बिजनौर: गंगा किनारे बसे दो दर्जन से ज्यादा गांव में बाढ़ से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है. साथ ही पशुओं के लिए चारा न होने की वजह से पशु भूखे मरने पर मजबूर हैं. सैकड़ों बीघा गन्ने और पलेज की फसल चौपट हो गई है. एसडीआरएफ, पीएसी और पुलिस प्रशासन ड्रोन के जरिए जंगल के टापू में फंसे ग्रामीणों को रेस्क्यू ऑपरेशन करके निकाल रहे हैं.
मंडावर इलाके के कोहरपुर गांव में ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए एसडीएरएफ, पीएसी और पुलिस प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. साथ ही दो दिनों में अब तक 95 ग्रामीणों का सुरक्षित रेस्क्यू करके बहार निकाला गया है. फिलहाल अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. ग्राम प्रधान की मानें तो गांव में गंगा किनारे फसले चौपट हो गई हैं. लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. इसे लेकर बाढ़ग्रस्त इलाकों में रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं.
पीएसी टीम के अजय कुमार ने रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बताया कि मोटर बोट छोटी होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है. साथ ही अब तक कई लोगों को रेस्क्यू कर गंगा के उस पार से लाया गया है. उधर, गंगा में बह कर आ रही घास में मोटर बोट को चलाने में काफी दिक्कत हो रही है, लेकिन फिर भी रेस्क्यू टीम द्वारा लगातार ग्रामीणों को बचाने के लिए पीएसी व एसडीआरएफ की टीम बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई है.