इटावा: जनपद में लगातार ही मनरेगा के तहत काम न मिलने को लेकर शिकायत आ रही है. कई बार मनरेगा कर्मी जिलाधिकारी कार्यालय में ज्ञापन भी दे चुके हैं. इसी को लेकर शनिवार को मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जो प्रवासी मजदूर बाहर से आ रहे हैं, सभी को मनरेगा के तहत काम दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कई प्रवासी मजदूर ऐसे हैं, जो काम नहीं करना चाहते और प्रधान और रोजगार सेवक पर दबाव डाल रहे हैं.
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि इन प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उनका नाम मनरेगा के तहत जोड़ दिया जाए. ऐसे श्रमिकों के खिलाफ अब कार्रवाई की जाएगी. एक तरफ जहां प्रदेश सरकार लगातार प्रवासी मजदूर को रोजगार देने के लिए मनरेगा के तहत काम दिलाने की बात कर रही है. वहीं कुछ ऐसे भी प्रवासी मजदूर हैं जो बिना काम करे अपना नाम मनरेगा की लिस्ट में शामिल करने के लिए दबाव बना रहे हैं. ऐसे मजदूरों के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी कर ली है.
8500 मजदूरों को दिया गया काम
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि यदि अब किसी भी गांव से इस तरह की कोई भी शिकायत आती है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी. मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर ने बताया कि अभी तक जिले में 8500 गरीब मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जा चुका है. उन्होंने बताया कि शासन की मंशा है कि जो प्रवासी मजदूर आ गए हैं उनको काम दिया जाए. इसके तहत तरह-तरह के काम मजदूरों को दिए जा रहे हैं.
प्रशासन आरोपियों पर करेगा कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि मजदूरों को सड़क निर्माण, खुदाई के काम आदि करने को दिए जा रहे हैं. इससे न सिर्फ क्षेत्र का विकास हो रहा है, बल्कि लोगों को काम भी मिल रहा है. इसके बावजूद कुछ लोग ऐसे हैं, जो बिना काम करे अपना नाम लिस्ट में डालने के लिए दबाव बना रहे हैं. अब ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन कार्रवाई करेगा. उनका कहना है कि सरकार की यह मंशा है कि लोगों को काम मिले और उनके काम से राज्य में विकास हो.