प्रतापगढ़: जिले में इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिला चिकित्सालय डॉक्टर, सपोर्टिंग स्टॉफ और टेक्नीशियन की भारी कमी से जूझ रहा है. ज्यादातर गंभीर मामलों को न चाहते हुए प्राथमिक चिकित्सा के बाद इलाहाबाद रेफर कर दिया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि समय से अस्पताल न पहुंच पाने के कारण पीड़ित की मौत भी हो जाती है.
समस्या को देखते हुए इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले में तीन ट्रामा सेंटर बनाये गए थे जिससे लोगों में उम्मीद जगी की गंभीर रूप से घायल लोगों को अब इलाहाबाद या अन्य अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा लेकिन उद्घाटन के बाद भी तीनों ट्रामा सेंटर आज महज शो पीस बन कर रह गए हैं.
वैसे पूर्व के सालों की तरह साल अब भी जिले में चिकित्सा सुविधा के लिहाज से कुछ खास बदलाव नहीं हुआ. स्थानीय अस्पतालों में चिकित्सा का आधार माने जाने वाले चिकित्सकों की भारी कमी है. खास कर विशेषज्ञ तो ढूढ़े नहीं मिल रहे. जिला अस्पताल एवं जिला महिला अस्पताल दोनों में चिकित्सक की बेहद कमी है. जिला महिला अस्पताल में तो दो चिकित्सक मानदेय परके रखे गए हैं.
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि शासन की तरफ से अभी तक ट्रामा सेंटर के लिए मैन पावर और बजट नहीं आया है इसीलिए इसका संचालन नहीं हो पा रहा है.