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प्रवासी भारतीय सम्मेलन में आई बुआ से मिलकर भावुक हुआ भतीजा, बोला दूर ही सही पर दिल हैं जुड़े - त्रिनिदाद, टोबैको

आजमगढ़ के बड़ी संख्या में लोग त्रिनिदाद, टोबैको व फिजी में रहते हैं. दरअसल प्रवासी भारतीय सम्मेलन में त्रिनिदाद, टोबैको से लिंडा महाराज प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने वाराणसी पहुंची. इस दौरान उन्होंने आजमगढ़ में अपने भतीजे से मुलाकात की.

ईटीवी से बातचीत करता भतीजा
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Published : Feb 3, 2019, 12:05 AM IST


आजमगढ़ : वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बुआ-भतीजा का आनोखा रिश्ता देखने को मिला. यहां प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंची त्रिनिदाद और टोबैगो की महिला लिंडा महाराज से मिलते ही उनका भतीजा सचिन भावुक होते हुए बोला कि हमारी बुआ हमसे दूर भले रहती हैं, लेकिन हम लोग दिल से जुड़े रहते हैं.

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बुआ से मिलकर भावुक हुआ भतीजा.
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आजमगढ़ के बड़ी संख्या में लोग त्रिनिदाद, टोबैको व फिजी में रहते हैं. भारत से दूर रहने वाले इन प्रवासी भारतीयों के दिल में आज भी अपने पैतृक गांव की मिट्टी से बहुत प्यार है. यही कारण है कि इन्हें गांव की मिट्टी के महत्व इन्हें यहां खींच लाती है.


ईटीवी भारत से बातचीत में भतीजे सचिन ने बताया कि बुआ का भारत आना कम ही होता है. अभी 1 वर्ष पहले बुआ भारत आई थी, लेकिन हम लोगों को बुआ का प्यार दूर देश से भी मिलता रहता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के इस जमाने में बुआ हमसे भले दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से हम लोग एक दूसरे से जुड़े रहते हैं.


वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सम्मानित बुआ का स्वागत करते हुए भतीजे सचिन ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही गौरव की बात है. सचिन ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी बुआ भारत आती रहे और हमारा संबंध भी मजबूती के साथ बना रहे.

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आजमगढ़ : वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बुआ-भतीजा का आनोखा रिश्ता देखने को मिला. यहां प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंची त्रिनिदाद और टोबैगो की महिला लिंडा महाराज से मिलते ही उनका भतीजा सचिन भावुक होते हुए बोला कि हमारी बुआ हमसे दूर भले रहती हैं, लेकिन हम लोग दिल से जुड़े रहते हैं.

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में बुआ से मिलकर भावुक हुआ भतीजा.
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आजमगढ़ के बड़ी संख्या में लोग त्रिनिदाद, टोबैको व फिजी में रहते हैं. भारत से दूर रहने वाले इन प्रवासी भारतीयों के दिल में आज भी अपने पैतृक गांव की मिट्टी से बहुत प्यार है. यही कारण है कि इन्हें गांव की मिट्टी के महत्व इन्हें यहां खींच लाती है.


ईटीवी भारत से बातचीत में भतीजे सचिन ने बताया कि बुआ का भारत आना कम ही होता है. अभी 1 वर्ष पहले बुआ भारत आई थी, लेकिन हम लोगों को बुआ का प्यार दूर देश से भी मिलता रहता है. उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के इस जमाने में बुआ हमसे भले दूर हैं, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से हम लोग एक दूसरे से जुड़े रहते हैं.


वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सम्मानित बुआ का स्वागत करते हुए भतीजे सचिन ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही गौरव की बात है. सचिन ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी बुआ भारत आती रहे और हमारा संबंध भी मजबूती के साथ बना रहे.

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Intro:anchor: आजमगढ़। वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अपने पैतृक गांव पहुंची त्रिनिदाद टोबैको की लिंडा महाराज, विमला राम सुमेर से मिलते ही उनका भतीजा सचिन भावुक होते हुए बोला कि हमारी बुआ हमसे दूर भले रहती हैं लेकिन हम लोग दिल से जुड़े रहते हैं।


Body:वीओ 1 ईटीवी भारत से बातचीत में भतीजे सचिन ने बताया कि बुआ का भारत आना कम ही होता है अभी 1 वर्ष पहले बुआ भारत आई थी लेकिन हम लोगों को बुआ का प्यार दूर देश से भी मिलता रहता है। उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया के इस जमाने में बुआ हमसे भले दूर हैं लेकिन फेसबुक व्हाट्सएप टि्वटर के माध्यम से हम लोग एक दूसरे से जुड़े रहते हैं। वाराणसी में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में सम्मानित बुआ का स्वागत करते हुए भतीजे सचिन ने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही गौरव की बात है। सचिन ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी बुआ भारत आती रहे और हमारा संबंध भी मजबूती के साथ बना रहे।


Conclusion:वीओ: 2 बताते चलें कि आजमगढ़ के बड़ी संख्या में लोग त्रिनिदाद, टोबैको व फिजी में रहते हैं। भारत से दूर रहने वाले इन प्रवासी भारतीयों के दिल में आज भी अपने पैतृक गांव की मिट्टी से बहुत प्यार है यही कारण है कि इन्हें गांव की मिट्टी के महत्व खींच लाती है।

बाइट: सचिन कुमार
अजय कुमार मिश्र आज़मगढ़ 9453766900
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