जौनपुर: कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर अब परिषदीय स्कूलों को चलाने की कोशिश हो रही है. जिसके लिए परिषदीय स्कूलों में अब ड्रेस से लेकर पढ़ाई के तरीके को भी बदला जा रहा है. इस बार परिषदीय स्कूलों में भी मार्च महीने में ही कक्षा एक से लेकर आठवीं तक के छात्रों की परीक्षाएं कराई गईं और उनको समय रहते हुए अंकपत्र भी बांट दिए गए. साथ ही एक अप्रैल से परिषदीय स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है. पहले परिषदीय स्कूलों में नया सत्र जुलाई से शुरू होता था, लेकिन अब कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर इसे एक अप्रैल से कर दिया गया है.
नए सत्र की शुरुआत तो हो चुकी है लेकिन वह भी आधे अधूरे रूप में, नए सत्र में छात्रों को अभी तक नई किताबें नहीं दी गईं हैं, न ही उनको यूनिफॉर्म बांटी गई हैं. जिसके चलते नई कक्षा में पहुंचने के बाद छात्र बिना किताबों के पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
योगी सरकार परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के प्रयास में जुटी हुई है. जिसके चलते परिषदीय स्कूलों में बड़े बदलाव किए गए हैं. लेकिन नई कक्षाओं में छात्रों को बिना किताबों के ही पड़ना पड़ रहा है, ऐसे में बिना किताबों की पढ़ाई बेमानी लगती है. शिक्षक भी शासन के निर्देश के अनुसार स्कूल का संचालन कर रहे हैं. वहीं कुछ शिक्षक छात्रों को पुरानी किताबों के जरिए पढ़ा रहे हैं.
छात्र रेहान ने बताया की अभी नई किताबें उनको नहीं मिली हैं, दूसरे बच्चों से पुरानी किताबें लेकर वह पढ़ाई कर रहे हैं. साथ ही प्राथमिक स्कूल की प्रधानाचार्य पूजा आनंद ने बताया कि, नया सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन अभी नई किताबें नहीं आई हैं. इसलिए छात्रों को पुरानी किताबों से ही पढ़ाया जा रहा है.