत का सबब बन गया है क्योंकि फ्लोराइड युक्त पानी की वजह से गांव में लोगों की शादी नहीं हो रही है लोग रिश्ते लेकर तो आते हैं लेकिन जैसे ही उनके सामने पीने का पानी आता है तो पानी का पीला रंग देखकर वह फौरन उठ कर चले जाते हैं और रिश्ता करने से मना कर देते हैं फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर लोगों की माने तो हैंडपंप से निकलने वाले पीले पानी की वजह से उनके गांव में शहनाई नहीं भेज रही और लोगों की शादी आज तक नहीं हो रही वही जिम्मेदार अधिकारी इस समस्या से छुटकारा दिलाने की बजाय कार्य योजना तैयार करने का दावा कर रहे हैं


Body:उन्नाव का हैबतपुर गांव पानी की मुसीबत से परेशान है गांव के हैंडपंपों से निकलने वाला फ्लोराइड युक्त पीला पानी पीने से जहां लोग बीमार पड़ रहे हैं वहीं इस पानी की वजह से गांव में अब शहनाई की गूंज सुनाई पड़ना भी बंद हो गई है दरअसल लेदर फैक्ट्रियों की वजह से गांव का ग्राउंड वाटर पूरी तरह खराब हो चुका है पानी में फ्लोराइड की मात्रा इतनी अधिक है कि हैंडपंपों से पीला पानी निकलता है और जिस पीले पानी से शायद हम और आप हाथ दुल्ला भी पसंद नहीं करेंगे गांव के लोग उसी पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर है यही नहीं इस पीले पानी की वजह से गांव में रिश्ते आने भी बंद हो गए लोगों की माने तो कई कोई रिश्ता लेकर आता है और जैसे ही उसके सामने पीने का पानी रखते हैं वह उठकर चला जाता है और अपनी बेटी की शादी करने से मना कर देता है।

बाईट--किरन (ग्रामीण)
बाईट-राम खिलावन (ग्राम प्रधान )


Conclusion:वहीं जल निगम के अधिकारी भी गांव वालों की इस मुसीबत से अनजान नहीं हैं और खुद जांच करने पर 715 गांव को प्रभावित होने का दावा कर रहे हैं हालांकि लोगों की इस समस्या से निजात दिलाने की बजाय अधिकारी कार्य योजना बनाकर मुख्यमंत्री को भेजे जाने का दावा कर रहे हैं और योजना की स्वीकृति मिलते ही समस्या से निजात दिलाने का भरोसा भी दिला रहे हैं लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतने अरसे से फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर लोगों के लिए अभी तक विभाग ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया।

बाईट--के के कटियार (जल निगम अधिशासी अधिकारी)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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