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राष्ट्रपति ने दिया बुंदेली साहित्यकार कवि कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री

आजादी के 70 साल बाद पहली बार बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री रतन से सम्मानित किया गया. जिसका जश्न ललितपुर की बुंदेलखंड सेना के सदस्यों के द्वारा होली मिलन समारोह मनाकर किया गया.

बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री
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Published : Mar 22, 2019, 3:25 AM IST

ललितपुर: आजादी के 70 साल बाद बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के अंतर्गत बानपुर निवासी बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को 16 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया. जिसका आज बुंदेलखंड सेना के सदस्यों व जनपद वासियों ने होली मिलन समारोह मनाकर एक दूसरे को गुलाल लगाया और नाच गाने के साथ जश्न मनाया.


वहीं पद्मश्री से सम्मानित कैलाश मढ़वैया ने बताया कि भारत का हृदय स्थल बुंदेलखंड है. भारत में आजादी के बाद पहली बार बुंदेली भाषा को राष्ट्र का सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री साहित्य के लिए दिया गया है. 16 मार्च को राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से सम्मानित किया है. जिसका हम आभार व्यक्त करते हैं.

बुंदेलखंड सेना के अध्यक्ष ने बताया कि बुंदेलखंड विकास सेना का यह होली महोत्सव कई सालों से चला रहा है. और ये 28 वां होली महोत्सव है और खास इसलिये है कि बुंदेलखंड के कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. साथ ही हम लोग भी बुंदेलखंड रतन की शुरुआत कर रहें हैं. इससे हम बुंदेलखंड वासी भी गौरवान्वित होंगे.

ललितपुर: आजादी के 70 साल बाद बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के अंतर्गत बानपुर निवासी बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को 16 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया. जिसका आज बुंदेलखंड सेना के सदस्यों व जनपद वासियों ने होली मिलन समारोह मनाकर एक दूसरे को गुलाल लगाया और नाच गाने के साथ जश्न मनाया.


वहीं पद्मश्री से सम्मानित कैलाश मढ़वैया ने बताया कि भारत का हृदय स्थल बुंदेलखंड है. भारत में आजादी के बाद पहली बार बुंदेली भाषा को राष्ट्र का सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री साहित्य के लिए दिया गया है. 16 मार्च को राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से सम्मानित किया है. जिसका हम आभार व्यक्त करते हैं.

बुंदेलखंड सेना के अध्यक्ष ने बताया कि बुंदेलखंड विकास सेना का यह होली महोत्सव कई सालों से चला रहा है. और ये 28 वां होली महोत्सव है और खास इसलिये है कि बुंदेलखंड के कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. साथ ही हम लोग भी बुंदेलखंड रतन की शुरुआत कर रहें हैं. इससे हम बुंदेलखंड वासी भी गौरवान्वित होंगे.

Intro:एंकर-आजादी के 70 साल बाद पहली बार बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री रतन से सम्मानित किया गया.जिसका जश्न ललितपुर की बुंदेलखंड सेना के सदस्यों के द्वारा होली मिलन समारोह बनाकर मनाया.साथ ही बुंदेलखंड सेना के सदस्यों ने निर्णय लिया.कि कैलाश मढ़वैया को बुंदेलखंड रतन से सम्मानित किया जाएगा।


Body:वीओ-बताते चले कि आजादी के 70 साल बाद बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के अंतर्गत बानपुर निवासी बुंदेली साहित्यकार व कवि कैलाश मढ़वैया को 16 मार्च को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में पहली बार पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया.जिसका आज बुंदेलखंड सेना के सदस्यों व जनपदवासियों ने होली मिलन समारोह बनाकर एक दूसरे को गुलाल लगाया व नाच गाने के साथ जश्न मनाया.और छोटे छोटे बच्चों ने कर्तव्य भी दिखाया.

बाइट-वहीं पद्मश्री से सम्मानित कैलाश मढ़वैया ने बताया कि भारत का हृदय स्थल बुंदेलखंड है औऱ भारत मे आजादी के पहली बार बुंदेली भाषा को राष्ट्र का सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री साहित्य के लिए दिया गया है.16 मार्च को राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री से सम्मानित किया है जिसका हम आभार व्यक्त करते हैं.

बाइट-कैलाश मढ़वैया(पद्मश्री से सम्मानित)


Conclusion:बाइट-वहीं बुंदेलखंड सेना के अध्यक्ष ने बताया कि बुंदेलखंड विकास सेना का ये महोत्सव कई सालों से चला रहा है और ये 28 वां होली महोत्सव है और खास इसीलिये है कि बुंदेलखंड के कैलाश मढ़वैया को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है.साथ ही हम लोग भी बुंदेलखंड रतन की शुरुआत कर रहें है.इससे हम बुंदेलखंड वासी भी गौरवान्वित होंगे।

बाइट-हरीश कुमार टीटू(अध्यक्ष बुंदेलखंड सेना)
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