ETV Bharat / briefs

शो पीस बना प्रतापगढ़ जिले का ट्रामा सेंटर, न डॉक्टर हैं न उपकरण

प्रतापगढ़ में एक साथ तीन ट्रामा सेंटर का उद्घाटन कर के नेताओं ने खूब वाह वाही लूटी लेकिन उद्घाटन के महीनों बाद भी ना तो वहां चिकित्सकों की नियुक्ति हुई और ना ही कोई स्वास्थ्य उपकरण ही लगे पाए.

author img

By

Published : Mar 14, 2019, 11:27 AM IST

प्रतापगढ़ में बिना के महज शो पीस बने ट्रामा सेंटर

प्रतापगढ़: जिले में इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिला चिकित्सालय डॉक्टर, सपोर्टिंग स्टॉफ और टेक्नीशियन की भारी कमी से जूझ रहा है. ज्यादातर गंभीर मामलों को न चाहते हुए प्राथमिक चिकित्सा के बाद इलाहाबाद रेफर कर दिया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि समय से अस्पताल न पहुंच पाने के कारण पीड़ित की मौत भी हो जाती है.

प्रतापगढ़ में बिना डाक्टर और उपकरण के महज शो पीस बने ट्रामा सेंटर

समस्या को देखते हुए इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले में तीन ट्रामा सेंटर बनाये गए थे जिससे लोगों में उम्मीद जगी की गंभीर रूप से घायल लोगों को अब इलाहाबाद या अन्य अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा लेकिन उद्घाटन के बाद भी तीनों ट्रामा सेंटर आज महज शो पीस बन कर रह गए हैं.


वैसे पूर्व के सालों की तरह साल अब भी जिले में चिकित्सा सुविधा के लिहाज से कुछ खास बदलाव नहीं हुआ. स्थानीय अस्पतालों में चिकित्सा का आधार माने जाने वाले चिकित्सकों की भारी कमी है. खास कर विशेषज्ञ तो ढूढ़े नहीं मिल रहे. जिला अस्पताल एवं जिला महिला अस्पताल दोनों में चिकित्सक की बेहद कमी है. जिला महिला अस्पताल में तो दो चिकित्सक मानदेय परके रखे गए हैं.


मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि शासन की तरफ से अभी तक ट्रामा सेंटर के लिए मैन पावर और बजट नहीं आया है इसीलिए इसका संचालन नहीं हो पा रहा है.

प्रतापगढ़: जिले में इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. जिला चिकित्सालय डॉक्टर, सपोर्टिंग स्टॉफ और टेक्नीशियन की भारी कमी से जूझ रहा है. ज्यादातर गंभीर मामलों को न चाहते हुए प्राथमिक चिकित्सा के बाद इलाहाबाद रेफर कर दिया जाता है. कई बार ऐसा भी होता है कि समय से अस्पताल न पहुंच पाने के कारण पीड़ित की मौत भी हो जाती है.

प्रतापगढ़ में बिना डाक्टर और उपकरण के महज शो पीस बने ट्रामा सेंटर

समस्या को देखते हुए इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले में तीन ट्रामा सेंटर बनाये गए थे जिससे लोगों में उम्मीद जगी की गंभीर रूप से घायल लोगों को अब इलाहाबाद या अन्य अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा लेकिन उद्घाटन के बाद भी तीनों ट्रामा सेंटर आज महज शो पीस बन कर रह गए हैं.


वैसे पूर्व के सालों की तरह साल अब भी जिले में चिकित्सा सुविधा के लिहाज से कुछ खास बदलाव नहीं हुआ. स्थानीय अस्पतालों में चिकित्सा का आधार माने जाने वाले चिकित्सकों की भारी कमी है. खास कर विशेषज्ञ तो ढूढ़े नहीं मिल रहे. जिला अस्पताल एवं जिला महिला अस्पताल दोनों में चिकित्सक की बेहद कमी है. जिला महिला अस्पताल में तो दो चिकित्सक मानदेय परके रखे गए हैं.


मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि शासन की तरफ से अभी तक ट्रामा सेंटर के लिए मैन पावर और बजट नहीं आया है इसीलिए इसका संचालन नहीं हो पा रहा है.

Intro:प्रतापगढ़ में एक साथ तीन ट्रामा सेंटर का उदघाटन कर के नेताओं ने खूब वाह वाही लूटी लेकिन उदघाटन के महीनों बाद भी ना तो वहाँ चिकित्सकों की नियुक्ति हुई और ना ही उपकरण ही लगे।


Body:जिले में इमरजेंसी स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है।जिला चिकित्सालय डाक्टर,सपोर्टिंग स्टाफ और टेक्नीशियन की भारी कमी से जूझ रहा है।ज्यादातर गंभीर मामलों को न चाहते हुए प्राथमिक चिकित्सा के बाद इलाहाबाद रेफर कर दिया जाता है कई बार ऐसा भी होता है कि समय से अस्पताल ना पहुच पाने के कारण पीड़ित की मौत भी हो जाती है इसी समस्या को देखते हुए इमरजेंसी चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले में तीन ट्रामा सेंटर बनाये गए जिससे लोगों में उम्मीद जगी की गंभीर रूप से घायल लोगों को अब इलाहाबाद या अन्य अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा लेकिन उदघाटन के बाद भी तीनो ट्रामा सेंटर महज शो पीस बन कर रह गए हैं।
मुख्यचिकित्साधिकारी ने बताया कि शासन की तरफ से अभीतक ट्रामा सेंटर के लिए मैन पावर और बजट नहीं आया है इसीलिए इसका संचालन नहीं हो पा रहा है।

-बाईट-एस के श्रीवास्तव(मुख्यचिकित्साधिकारी)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.