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गोंडा: बुनियादी सुविधाओं से वंचित ग्रामीणों ने जताई नाराजगी, लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का किया फैसला - मतदान

गोंडा में आजादी के बाद भी चौरीहर्षो पट्टी के मजरा एकमा गांव के लोग बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से कोसों दूर हैं. लिहाजा गांव के लोगों ने नाराजगी जताते हुए लोकसभा चुनाव में मतदान न करने का फेैसला किया है.

ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का किया फैसला.
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Published : Mar 15, 2019, 11:04 PM IST

गोंडा: जिले में आजादी के 70 साल बाद भी एक गांव ऐसा है, जहां के लोग अभी भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. लिहाजा ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो वह लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे.

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ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का किया फैसला.


जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चौरीहर्षो पट्टी के मजरा एकमा गांव की आबादी करीब 2500 के आस-पास है. ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में जनप्रतिनिधियों के झूठे वादों से परेशान होकर लोगों ने पंचायत में इस बार मतदान न करने का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय गांव के मुख्य मार्ग पर ढाई से तीन फीट तक जलभराव हो जाता है. जिससे लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है.गांव वालों का कहना है कि गांव में न तो शौचालय है और न ही उन्हें शासन की तरफ से राशन दिया जाता है, लिहाजा वह इस बार मतदान नहीं नहीं करेंगे.

राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी नेता लोगों को घर-घर जाकर वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद कोई मुंह तक दिखाने नहीं आता. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से लेकर सीएम और पीएम से की है, लेकिन हर बार उन्हें निराश होना पड़ा.

जिसको लेकर शासन-प्रशासन के रवैये से परेशान ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है.


गोंडा: जिले में आजादी के 70 साल बाद भी एक गांव ऐसा है, जहां के लोग अभी भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं. लिहाजा ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो वह लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालेंगे.

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ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का किया फैसला.


जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चौरीहर्षो पट्टी के मजरा एकमा गांव की आबादी करीब 2500 के आस-पास है. ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में जनप्रतिनिधियों के झूठे वादों से परेशान होकर लोगों ने पंचायत में इस बार मतदान न करने का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय गांव के मुख्य मार्ग पर ढाई से तीन फीट तक जलभराव हो जाता है. जिससे लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है.गांव वालों का कहना है कि गांव में न तो शौचालय है और न ही उन्हें शासन की तरफ से राशन दिया जाता है, लिहाजा वह इस बार मतदान नहीं नहीं करेंगे.

राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी नेता लोगों को घर-घर जाकर वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद कोई मुंह तक दिखाने नहीं आता. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत कई बार उच्चाधिकारियों से लेकर सीएम और पीएम से की है, लेकिन हर बार उन्हें निराश होना पड़ा.

जिसको लेकर शासन-प्रशासन के रवैये से परेशान ग्रामीणों ने इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया है.


Intro:देश की आजादी के 70 वर्ष बाद भी मूलभूत सुविधाओं से महरूम ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर मतदान न करने का फैसला किया। इसके लिए ग्रामीणों ने जगह जगह मतदान बहिष्कार का बैनर लगाकर शासन प्रशासन को संदेश दिया। इस पंचायत में सैकड़ों की संख्या में महिला व पुरुष मौजूद रहे।






Body:मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चौरीहर्षो पट्टी के मजरा एकमा गांव की आबादी करीब 2500 के आसपास है। ग्रामीणों का आरोप है कि हर चुनाव में जनप्रतिनिधियों के झूठे वादों से परेशान हम लोगों ने पंचायत में इस बार मतदान न करने का फैसला किया। ग्रामीणों ने बताया कि हम सभी ग्रामवासी आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान का पूरी तरह से बहिष्कार करेंगे इसके लिए हमें चाहे जो भी सजा भुगतनी पड़े। ग्रामीणों का कहना है कि बरसात के समय गांव के मुख्य मार्ग पर ढाई से तीन फीट तक जलभराव हो जाता है जिससे बच्चों को विद्यालय जाने सहित तमाम दुश्वारियां का हम लोगों को सामना करना पड़ता है। गांव वालों का कहना है कि न ही हमे शौचालय मिला न ही राशन मिलता है। चुनाव आ गया है नेता आएंगे झूठे वादे करेंगे। लेकिन इस बार हम उनको गांव में नहीं घुसने देंगे। इसके लिए गांव के जागरूक कृपा शंकर शुक्ला ने करीब 3 वर्षों से गांव के सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर युक्त प्रार्थना पत्र उच्चाधिकारियों से लेकर सी एम व पीएम तक गुहार लगा चुके है। जब इन लोगों की कहीं नहीं सुनी गई तो इस बार परेशान ग्रामीणों ने पंचायत में मतदान बहिष्कार करने का निर्णय लिया। विकास ना होने का ठीकरा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों के साथ साथ गांव के वर्तमान प्रधान पर भी आरोप लगा रहे हैं। गांव के प्रधान द्वारा जानबूझकर एक माह गांव का विकास नहीं कराया जा रहा है ना ही मूलभूत सुविधाएं दी जा रही है। आज एक मंदिर प्रांगण में जुटे ग्रामीण ने भारी संख्या में चुनाव आचार संहिता लगने के बाद भी दोबारा पंचायत में फिर मतदान बहिष्कार का शपथ लिया वह जमकर मतदान न करने के लिए नारेबाजी भी की।






Conclusion:बाईट- कृपा शंकर शुक्ला(ग्रामीण)

बाईट- ग्रामीण

बाईट- ग्रामीण
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